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चंडीगढ़: स्कूलों में बिजली की समस्या को लेकर हाई कोर्ट ने सरकार और बिजली विभाग से मांगा जवाब

पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में बिजली की समस्या से जुड़ी एक याचिका दाखिल की गई है. हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार और हरियाणा बिजली निगम को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट
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Published : Aug 31, 2019, 8:44 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार 24 घंटे बिजली देने के दावे कर रही है. बावजूद इसके पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में बिजली की समस्या से जुड़ी एक याचिका दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया है कि स्कूली बच्चों को बिजली के बिना गर्मी में पढ़ना पड़ता है

दिल्ली निवासी विंग कमांडर आर. एस पांडे ने जनहित याचिका में कहा कि हरियाणा में कुल 5 हजार 605 सरकारी स्कूल हैं. स्कूलों का समय लगभग सात घंटे होता है, जबकि बिजली सिर्फ दो घंटे तक ही मिलती है. हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में जो जनरेटर लगे हैं, उनके डीजल के खर्चे का भी कोई स्थाई प्रबंध नहीं है.

प्राइमरी के अलावा मिडिल स्कूलों में भी बिजली निगम के शेड्यूल से हटकर अन्य कोई बिजली की व्यवस्था नहीं है. याचिकाकर्ता ने स्कूलों में बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की अपील की है. इस मामले में हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार और हरियाणा बिजली निगम को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार 24 घंटे बिजली देने के दावे कर रही है. बावजूद इसके पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में बिजली की समस्या से जुड़ी एक याचिका दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया है कि स्कूली बच्चों को बिजली के बिना गर्मी में पढ़ना पड़ता है

दिल्ली निवासी विंग कमांडर आर. एस पांडे ने जनहित याचिका में कहा कि हरियाणा में कुल 5 हजार 605 सरकारी स्कूल हैं. स्कूलों का समय लगभग सात घंटे होता है, जबकि बिजली सिर्फ दो घंटे तक ही मिलती है. हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में जो जनरेटर लगे हैं, उनके डीजल के खर्चे का भी कोई स्थाई प्रबंध नहीं है.

प्राइमरी के अलावा मिडिल स्कूलों में भी बिजली निगम के शेड्यूल से हटकर अन्य कोई बिजली की व्यवस्था नहीं है. याचिकाकर्ता ने स्कूलों में बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की अपील की है. इस मामले में हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार और हरियाणा बिजली निगम को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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हरियाणा सरकार की तरफ से 24 घंटे बिजली देने के दावों के दूसरी तरफ हाई कोर्ट में आई एक याचिका में बिजली की समस्या को उठाया गया है । याचिका में कहा गया है कि स्कूलों के समय मे बच्चों को बिजली के बिना गर्मी में पढ़ाई करने को मजबूर होना पड़ता है । याचिका में कहा गया है कि हरियाणा में कुल 5605 सरकारी स्कूल है । स्कूलों का समय लगभग सात घंटे होता है जब कि स्कूलों में बिजली मात्र दो घंटे तक ही मिल पाती है ।
हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में जो जनरेटर लगे है उनके डीजल के खर्चे का भी कोई स्थाई प्रबंध नहीं है ।
प्राइमरी के अलावा मिडिल स्कूलों में भी बिजली निगम के शेड्यूल से हटकर अन्य कोई बिजली की व्यवस्था नहीं है । याचिकाकर्ता ने स्कूलों में बच्चों के भविष्य को धयान में रखकर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग को लेकर याचिका दायर की है । इस मामले में हाइकोर्ट ने हरियाणा सरकार व हरियाणा बिजली निगमों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है । Body:वीओ -
हरियाणा के स्कूलों में बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से देने की मांग की एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार व हरियाणा बिजली निगमों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है ।
दिल्ली निवासी विंग कमांडर आर एस पांडे ने जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया कि हरियाणा में कुल 5605 सरकारी स्कूल है । स्कॉलो का समय लगभग सात घंटे होता है जब कि स्कूलों में बिजली मात्र दो घंटे तक ही मिल पाती है । ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह नौ बजे ही बिजली गुल हो जाती है , बिजली आने का समय शाम पांच बजे का है । ऐसे में विधियार्थी पूरा दिन तपतपाती गर्मी में पढ़ाई करने को मजबूर है । इसमे कहा गया है कि स्कूलों में भी बिजली निगम के शेड्यूल से हटकर अन्य कोई बिजली की व्यवस्था नहीं है । हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में जो जनरेटर लगे है उनके डीजल के खर्चे का भी कोई स्थाई प्रबंध नहीं है । बिजली की समस्या का सबसे अधिक प्रभाव प्राइमरी स्कूलों के बच्चों पर पड़ता है क्योंकि प्राइमरी स्कूलों में बच्चे छोटे होते है जो तेज गर्मी को सहन करने में सक्षम नहीं होते । वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में लैब व कप्यूटर का काम होता है लेकिन बिजली की कमी के चलते बच्चे यह काम पुरा नही कर पाते और वो तकनीकी व रिसर्च में पिछड़ रहे । याचीकर्ता ने बच्चों के भविष्य को देखते हुए स्कूल समय में बिजली की सप्लाई सुनिश्चत करने की मांग की है ।Conclusion:याचिका में मांग की गई है कि स्कूलों में बिजली की आपूर्ति सुचारू होनी चाहिए क्योंकि बच्चों के भविष्य से जुड़ा मामला है । इसमें कहा गया है कि स्कूलों में महज 2 घंटे बिजली मिल पाती है जबकि बच्चे गर्मी में पढ़ने को मजबूर होते हैं दूसरी तरफ वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में लैब व कप्यूटर का काम होता है लेकिन बिजली की कमी के चलते इसमें भी बच्चों के स्टडी का नुकसान हो रहा है ।
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