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GST फर्जीवाड़े पर सख्त हरियाणा सरकार, 12314 फर्मों का पंजीकरण रद्द - हरियाणा में 12314 जीएसटी फर्म रद्द

जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में फर्जीवाड़े पर हरियाणा सरकार सख्त हो गई है. हरियाणा सरकार ने फर्जीवाड़ा कर रहे व्‍यापारिक फर्मों पर गाज गिरानी शुरू कर दी है. राज्‍य सरकार द्वारा 12 हजार 314 फर्मों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है. इससे व्यापारियों व कारोबारियों में हड़़कंप मच गया है.

haryana govt cancelled 12314 gst firms
GST फर्जीवाड़े में सख्त हरियाणा सरकार
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Published : Nov 28, 2019, 2:23 PM IST

चंडीगढ़ः राज्‍य में सभी नए जीएसटी डीलरों का पंजीकरण की तिथि से 15 दिनों के भीतर भौतिक सर्वेक्षण या निरीक्षण अनिवार्य कर दिया गया है. प्रदेश में एक लाख 13 हजार 590 नए पंजीकृत करदाताओं के सर्वेक्षण में 16 हजार 967 करदाता नदारद मिले. इनमें से 12 हजार 314 का पंजीकरण रद कर 63.12 करोड़ रुपये वसूले गए हैं. इसके अलावा रोड साइड चेकिंग (जुर्माना) के चार हजार 325 मामलों में 38.72 करोड़ रुपये की वसूली की गई है.

इतनी फर्मों का पंजीकरण रद्द
आबकारी और कराधान विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कर चोरी को रोकने और जीएसटी संग्रह में सुधार के लिए लेफ्ट आउट फर्मों के पंजीकरण और फर्जी फर्मों के पंजीकरण को रद करने के लिए राज्यव्यापी अभियान चलाया जाए. 40 लाख रुपये से अधिक के कारोबार वाले व्यक्ति को जीएसटी सिस्टम में पंजीकरण कराना जरूरी है.

GST फर्जीवाड़े में सख्त हरियाणा सरकार

नए GST डीलरों का भौतिक सर्वेक्षण अनिवार्य
सीएम मनोहरलाल ने कहा कि अधिकारी नियुक्त किए जाएं जो व्यक्तिगत रूप से विभिन्न जिलों में कम से कम 50 पंजीकृत डीलर के पास जाएंगे, जिन्होंने रिटर्न दाखिल नहीं किया है. महकमे के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में वैट व्यवस्था में 2.25 लाख करदाता थे जो अब जीएसटी व्यवस्था में बढ़कर 4.48 लाख हो गए हैं.

ये भी पढ़ेंः 'भ्रष्टाचार के मामलों में सख्ती से हो कार्रवाई, सीएम विंडो पर जल्द हो शिकायतों का निपटारा'

विभाग ने एक हजार 262 करोड़ रुपये की वसूली की है. इस दौरान फेक ट्रांजिशनल के 2058 मामलों का पता लगा जिनसे 262.49 करोड़ रुपये बरामद हुए. जीएसटीआर-1 बनाम जीएसटीआर 3 बी के बेमेल के तीन हजार 85 और जीएसटीआर-2ए बनाम जीएसटीआर-3बी के बेमेल के 15 हजार 220 मामलों का पता चला है. आरोपितों से क्रमश: 161.78 करोड़ और 284.37 करोड़ रुपये वसूली गई. इसी तरह चार हजार 134 फर्जी ई-वे बिल की पहचान कर 451.75 करोड़ रुपये वसूले गए.

कर भरने में नंबर वन हरियाणा
हरियाणा ने विगत जुलाई से अक्टूबर तक जीएसटी संग्रह के तहत 30.54 फीसद की शानदार वृद्धि दर दर्ज की है जो देश में सर्वाधिक है. इस दौरान जीएसटी के रूप में छह हजार 930 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं. प्रदेश में छह हजार 160 करदाताओं की पहचान की गई है जो कुल राज्य जीएसटी राजस्व में करीब 80 फीसद का योगदान करते हैं.

वित्तीय वर्ष 2018-19 में जीएसटी में प्रति माह 4602.56 करोड़ रुपये का योगदान दिया गया. राज्य का कुल संग्रह 55,231 करोड़ रुपये है. प्रदेश में प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह 21 हजार 744.49 रुपये है, जबकि राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह नौ हजार 370.33 रुपये है. इस तरह हरियाणा में जीएसटी संग्रह राष्ट्रीय औसत से ढाई गुणा अधिक है.

