चंडीगढ़ः राज्य में सभी नए जीएसटी डीलरों का पंजीकरण की तिथि से 15 दिनों के भीतर भौतिक सर्वेक्षण या निरीक्षण अनिवार्य कर दिया गया है. प्रदेश में एक लाख 13 हजार 590 नए पंजीकृत करदाताओं के सर्वेक्षण में 16 हजार 967 करदाता नदारद मिले. इनमें से 12 हजार 314 का पंजीकरण रद कर 63.12 करोड़ रुपये वसूले गए हैं. इसके अलावा रोड साइड चेकिंग (जुर्माना) के चार हजार 325 मामलों में 38.72 करोड़ रुपये की वसूली की गई है.
इतनी फर्मों का पंजीकरण रद्द
आबकारी और कराधान विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कर चोरी को रोकने और जीएसटी संग्रह में सुधार के लिए लेफ्ट आउट फर्मों के पंजीकरण और फर्जी फर्मों के पंजीकरण को रद करने के लिए राज्यव्यापी अभियान चलाया जाए. 40 लाख रुपये से अधिक के कारोबार वाले व्यक्ति को जीएसटी सिस्टम में पंजीकरण कराना जरूरी है.
नए GST डीलरों का भौतिक सर्वेक्षण अनिवार्य
सीएम मनोहरलाल ने कहा कि अधिकारी नियुक्त किए जाएं जो व्यक्तिगत रूप से विभिन्न जिलों में कम से कम 50 पंजीकृत डीलर के पास जाएंगे, जिन्होंने रिटर्न दाखिल नहीं किया है. महकमे के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में वैट व्यवस्था में 2.25 लाख करदाता थे जो अब जीएसटी व्यवस्था में बढ़कर 4.48 लाख हो गए हैं.
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विभाग ने एक हजार 262 करोड़ रुपये की वसूली की है. इस दौरान फेक ट्रांजिशनल के 2058 मामलों का पता लगा जिनसे 262.49 करोड़ रुपये बरामद हुए. जीएसटीआर-1 बनाम जीएसटीआर 3 बी के बेमेल के तीन हजार 85 और जीएसटीआर-2ए बनाम जीएसटीआर-3बी के बेमेल के 15 हजार 220 मामलों का पता चला है. आरोपितों से क्रमश: 161.78 करोड़ और 284.37 करोड़ रुपये वसूली गई. इसी तरह चार हजार 134 फर्जी ई-वे बिल की पहचान कर 451.75 करोड़ रुपये वसूले गए.
कर भरने में नंबर वन हरियाणा
हरियाणा ने विगत जुलाई से अक्टूबर तक जीएसटी संग्रह के तहत 30.54 फीसद की शानदार वृद्धि दर दर्ज की है जो देश में सर्वाधिक है. इस दौरान जीएसटी के रूप में छह हजार 930 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं. प्रदेश में छह हजार 160 करदाताओं की पहचान की गई है जो कुल राज्य जीएसटी राजस्व में करीब 80 फीसद का योगदान करते हैं.
वित्तीय वर्ष 2018-19 में जीएसटी में प्रति माह 4602.56 करोड़ रुपये का योगदान दिया गया. राज्य का कुल संग्रह 55,231 करोड़ रुपये है. प्रदेश में प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह 21 हजार 744.49 रुपये है, जबकि राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह नौ हजार 370.33 रुपये है. इस तरह हरियाणा में जीएसटी संग्रह राष्ट्रीय औसत से ढाई गुणा अधिक है.