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हरियाणा में इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी दे रही सरकार, कंपनियों को प्लांट लगाने में भी कर रही मदद

केंद्र और राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं. साथ ही केंद्र और राज्य सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी (subsidy on electric vehicle in haryana) भी दे रही हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनी रियोटो इलेक्ट्रिक के सीईओ संदीप रहलान ने कुछ खास बातें बताई.

subsidy on electric vehicle in haryana
subsidy on electric vehicle in haryana
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Published : Dec 15, 2021, 8:18 PM IST

चंडीगढ़: तेज गति से बढ़ता प्रदूषण न सिर्फ देश के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी एक बड़ी समस्या बन चुका है. जिसका मुख्य कारण पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों को माना जा रहा है. इस समस्या के समाधान के लिए न सिर्फ देश बल्कि दुनिया इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ रूख कर रही है. केंद्र सरकार व हरियाणा सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicle in India) के उपयोग के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही हैं. साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग पर जोर दे रही हैं. इसी को लेकर इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनी रियोटो इलेक्ट्रिक के सीईओ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और हरियाणा में इलेक्ट्रिक वाहनों की योजना के बारे में जानकारी दी.

इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को लेकर इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनी रियोटो के सीईओ संदीप रहलान ने बताया कि यह बात तो साफ हो चुकी है कि भविष्य इलेक्ट्रिक वाहनों का ही है. न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के तमाम देश इस टेक्नोलॉजी को और ज्यादा बेहतर करने में लगे हुए हैं. भारत सरकार भी देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और हरियाणा सरकार के प्रयास भी सराहनीय हैं.

कंपनी रियोटो इलेक्ट्रिक के सीईओ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की

संदीप रहलान ने बताया कि केंद्र और हरियाणा सरकार दोनों ही इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले लोगों को अलग-अलग सब्सिडी (subsidy on electric vehicle in haryana) दे रही हैं. सब्सिडाइज मॉडल पर केंद्र सरकार की ओर से 15 हजार से 20 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाती है, जबकि राज्य सरकार 5 हजार से 15 हजार की सब्सिडी दे रही है. जिससे लोगों को कम दाम में वाहन मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसके अलावा कम स्पीड लिमिट वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार की ओर से कोई रजिस्ट्रेशन नहीं रखा गया है. साथ ही इसके लिए ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत भी नहीं पड़ती जो ग्राहकों के लिए अच्छी बात है. रजिस्ट्रेशन न होने की वजह से लोगों का खर्चा बचता है.

संदीप रहलान ने बताया कि हमारी कंपनी ने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हिसार और झज्जर में लगाए हैं. प्लांट लगाने में किसी तरह की कोई समस्या नहीं आई. हरियाणा सरकार (electric vehicle in Haryana) से सभी तरह की मंजूरी तुरंत दे दी गई और जो भी जरूरत है सरकार की ओर से उन जरूरतों को तुरंत पूरा किया गया. इसके अलावा उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार भी मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों (electric vehicle manufacturers in india) की सहायता कर रही है. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी लगातार कंपनियों के संपर्क में रहते हैं और वाहनों को और बेहतर व सस्ता करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- दिल्ली सरकार की पहल, इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जर लगाना होगा आसान

संदीप रहलान ने बताया कि फिलहाल वाहनों के कई पार्ट्स विदेशों से मंगाने पड़ रहे हैं, लेकिन सरकार उस दिशा में भी काम कर रही है कि सभी पार्ट्स को भारत में ही बनाया जाए ताकि वाहनों का दाम और कम किया जा सके. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जिस तेजी के साथ लोग पेट्रोल और डीजल वाहन छोड़कर इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ रुख कर रहे हैं. उस तेजी के साथ वाहनों की प्रोडक्शन नहीं हो पा रही है. इसमें सबसे बड़ी समस्या लिथियम आयन बैटरी की है. बता दें कि लिथियम आयन बैटरी का प्रयोग वाहनों में सबसे बेहतर होता है, क्योंकि यह जल्दी चार्ज होती है और देर तक चलती है. जब देश में इसका प्रोडक्शन बढ़ जाएगा तो वाहनों की जरूरत भी पूरी होगी और वाहनों का दाम भी कम होगा.

गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने देश भर में 5 लाख से 7 लाख इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन (electric vehicle charging station) लगाने की मंजूरी दी है. जिसके चलते सरकार जल्दी ही चार्जिंग स्टेशन लगाने शुरू कर देगी. यह चार्जिंग स्टेशन हर शहर और हाईवे पर लगाए जाएंगे. इसके साथ ही इनकी संख्या को लगातार बढ़ाया जाएगा. जिससे इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले व्यक्ति को वाहन चार्ज करने की भी समस्या नहीं रहेगी.

ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार ने 2029 तक सभी सरकारी और निजी वाहनों को इलेक्ट्रिक करने का टारगेट रखा

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चंडीगढ़: तेज गति से बढ़ता प्रदूषण न सिर्फ देश के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी एक बड़ी समस्या बन चुका है. जिसका मुख्य कारण पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों को माना जा रहा है. इस समस्या के समाधान के लिए न सिर्फ देश बल्कि दुनिया इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ रूख कर रही है. केंद्र सरकार व हरियाणा सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicle in India) के उपयोग के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही हैं. साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग पर जोर दे रही हैं. इसी को लेकर इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनी रियोटो इलेक्ट्रिक के सीईओ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और हरियाणा में इलेक्ट्रिक वाहनों की योजना के बारे में जानकारी दी.

इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को लेकर इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनी रियोटो के सीईओ संदीप रहलान ने बताया कि यह बात तो साफ हो चुकी है कि भविष्य इलेक्ट्रिक वाहनों का ही है. न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के तमाम देश इस टेक्नोलॉजी को और ज्यादा बेहतर करने में लगे हुए हैं. भारत सरकार भी देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और हरियाणा सरकार के प्रयास भी सराहनीय हैं.

कंपनी रियोटो इलेक्ट्रिक के सीईओ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की

संदीप रहलान ने बताया कि केंद्र और हरियाणा सरकार दोनों ही इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले लोगों को अलग-अलग सब्सिडी (subsidy on electric vehicle in haryana) दे रही हैं. सब्सिडाइज मॉडल पर केंद्र सरकार की ओर से 15 हजार से 20 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाती है, जबकि राज्य सरकार 5 हजार से 15 हजार की सब्सिडी दे रही है. जिससे लोगों को कम दाम में वाहन मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसके अलावा कम स्पीड लिमिट वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार की ओर से कोई रजिस्ट्रेशन नहीं रखा गया है. साथ ही इसके लिए ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत भी नहीं पड़ती जो ग्राहकों के लिए अच्छी बात है. रजिस्ट्रेशन न होने की वजह से लोगों का खर्चा बचता है.

संदीप रहलान ने बताया कि हमारी कंपनी ने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हिसार और झज्जर में लगाए हैं. प्लांट लगाने में किसी तरह की कोई समस्या नहीं आई. हरियाणा सरकार (electric vehicle in Haryana) से सभी तरह की मंजूरी तुरंत दे दी गई और जो भी जरूरत है सरकार की ओर से उन जरूरतों को तुरंत पूरा किया गया. इसके अलावा उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार भी मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों (electric vehicle manufacturers in india) की सहायता कर रही है. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी लगातार कंपनियों के संपर्क में रहते हैं और वाहनों को और बेहतर व सस्ता करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं.

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संदीप रहलान ने बताया कि फिलहाल वाहनों के कई पार्ट्स विदेशों से मंगाने पड़ रहे हैं, लेकिन सरकार उस दिशा में भी काम कर रही है कि सभी पार्ट्स को भारत में ही बनाया जाए ताकि वाहनों का दाम और कम किया जा सके. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जिस तेजी के साथ लोग पेट्रोल और डीजल वाहन छोड़कर इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ रुख कर रहे हैं. उस तेजी के साथ वाहनों की प्रोडक्शन नहीं हो पा रही है. इसमें सबसे बड़ी समस्या लिथियम आयन बैटरी की है. बता दें कि लिथियम आयन बैटरी का प्रयोग वाहनों में सबसे बेहतर होता है, क्योंकि यह जल्दी चार्ज होती है और देर तक चलती है. जब देश में इसका प्रोडक्शन बढ़ जाएगा तो वाहनों की जरूरत भी पूरी होगी और वाहनों का दाम भी कम होगा.

गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने देश भर में 5 लाख से 7 लाख इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन (electric vehicle charging station) लगाने की मंजूरी दी है. जिसके चलते सरकार जल्दी ही चार्जिंग स्टेशन लगाने शुरू कर देगी. यह चार्जिंग स्टेशन हर शहर और हाईवे पर लगाए जाएंगे. इसके साथ ही इनकी संख्या को लगातार बढ़ाया जाएगा. जिससे इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले व्यक्ति को वाहन चार्ज करने की भी समस्या नहीं रहेगी.

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