चंडीगढ़ः राज्‍य में सभी नए जीएसटी डीलरों का पंजीकरण की तिथि से 15 दिनों के भीतर भौतिक सर्वेक्षण या निरीक्षण अनिवार्य कर दिया गया है. प्रदेश में एक लाख 13 हजार 590 नए पंजीकृत करदाताओं के सर्वेक्षण में 16 हजार 967 करदाता नदारद मिले. इनमें से 12 हजार 314 का पंजीकरण रद कर 63.12 करोड़ रुपये वसूले गए हैं. इसके अलावा रोड साइड चेकिंग (जुर्माना) के चार हजार 325 मामलों में 38.72 करोड़ रुपये की वसूली की गई है.

इतनी फर्मों का पंजीकरण रद्द
आबकारी और कराधान विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कर चोरी को रोकने और जीएसटी संग्रह में सुधार के लिए लेफ्ट आउट फर्मों के पंजीकरण और फर्जी फर्मों के पंजीकरण को रद करने के लिए राज्यव्यापी अभियान चलाया जाए. 40 लाख रुपये से अधिक के कारोबार वाले व्यक्ति को जीएसटी सिस्टम में पंजीकरण कराना जरूरी है.

GST फर्जीवाड़े में सख्त हरियाणा सरकार

नए GST डीलरों का भौतिक सर्वेक्षण अनिवार्य
सीएम मनोहरलाल ने कहा कि अधिकारी नियुक्त किए जाएं जो व्यक्तिगत रूप से विभिन्न जिलों में कम से कम 50 पंजीकृत डीलर के पास जाएंगे, जिन्होंने रिटर्न दाखिल नहीं किया है. महकमे के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में वैट व्यवस्था में 2.25 लाख करदाता थे जो अब जीएसटी व्यवस्था में बढ़कर 4.48 लाख हो गए हैं.

ये भी पढ़ेंः 'भ्रष्टाचार के मामलों में सख्ती से हो कार्रवाई, सीएम विंडो पर जल्द हो शिकायतों का निपटारा'

विभाग ने एक हजार 262 करोड़ रुपये की वसूली की है. इस दौरान फेक ट्रांजिशनल के 2058 मामलों का पता लगा जिनसे 262.49 करोड़ रुपये बरामद हुए. जीएसटीआर-1 बनाम जीएसटीआर 3 बी के बेमेल के तीन हजार 85 और जीएसटीआर-2ए बनाम जीएसटीआर-3बी के बेमेल के 15 हजार 220 मामलों का पता चला है. आरोपितों से क्रमश: 161.78 करोड़ और 284.37 करोड़ रुपये वसूली गई. इसी तरह चार हजार 134 फर्जी ई-वे बिल की पहचान कर 451.75 करोड़ रुपये वसूले गए.

कर भरने में नंबर वन हरियाणा
हरियाणा ने विगत जुलाई से अक्टूबर तक जीएसटी संग्रह के तहत 30.54 फीसद की शानदार वृद्धि दर दर्ज की है जो देश में सर्वाधिक है. इस दौरान जीएसटी के रूप में छह हजार 930 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं. प्रदेश में छह हजार 160 करदाताओं की पहचान की गई है जो कुल राज्य जीएसटी राजस्व में करीब 80 फीसद का योगदान करते हैं.

वित्तीय वर्ष 2018-19 में जीएसटी में प्रति माह 4602.56 करोड़ रुपये का योगदान दिया गया. राज्य का कुल संग्रह 55,231 करोड़ रुपये है. प्रदेश में प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह 21 हजार 744.49 रुपये है, जबकि राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह नौ हजार 370.33 रुपये है. इस तरह हरियाणा में जीएसटी संग्रह राष्ट्रीय औसत से ढाई गुणा अधिक है.

