ETV Bharat / state

हिसार के डॉक्टर रमेश पूनिया मामले में गृह मंत्री ने लिया संज्ञान, दिए जांच के आदेश

हिसार में क्वारंटाइन इंचार्ज डॉक्टर रमेश से जिम्मेदारी वापस लेने के मामले में गृह मंत्री ने संज्ञान लिया है. गृह मंत्री ने कोरोना योद्धाओं को निराश ना होने की अपील भी की है.

haryana health minister anil vij gave invegtigation order in hissar doctor ramesh poonia case
अनिल विज, गृह मंत्री, हरियाणा
author img

By

Published : May 13, 2020, 12:17 PM IST

चंडीगढ़: हिसार में डॉक्टर रमेश पूनिया को क्वारंटाइन इंचार्ज की जिम्मेदारियों से मुक्त करने के मामले ने तूल पकड़ ली है. इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज डॉक्टर्स के साथ नजर आए. उन्होंने तुरंत प्रभाव से इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं. इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना वारियर्स को किसी भी स्थिति में निराश नहीं होने की अपील की है.

बता दें कि रविवार को गुरुग्राम से लौटे जेजेपी कार्यकर्ता को आइसोलेशन वार्ड में दाखिल करवाया था और नियमानुसार उसके घर के बाहर होम क्वारंटीन में रहने के लिए पोस्टर लगाया था. उस दौरान उस युवक ने डॉक्टर से बहस की और देख लेने की धमकी दी थी.

डॉक्टर रमेश पर ही हो गई कार्रवाई

इस घटना के बाद डॉक्टर रमेश पूनिया ने डीसी, एसपी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को संबंधित शख्स के खिलाफ शिकायत दी थी, लेकिन डॉक्टर रमेश पर ही कार्रवाई हो गई. इस धमकी के बाद सोमवार को कोरोना विभाग में सबसे आगे होने वाले डॉक्टर रमेश को कोविड-19 की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है. उनकी टीम को एंटी लारवा एक्टिविटी के कामों का चार्ज दे दिया है. वहीं डॉ. रमेश पुनिया की जगह अस्पताल में कार्यरत डॉ. सुरभि को होम क्वारंटीन का नोडल अधिकारी बना दिया गया.

डॉक्टर रमेश ने फेसबुक पर की निराशा व्यक्त

जिम्मेदारियों से मुक्त होने के बाद डॉक्टर रमेश का फेसबुक पर दर्द छलका. उन्हों अपनी पोस्ट में लिखा कि, स्वास्थ्य विभाग में नौकरी करते हुए मुझे 27 साल हो गए हैं, लेकिन कल मुझे एहसास हुआ कि चाहे अधिकारी हो या कर्मचारी, सभी को सत्तासीन राजनेताओं के समक्ष झुकना पड़ता है. मेरे साथ भी कल ऐसी ही एक घटना घटी. कल मातृ दिवस था. मेरे कानों में मेरी माता स्वर्गीय चंद्रमुखी, पूर्व जिला परिषद सदस्या के बोल गूंज रहे थे कि चाहे कोई अमीर हो या गरीब, सबको एक नजर से देखना.

कोरोना से निपटने के लिए डॉ. रमेश पूनिया के सराहनीय काम

  • दड़ौली निवासी पॉजिटिव युवक को लिफ्ट देने वाले का पता लगाने के लिए पांच दिन में 200 सीसीटीवी कैमरों की फूटेज छान मारी. इस दौरान एक और व्यक्ति का पता लगा था, जिसने दड़ौली के युवक को लिफ्ट दी थी. जबकि युवक ने इसके बारे में जिक्र नहीं किया था, ये अपने आप में डॉ. रमेश पुनिया की बड़ी उपलब्धि थी.
  • सेक्टर 16-17 निवासी कोरोना पॉजिटिव महिला के ठीक होने पर घर लौटने पर उसके घर को सैनिटाइज करने से सब पीछे हट गए थे, नगर निगम ने भी हाथ खड़े कर दिए थे, यहां महिला के घर को सैनिटाइज करने की जिम्मेदारी डॉ. रमेश पुनिया ने उठाई थी.
  • गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में क्वारंटीन किए गए लोगों को शुरुआत में पानी और खाना नहीं मिला था, अपने खर्चे पर ही खाना और पानी उपलब्ध करवाया था.
  • जिले में विदेशों से बाहरी राज्यों से लोटे लोगों को क्वारंटनीन करने सहित आइसोलेशन में सैंपल करवाने, हेल्प लाइन नंबर पर आई शिकायतों का निपटारा करने में अहम भूमिका निभा रहे थे.

