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हरियाणा सरकार ने MBBS की नई बॉन्ड पॉलिसी की अधिसूचना जारी की, एक साल के अंदर कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी की गारंटी

हरियाणा सरकार ने MBBS की नई बॉड पॉलिसी की मंजूरी देने के साथ ही अब अधिसूचना जारी कर दी है. नई पॉलिसी के तहत बॉन्ड अवधि सात साल से घटाकर पांच साल और राशि 40 लाख से घटाकर 30 लाख निर्धारित की गई है. (Bond Policy Controversy in Haryana)

Haryana government issued notification of bond policy for MBBS
हरियाणा सरकार ने MBBS की नई बॉन्ड पॉलिसी की नोटिफिकेशन जारी की
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Published : Dec 21, 2022, 6:16 PM IST

Updated : Dec 21, 2022, 6:21 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने MBBS की नई बॉड पॉलिसी को मंजूरी दे दी है. प्रदेश सरकार ने संशोधित बॉन्ड पॉलिसी की अधिसूचना जारी कर दी है. नई पॉलिसी के तहत बॉन्ड अवधि सात साल से घटाकर पांच साल और राशि 40 लाख से घटाकर 30 लाख निर्धारित की गई है. इसके अलावा एमबीबीएस की डिग्री करने वालों को एक साल के अंदर अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) के आधार पर नौकरी देने की गारंटी दी गई है. नई पॉलिसी के अनुसार जो बॉन्ड के 30 लाख में से जो चार साल की फीस है उसमें से माइनस कर दिया जाएगा. (Bond Policy Controversy in Haryana) ( new bond policy for MBBS students)

Haryana government issued notification of bond policy for MBBS
नोटिफिकेशन
Haryana government issued notification of bond policy for MBBS
नोटिफिकेशन.

ये हैं नई बॉन्ड पॉलिसी की बड़ी बातें...

  1. सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए पहले साल की फीस 80,000 की गई है.
  2. सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए दूसरे साल की फीस 86,141 की गई है.
  3. सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए तीसरे साल की फीस 92,896 की गई है.
  4. सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए चौथे साल की फीस 1 लाख 327 की गई है.
  5. सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए पांचवे साल की फीस 63,546 की गई है.
  6. सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों के लिए पहले से चौथे साल लक हर वर्ष फीस 1,80,000 की गई है.
  7. सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए पांचवे साल की फीस 90,000 की गई है.
  8. कुल फीस 8 लाख 10 हजार की गई है.

ये हैं एमबीबीएस छात्रों की मुख्य मांगें...

  1. सरकारी कॉलेज से पास आउट छात्रों के लिए सिर्फ एक साल सरकारी अस्पताल में नौकरी का प्रावधान हो.
  2. डिग्री पूरी होने के दो महीने में एमबीबीएस छात्र को पोस्टिंग दी जाए, ऐसा नहीं होने पर छात्र को बॉन्ड से मुक्त किया जाए.
  3. कोई छात्र नौकरी जॉइन नहीं करता है तो बॉन्ड उल्लंघन की राशि अधिकतम 10 लाख होनी चाहिए.
  4. बैंक द्वारा छात्र के नाम पर लोन उस स्थिति में सेक्शन किया जाना चाहिए, जब वह सरकारी पोस्टिंग को ठुकराता है.
  5. छात्र को अगर पीजी, एमडी, एमएस में दाखिला मिल जाता है तो उसे कोर्स पूरा करने के बाद सेवा पूरी करने की अनुमति दी जाए.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में बॉन्ड पॉलिसी विवाद: करनाल में एमबीबीएस छात्रों का धरना जारी

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने MBBS की नई बॉड पॉलिसी को मंजूरी दे दी है. प्रदेश सरकार ने संशोधित बॉन्ड पॉलिसी की अधिसूचना जारी कर दी है. नई पॉलिसी के तहत बॉन्ड अवधि सात साल से घटाकर पांच साल और राशि 40 लाख से घटाकर 30 लाख निर्धारित की गई है. इसके अलावा एमबीबीएस की डिग्री करने वालों को एक साल के अंदर अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) के आधार पर नौकरी देने की गारंटी दी गई है. नई पॉलिसी के अनुसार जो बॉन्ड के 30 लाख में से जो चार साल की फीस है उसमें से माइनस कर दिया जाएगा. (Bond Policy Controversy in Haryana) ( new bond policy for MBBS students)

Haryana government issued notification of bond policy for MBBS
नोटिफिकेशन
Haryana government issued notification of bond policy for MBBS
नोटिफिकेशन.

ये हैं नई बॉन्ड पॉलिसी की बड़ी बातें...

  1. सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए पहले साल की फीस 80,000 की गई है.
  2. सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए दूसरे साल की फीस 86,141 की गई है.
  3. सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए तीसरे साल की फीस 92,896 की गई है.
  4. सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए चौथे साल की फीस 1 लाख 327 की गई है.
  5. सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए पांचवे साल की फीस 63,546 की गई है.
  6. सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों के लिए पहले से चौथे साल लक हर वर्ष फीस 1,80,000 की गई है.
  7. सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए पांचवे साल की फीस 90,000 की गई है.
  8. कुल फीस 8 लाख 10 हजार की गई है.

ये हैं एमबीबीएस छात्रों की मुख्य मांगें...

  1. सरकारी कॉलेज से पास आउट छात्रों के लिए सिर्फ एक साल सरकारी अस्पताल में नौकरी का प्रावधान हो.
  2. डिग्री पूरी होने के दो महीने में एमबीबीएस छात्र को पोस्टिंग दी जाए, ऐसा नहीं होने पर छात्र को बॉन्ड से मुक्त किया जाए.
  3. कोई छात्र नौकरी जॉइन नहीं करता है तो बॉन्ड उल्लंघन की राशि अधिकतम 10 लाख होनी चाहिए.
  4. बैंक द्वारा छात्र के नाम पर लोन उस स्थिति में सेक्शन किया जाना चाहिए, जब वह सरकारी पोस्टिंग को ठुकराता है.
  5. छात्र को अगर पीजी, एमडी, एमएस में दाखिला मिल जाता है तो उसे कोर्स पूरा करने के बाद सेवा पूरी करने की अनुमति दी जाए.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में बॉन्ड पॉलिसी विवाद: करनाल में एमबीबीएस छात्रों का धरना जारी

Last Updated : Dec 21, 2022, 6:21 PM IST
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