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हरियाणा सरकार ने स्मार्ट मीटर योजना को डाला होल्ड पर, ये है वजह

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Published : Dec 28, 2019, 4:22 PM IST

हरियाणा सरकार ने अपनी स्मार्ट मीटर योजना को फिलहाल होल्ड पर डाल दिया है. सरकार का मानना है कि इस योजना से अभी कई तरह की परेशानियां उपभोक्ताओं को आ सकती है. जिसे देखते हुए सरकान ने ये निर्णय लिया है.

स्मार्ट मीटर योजना
स्मार्ट मीटर योजना

चंडीगढ़: प्रदेश सरकार ने स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट को फिलहाल के लिए होल्ड कर दिया है. ये स्मार्ट मीटर घरों में बिजली के पुराने मीटर की जगह लेगने वाले थे और इस योजना के तहत लगने वाले स्मार्ट मीटर में बिजली उपभोक्ता को पहले रिचार्ज कराना पड़ता, उसके बाद रिचार्ज राशि के हिसाब से ही बिजली की यूनिट खर्च करने को मिलती. लेकिन इस योजना में प्रदेशभर के बिजली उपभोक्ताओं को आने वाली परेशानियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने फिलहाल के लिए योजना को होल्ड कर दिया है.

सरकार ने रोकी स्मार्ट मीटर योजना, ये है वजह
बता दें, हरियाणा सरकार ने प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने का एक प्रपोजल बनाया था. जिसको अब होल्ड पर डाल दिया गया है. इस प्रपोजल के शुरुआती चरण में 1 लाख 20 हजार शहरी उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर देने का लक्ष्य था स्मार्ट मीटर में प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों ही सुविधाएं दी गई थी. प्रदेश सरकार की बिजली निगम को स्मार्ट में डिजिटल बनाने की कवायद थी, जिससे कि अब सरकार ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं.

हरियाणा सरकार ने स्मार्ट मीटर योजना को डाला होल्ड पर, ये है वजह

ये भी पढ़ें- पानीपत का ये किसान बना मिसाल! ऑर्गेनिक खेती के साथ-साथ घर में लगाया बायोगैस प्लांट

स्मार्ट मीटर लगाने के पीछे सरकार का तर्क था कि जहां-जहां स्मार्ट मीटर लगेंगे वहां-वहां लाइन लॉस कम होगी. वहीं उपभोक्ताओं को गलत मीटर रीडिंग से आ रही दिक्कतों से छुटकारा मिलेगा. बिजली विभाग का मानना था कि इस मीटर से कोई भी छेड़छाड़ नहीं हो पाएगी. इस मीटर की रीडिंग सीधे सिस्टम में ही डाउनलोड हो जाएगी और वहीं हर महीने जितनी इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूम की जाएगी उतना ही उपभोक्ता को बिल भरना होगा.

इस विषय पर बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने कहा कि अभी इस मुहिम में कई तरह की अड़चनें सामने आ सकती हैं. उपभोक्ता इसके खिलाफ कोर्ट कचहरी में भी दावा कर सकता है तो वहीं कई राज्यों से इस योजना के सही परिणाम सामने नहीं आए हैं, इसलिए अभी स्मार्ट मीटर मुहिम को रोक दिया गया है.

चंडीगढ़: प्रदेश सरकार ने स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट को फिलहाल के लिए होल्ड कर दिया है. ये स्मार्ट मीटर घरों में बिजली के पुराने मीटर की जगह लेगने वाले थे और इस योजना के तहत लगने वाले स्मार्ट मीटर में बिजली उपभोक्ता को पहले रिचार्ज कराना पड़ता, उसके बाद रिचार्ज राशि के हिसाब से ही बिजली की यूनिट खर्च करने को मिलती. लेकिन इस योजना में प्रदेशभर के बिजली उपभोक्ताओं को आने वाली परेशानियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने फिलहाल के लिए योजना को होल्ड कर दिया है.