ये पढ़ें- क्वारंटीन इंचार्ज रमेश पूनिया को दिया मलेरिया विभाग, तबादले को बताया राजनीति से प्रेरित

चंडीगढ़: हिसार में डॉक्टर रमेश पूनिया को क्वारंटाइन इंचार्ज की जिम्मेदारियों से मुक्त करने के मामले ने तूल पकड़ ली है. इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज डॉक्टर्स के साथ नजर आए. उन्होंने तुरंत प्रभाव से इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं. इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना वारियर्स को किसी भी स्थिति में निराश नहीं होने की अपील की है.

बता दें कि रविवार को गुरुग्राम से लौटे जेजेपी कार्यकर्ता को आइसोलेशन वार्ड में दाखिल करवाया था और नियमानुसार उसके घर के बाहर होम क्वारंटीन में रहने के लिए पोस्टर लगाया था. उस दौरान उस युवक ने डॉक्टर से बहस की और देख लेने की धमकी दी थी.

डॉक्टर रमेश पर ही हो गई कार्रवाई

इस घटना के बाद डॉक्टर रमेश पूनिया ने डीसी, एसपी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को संबंधित शख्स के खिलाफ शिकायत दी थी, लेकिन डॉक्टर रमेश पर ही कार्रवाई हो गई. इस धमकी के बाद सोमवार को कोरोना विभाग में सबसे आगे होने वाले डॉक्टर रमेश को कोविड-19 की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है. उनकी टीम को एंटी लारवा एक्टिविटी के कामों का चार्ज दे दिया है. वहीं डॉ. रमेश पुनिया की जगह अस्पताल में कार्यरत डॉ. सुरभि को होम क्वारंटीन का नोडल अधिकारी बना दिया गया.

डॉक्टर रमेश ने फेसबुक पर की निराशा व्यक्त

जिम्मेदारियों से मुक्त होने के बाद डॉक्टर रमेश का फेसबुक पर दर्द छलका. उन्हों अपनी पोस्ट में लिखा कि, स्वास्थ्य विभाग में नौकरी करते हुए मुझे 27 साल हो गए हैं, लेकिन कल मुझे एहसास हुआ कि चाहे अधिकारी हो या कर्मचारी, सभी को सत्तासीन राजनेताओं के समक्ष झुकना पड़ता है. मेरे साथ भी कल ऐसी ही एक घटना घटी. कल मातृ दिवस था. मेरे कानों में मेरी माता स्वर्गीय चंद्रमुखी, पूर्व जिला परिषद सदस्या के बोल गूंज रहे थे कि चाहे कोई अमीर हो या गरीब, सबको एक नजर से देखना.

कोरोना से निपटने के लिए डॉ. रमेश पूनिया के सराहनीय काम

  • दड़ौली निवासी पॉजिटिव युवक को लिफ्ट देने वाले का पता लगाने के लिए पांच दिन में 200 सीसीटीवी कैमरों की फूटेज छान मारी. इस दौरान एक और व्यक्ति का पता लगा था, जिसने दड़ौली के युवक को लिफ्ट दी थी. जबकि युवक ने इसके बारे में जिक्र नहीं किया था, ये अपने आप में डॉ. रमेश पुनिया की बड़ी उपलब्धि थी.
  • सेक्टर 16-17 निवासी कोरोना पॉजिटिव महिला के ठीक होने पर घर लौटने पर उसके घर को सैनिटाइज करने से सब पीछे हट गए थे, नगर निगम ने भी हाथ खड़े कर दिए थे, यहां महिला के घर को सैनिटाइज करने की जिम्मेदारी डॉ. रमेश पुनिया ने उठाई थी.
  • गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में क्वारंटीन किए गए लोगों को शुरुआत में पानी और खाना नहीं मिला था, अपने खर्चे पर ही खाना और पानी उपलब्ध करवाया था.
  • जिले में विदेशों से बाहरी राज्यों से लोटे लोगों को क्वारंटनीन करने सहित आइसोलेशन में सैंपल करवाने, हेल्प लाइन नंबर पर आई शिकायतों का निपटारा करने में अहम भूमिका निभा रहे थे.

ये पढ़ें- क्वारंटीन इंचार्ज रमेश पूनिया को दिया मलेरिया विभाग, तबादले को बताया राजनीति से प्रेरित

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.