चंडीगढ़: हरियाणा को नीति आयोग ने ग्रीन एनर्जी (niti aayog green energy) के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए पहला स्थान दिया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल (manohar lal) ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि नीति आयोग ने ग्रीन एनर्जी में हरियाणा को 100 में से 100 अंक दिए हैं. चलिए आपको बताते हैं कि ग्रीन एनर्जी क्या होती है?
क्या होती है ग्रीन एनर्जा या सौर ऊर्जा?
ग्रीन एनर्जा ऐसा स्थाई स्रोत है जो पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक नहीं है. ग्रीन एनर्जी को हिंदी में हरित ऊर्जा कहा जाता है. हरित ऊर्जा के प्राकृतिक स्रोतों जैसे सूर्य, पवन, जल, भूगर्भ और पादपों से उत्पन्न की जाती है. एक्सपर्ट बताते हैं कि भविष्य की अपार संभावनाओं से युक्त हरित ऊर्जा आज की आवश्यकता बनती जा रही है.
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2022 तक भारत का लक्ष्य
बता दें, भारत इस समय 32.5 गीगा वाट से अधिक सोलर एनर्जी का उत्पादन कर रहा है और साल 2022 तक इसे बढ़ाकर 100 गीगा वाट तक करने का लक्ष्य रखा गया है. इस समय देश में 17 गीगा वाट के सोलर प्लांट बनाए जा रहे हैं, जबकि 35 गीगा वाट के सोलर प्लांट का निर्माण जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा. ताकि सरकार 2022 तक तय किए गए 100 गीगा वॉट सोलर एनर्जी का उत्पादन करने के लक्ष्य को प्राप्त कर सके.
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ग्रीन एनर्जी में हरियाणा की स्थिति
हरियाणा सरकार में बिजली मंत्री रणजीत चौटाला 9(ranjeet chautala) ने दिसंबर, 2020 में जानकारी दी थी कि हरियाणा को अब तक सौर ऊर्जा की लगभग 561 मेगावाट क्षमता को जोड़ा जा चुका है. बिजली मंत्री ने ये भी बताया था कि भारत सरकार ने वर्ष 2030 तक 450 गीगा वाट सौर ऊर्जा शक्ति का उपयोग करने का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम शुरू किया है. अब तक लगभग 89 गीगा वाट का लक्ष्य प्राप्त किया जा चुका है.
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