सरकार ने रोकी स्मार्ट मीटर योजना, ये है वजह
बता दें, हरियाणा सरकार ने प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने का एक प्रपोजल बनाया था. जिसको अब होल्ड पर डाल दिया गया है. इस प्रपोजल के शुरुआती चरण में 1 लाख 20 हजार शहरी उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर देने का लक्ष्य था स्मार्ट मीटर में प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों ही सुविधाएं दी गई थी. प्रदेश सरकार की बिजली निगम को स्मार्ट में डिजिटल बनाने की कवायद थी, जिससे कि अब सरकार ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं.

हरियाणा सरकार ने स्मार्ट मीटर योजना को डाला होल्ड पर, ये है वजह

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स्मार्ट मीटर लगाने के पीछे सरकार का तर्क था कि जहां-जहां स्मार्ट मीटर लगेंगे वहां-वहां लाइन लॉस कम होगी. वहीं उपभोक्ताओं को गलत मीटर रीडिंग से आ रही दिक्कतों से छुटकारा मिलेगा. बिजली विभाग का मानना था कि इस मीटर से कोई भी छेड़छाड़ नहीं हो पाएगी. इस मीटर की रीडिंग सीधे सिस्टम में ही डाउनलोड हो जाएगी और वहीं हर महीने जितनी इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूम की जाएगी उतना ही उपभोक्ता को बिल भरना होगा.

इस विषय पर बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने कहा कि अभी इस मुहिम में कई तरह की अड़चनें सामने आ सकती हैं. उपभोक्ता इसके खिलाफ कोर्ट कचहरी में भी दावा कर सकता है तो वहीं कई राज्यों से इस योजना के सही परिणाम सामने नहीं आए हैं, इसलिए अभी स्मार्ट मीटर मुहिम को रोक दिया गया है.

Intro:चंडीगढ, प्रदेश सरकार ने स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट को फिलहाल के लिए होल्ड कर दिया है यह स्मार्ट मीटर घरों में बिजली के पुराने मीटर की जगह लेने वाले थे और इस योजना के तहत लगने वाले स्मार्ट मीटर में बिजली उपभोक्ता को पहले रिचार्ज कराना पड़ता उसके बाद रिचार्ज राशि के हिसाब से ही बिजली की यूनिट खर्च करने को मिलती लेकिन इस योजना मैं प्रदेशभर के बिजली उपभोक्ताओं को आने वाली परेशानियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने फिलहाल के लिए योजना को होल्ड कर दिया है ।


Body:बता दे हरियाणा सरकार ने प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने का एक प्रपोजल बनाया था जिसको अब होल्ड पर डाल दिया है इस प्रपोजल के शुरुआती चरण में 120000 शहरी उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर देने का लक्ष्य था स्मार्ट मीटर में प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों ही सुविधाएं दी गई थी प्रदेश सरकार की बिजली निगम को स्मार्ट में डिजिटल बनाने की कवायद थी जिससे कि अब सरकार ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं ।

स्मार्ट मीटर लगाने के पीछे सरकार का तर्क था कि जहां-जहां स्मार्ट मीटर लगेंगे वहां वहां लाइन लॉस कम होगी वहीं उपभोक्ताओं को गलत मीटर रीडिंग से आ रही दिक्कतों से छुटकारा मिलेगा , बिजली विभाग का मानना था कि इस मीटर से कोई भी छेड़छाड़ नहीं हो पाएगी इस मीटर की रीडिंग सीधे सिस्टम में ही डाउनलोड हो जाएगी और वही हर माह जितनी इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूम्ड की जाएगी सिर्फ उतना ही उपभोक्ता को बिल भरना होगा ।





Conclusion:इस विषय पर बोलते हुए बिजली विभाग के मंत्री रणजीत चौटाला ने कहा कि अभी इस मुहिम में कई तरह की अड़चनें सामने आ सकती हैं उपभोक्ता इसके खिलाफ कोर्ट कचहरी में भी दावा कर सकता है तो वही कई राज्यों से इस सही परिणाम सामने नहीं आए हैं इसलिए अभी स्मार्ट मीटर मुहिम को रोक दिया गया है ।
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