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हरियाणा ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान जुलाई, 2019 से अक्टूबर, 2019 तक गत चार महीनों में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह के तहत 30.54 प्रतिशत की उल्लेखनिय वृद्धि दर दर्ज की है, जो देश में सर्वाधिक है । इस अवधि के दौरान जीएसटी के रूप में 6,930 करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं । आबकारी और कराधान विभाग की कार्यप्रणाली की समीक्षा करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह जानकारी दी गई । बैठक में यह बताया गया कि जीएसटी के तहत कर चोरी को रोकने के लिए विभाग की कर अनुसंधान इकाई द्वारा नियमित रूप से आवक एवं बहिर्गामी आपूर्ति और कर भुगतान के बीच किसी भी बेमेल की पहचान करके पंजीकृत डीलरों की बिक्री की समीक्षा की जाती है । यह भी बताया गया कि 6,160 करदाताओं की पहचान की गई है जो कुल राज्य जीएसटी राजस्व में लगभग 80 प्रतिशत योगदान करते हैं । नियमित रूप से कर का भुगतान करने के लिए उन्हें और प्रोत्साहित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया गया है और इसके परिणामस्वरूप पिछले चार महीनों के दौरान रिटर्न में काफी वृद्धि हुई है । यह भी बताया गया कि राज्य में करदाता आधार, जो वैट व्यवस्था मेंं 2.25 लाख था जीएसटी व्यवस्था में बढ़ाकर 4.48 लाख करदाताओं का हो गया है। इसके अलावा, 1,13,590 नए पंजीकृत करदाताओं का भौतिक सर्वेक्षण किया गया, जिनमें से 16,967 गैर-मौजूद या गैर-कार्यात्मक पाए गए। बताया गया कि 12,314 का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है । विभाग द्वारा फेक ट्रांजिशनल के 2058 मामलों का पता लगाया गया है और 262.49 करोड़ रुपये की राशि बरामद की गई है । इसी तरह, जीएसटीआर-1 बनाम जीएसटीआर 3 बी के बेमेल के 3,085 और जीएसटीआर2ए बनाम जीएसटीआर3बी के बेमेल के 15,220 मामलों का पता चला है और क्रमश: 161.78 करोड़ रुपये और 284.37 करोड़ रुपये की राशि बरामद की गई है। इसी तरह, 4,134 फर्जी ई-वे बिल की पहचान की गई है और 451.75 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। इसके अलावा, 1,13,590 नए पंजीकृत करदाताओं का सर्वेक्षण में 16,967 करदाता गैर-मौजूद पाए गए और उनसे 63.12 करोड़ रुपये वसूले गए। इसके अलावा, रोड साइड चेकिंग (जुर्माना) के 4,325 मामलों में 38.72 करोड़ रुपये की वसूली की गई है ।Body:मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कर चोरी को रोकने और जीएसटी संग्रह में सुधार करने के उद्देश्य से राज्य में जीएसटी के तहत लेफ्ट आउट फर्मों के पंजीकरण के लिए और फर्जी फर्मों के पंजीकरण को रद्द करने के लिए राज्यव्यापी पंजीकरण अभियान शुरू किया जाना चाहिए । जीएसटी व्यवस्था के तहत एक व्यवसाय, जिसका कारोबार 40 लाख रुपये से अधिक का है, के लिए एक सामान्य करयोग्य व्यक्ति के रूप में पंजीकृत करना आवश्यक है । उन्होंने विभाग को ऐसे अधिकारियों को भी नियुक्त करने का निर्देश दिए जो व्यक्तिगत रूप से विभिन्न जिलों में ऐसे कम से कम 50 लोगों के पास जाएंगे, जो पंजीकृत डीलर हैं, लेकिन उन्होंने रिटर्न दाखिल नहीं किया ताकि रिटर्न दाखिल न करने के कारण का पता लगाया जा सके और तदनुसार कदम उठाए जा सकें ।

बैठक में बताया गया कि सभी नए जीएसटी पंजीकरणों के लिए हरियाणा ने पंजीकरण की तिथि से 15 दिनों के भीतर एक भौतिक सर्वेक्षण या निरीक्षण अनिवार्य कर दिया है। यह भी बताया गया कि जीएसटी के संबंध में उठाए गए प्रवर्तन कदमों के परिणामस्वरूप विभाग ने 1,262.23 करोड़ रुपये की वसूली की है । विभाग द्वारा फेक ट्रांजिशनल के 2058 मामलों का पता लगाया गया है और 262.49 करोड़ रुपये की राशि बरामद की गई है । इसी तरह, जीएसटीआर-1 बनाम जीएसटीआर 3 बी के बेमेल के 3,085 और जीएसटीआर2ए बनाम जीएसटीआर3बी के बेमेल के 15,220 मामलों का पता चला है और क्रमश: 161.78 करोड़ रुपये और 284.37 करोड़ रुपये की राशि बरामद की गई है। इसी तरह, 4,134 फर्जी ई-वे बिल की पहचान की गई है और 451.75 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। इसके अलावा, 1,13,590 नए पंजीकृत करदाताओं का सर्वेक्षण में 16,967 करदाता गैर-मौजूद पाए गए और उनसे 63.12 करोड़ रुपये वसूले गए । इसके अलावा, रोड साइड चेकिंग (जुर्माना) के 4,325 मामलों में 38.72 करोड़ रुपये की वसूली की गई है । बैठक में बताया गया कि हरियाणा ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में जीएसटी में प्रति माह 4602.56 करोड़ रुपये का योगदान दिया। राज्य का कुल संग्रह 55,231 करोड़ रुपये है । यह बताया गया कि हरियाणा में प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह 21,744.49 रुपये है, जबकि राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह 9370.33 रुपये है और यह राष्ट्रीय औसत का लगभग 2.5 गुना अधिक है ।Conclusion:बैठक में आबकारी और कराधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव वी.उमाशंकर, आबकारी और कराधान आयुक्त अमित कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री की उप प्रधान सचिव आशिमा बराड़ और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थति थे।
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