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हरियाणा में किसानों ने किया चक्का जाम, देखिए कहां-कहां दिखा असर - haryana farmers protest farm bills

पूरे देश में कृषि अध्यादेश के खिलाफ किसान सड़कों पर हैं. हरियाणा में भी रविवार को किसानों ने चक्का जाम कर अपना विरोध दर्ज करवाया. हरियाणा के हर एक जिले में किसानों के चक्का जाम का व्यापक असर देखने को मिला. वहीं कई जगह किसानों के प्रदर्शन ने उग्र रूप भी लिया.

haryana farmers protest against agriculture bills
haryana farmers protest against agriculture bills
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Published : Sep 20, 2020, 10:34 PM IST

चंडीगढ़: रविवार का दिन हरियाणा के लिए काफी जद्दोजहद भरा रहा. प्रदेश के किसान सड़कों पर थे और चक्का जाम कर सरकार को चेतावनी दे रहे थे. सरकार ने भी किसानों की एक ना सुनी और लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी कृषि बिलों को पास करवा लिया.

इस सबके बावजूद किसानों ने हार नहीं मानी, किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे और तय प्लान के मुताबिक सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम किया, लेकिन कई जगह इस प्रदर्शन ने उग्र रूप भी लिया.

अंबाला में यूथ कांग्रेस ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया, लेकिन इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने एक ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया. कुछ ही देर में हालात बेकाबू हो गए. जिसके बाद अंबाला पुलिस को वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा.

कृषि बिलों पर किसानों का ऐलान-ए-जंग! देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट

रोहतक

रोहतक जिले में भी चक्का जाम का व्यापक असर देखने को मिला. यहां किसानों ने रोहतक-पानीपत नेशनल हाईवे और रोहतक-हिसार नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया. किसानों ने कहा कि ये सांकेतिक आंदोलन है. अगर सरकार ने कृषि बिलों को वापस नहीं लिया, तो ये आंदोलन और बड़ा होगा.

करनाल

करनाल के असंध में जींद चौक पर किसानों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में मंडी के आढ़तियों ने भी किसानों का पूरा साथ दिया और जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए गए. असंध में हुए विरोध प्रदर्शन में किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर कृषि अध्यादेशों में मोदी सरकार जल्द बदलाव नहीं करती है तो उनका आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा.

हिसार

हिसार के किसान भी कृषि बिलों को लेकर सड़कों पर उतरे. भाकियू के आह्वान पर हिसार के किसान मायड़ गांव में इकट्ठा हुए और नारेबाजी करते हुए चक्का जाम किया. किसानों ने कहा कि अगर सरकार विधेयक वापस नहीं लेती तो बड़ा आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे.

फतेहाबाद

फतेहाबाद के किसानों में भी सरकार के खिलाफ गुस्सा दिखा. कृषि बिल के विरोध में किसानों और व्यापारियों ने रोड जाम किया और लघु सचिवालय के सामने घंटों तक नारेबाजी की. किसानों और व्यापारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि आने वाली 25 सितंबर को वो कृषि बिल के विरोध में भारत बंद रखेंगे.

यमुनानगर

इस चक्का जाम के पीछे सबसे बड़ा नाम भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी का है. जिनके आह्वान पर पूरे हरियाणा की सड़कों को जाम किया गया. चढूनी यमुनानगर में हाईवे जाम कर धरने पर बैठे किसानों के बीच पहुंचे और आंदोलन को तेज करने की हुंकार भरते हुए उन्होंने 25 सितंबर को भारत बंद करने की बात दोहराई.

राज्य सभा से कृषि सुधार विधेयक पारित

संसद ने रविवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी. राज्यसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के बीच कृषि संबंधी इन दो विधेयकों को आज मंजूरी दी गई. लोकसभा में ये विधेयक पहले ही पारित हो चुके हैं.

ये भी पढे़ं- MSP से छेड़छाड़ हुई तो अपने पद से दे दूंगा इस्तीफा: दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ़: रविवार का दिन हरियाणा के लिए काफी जद्दोजहद भरा रहा. प्रदेश के किसान सड़कों पर थे और चक्का जाम कर सरकार को चेतावनी दे रहे थे. सरकार ने भी किसानों की एक ना सुनी और लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी कृषि बिलों को पास करवा लिया.

इस सबके बावजूद किसानों ने हार नहीं मानी, किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे और तय प्लान के मुताबिक सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम किया, लेकिन कई जगह इस प्रदर्शन ने उग्र रूप भी लिया.

अंबाला में यूथ कांग्रेस ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया, लेकिन इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने एक ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया. कुछ ही देर में हालात बेकाबू हो गए. जिसके बाद अंबाला पुलिस को वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा.

कृषि बिलों पर किसानों का ऐलान-ए-जंग! देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट

रोहतक

रोहतक जिले में भी चक्का जाम का व्यापक असर देखने को मिला. यहां किसानों ने रोहतक-पानीपत नेशनल हाईवे और रोहतक-हिसार नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया. किसानों ने कहा कि ये सांकेतिक आंदोलन है. अगर सरकार ने कृषि बिलों को वापस नहीं लिया, तो ये आंदोलन और बड़ा होगा.

करनाल

करनाल के असंध में जींद चौक पर किसानों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में मंडी के आढ़तियों ने भी किसानों का पूरा साथ दिया और जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए गए. असंध में हुए विरोध प्रदर्शन में किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर कृषि अध्यादेशों में मोदी सरकार जल्द बदलाव नहीं करती है तो उनका आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा.

हिसार

हिसार के किसान भी कृषि बिलों को लेकर सड़कों पर उतरे. भाकियू के आह्वान पर हिसार के किसान मायड़ गांव में इकट्ठा हुए और नारेबाजी करते हुए चक्का जाम किया. किसानों ने कहा कि अगर सरकार विधेयक वापस नहीं लेती तो बड़ा आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे.

फतेहाबाद

फतेहाबाद के किसानों में भी सरकार के खिलाफ गुस्सा दिखा. कृषि बिल के विरोध में किसानों और व्यापारियों ने रोड जाम किया और लघु सचिवालय के सामने घंटों तक नारेबाजी की. किसानों और व्यापारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि आने वाली 25 सितंबर को वो कृषि बिल के विरोध में भारत बंद रखेंगे.

यमुनानगर

इस चक्का जाम के पीछे सबसे बड़ा नाम भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी का है. जिनके आह्वान पर पूरे हरियाणा की सड़कों को जाम किया गया. चढूनी यमुनानगर में हाईवे जाम कर धरने पर बैठे किसानों के बीच पहुंचे और आंदोलन को तेज करने की हुंकार भरते हुए उन्होंने 25 सितंबर को भारत बंद करने की बात दोहराई.

राज्य सभा से कृषि सुधार विधेयक पारित

संसद ने रविवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी. राज्यसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के बीच कृषि संबंधी इन दो विधेयकों को आज मंजूरी दी गई. लोकसभा में ये विधेयक पहले ही पारित हो चुके हैं.

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