ETV Bharat / state

निराशाजनक या कल्याणकारी? सुनिए केन्द्रीय बजट पर विशेषज्ञों के साथ ईटीवी भारत की चर्चा

author img

By

Published : Feb 1, 2022, 10:02 PM IST

Updated : Feb 2, 2022, 9:02 AM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में आम बजट पेश (union budget 2022) किया. ये बजट कैसा रहा, क्या इस बजट में हर वर्ग हर तबके के लिए कुछ घोषणा हुई या नहीं हुई. इन सभी मुद्दों को लेकर ईटीवी भारत ने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञों से बात की.

experts on union budget 2022
ओPinion भारत: ईटीवी भारत ने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञों से बात की.

चंडीगढ़: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज संसद में बजट (union budget 2022) पेश किया. उन्होंने रोजगार, मकान और शिक्षा आदि के संबंध में कई बड़ी घोषणाएं की. इस बार फिर से आयकर में कोई छूट नहीं दी गई. वित्त मंत्री ने इस बजट में युवाओं के लिए 60 लाख नौकरियों के अवसर तैयार करने का वादा किया. हालांकि, कॉरपोरेट कर में राहत दी गई है. साथ ही क्रिप्टोकरेंसी से कमाई पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाने का प्रावधान है. वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट से अगले 25 सालों की बुनियाद रखी जाएगी. बजट को लेकर ईटीवी भारत ने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञों से चर्चा की. इस दौरान मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली.

इस बजट से पहले सबसे ज्यादा किसानों की बात हो रही थी. क्योंकि हाल ही में किसान आंदोलन खत्म हुआ था और पांच राज्य में चुनाव भी है. ऐसे में सबको इंतजार था कि किसानों के लिए बजट में क्या घोषणाएं होती हैं. बजट में किसानों के लिए कहा गया कि रबी सीजन 2021-22 में गेहूं की खरीद और खरीफ सीजन 2021-22 में धान की अनुमानित खरीद से 163 लाख किसानों से 1208 लाख मीट्रिक टन गेहूं और धान का कवर मिलेगा. साथ ही 2.37 लाख करोड़ रुपये उनके एमएसपी मूल्य का सीधा भुगतान दिये जाने की घोषणा की.

सुनिए केन्द्रीय बजट पर विशेषज्ञों के साथ ईटीवी भारत की चर्चा

इस पर किसान नेता स्वामी इंद्र ने कहा कि ये बजट द्रोणचार्य का बजट है, ये एकलव्य का बजट नहीं है. इसलिए वित्त मंत्री ने सदन में महाभारत का जिक्र भी किया. ये सरकार केवल ऐसी इंडस्ट्री को बढ़ावा देना चाहती है जो धरातल पर ही नहीं है जैसे कि एमएसएमई. इस बजट के जरिए सरकार वापस लिए गए तीनों कृषि कानूनों को एक नया रूप दे रही है. बजट में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए किसानों को आधुनिक खेती के लिए सहायता देने की बात की गई है, जो फिर से इस चित्र में प्राइवेट कंपनियों को उतारने की तैयारी है. साथ ही बजट में जो एमएसपी की घोषणा की गई है, सरकार कैसे वो एमएसपी किसानों को देगी, उसकी रूपरेखा भी बताए. हमें आशंका है कि जिस तरह बाजरा नहीं खरीदा गया, धान नहीं खरीदा गया, उस तरह इस बार अनाज भी नहीं खरीदा जाएगा. सरकार की नीतियां उद्योगपतियों से जुड़ी हुई हैं. अब किसानों के क्रेडिट कार्ड भी प्राइवेट कंपनियों के जरिए जुड़ेंगे और किसानों की जमीन नीलाम हो जाएंगी जैसी कि राजस्थान में की गई. ये बजट किसान तो छोड़ो आम ग्रहण को भी पसंद नहीं आया होगा.

सुनिए केन्द्रीय बजट पर विशेषज्ञों के साथ ईटीवी भारत की चर्चा

ये भी पढ़ें- budget agriculture sector : 163 लाख किसानों से 1208 मीट्रिक टन गेहूं और धान खरीदा जाएगा

ईटीवी भारत की बजट पर चर्चा के दौरान अर्थशास्त्री बिमल अंजुम ने कहा कि ये बजट लोगों की सोच से काफी अलग रहा. ना तो ये बजट अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अच्छा है और ना ही ये मिडल क्लास के लिए अच्छा है. सरकार ने सिर्फ गरीब तबके और कुछ किसानों को खुश करने के लिए बजट में कुछ चीजें डाल दी हैं. सरकार ने बजट के अंदर टैक्स में कोई कटौती नहीं की जिससे लोगों को काफी निराशा हुई है. वहीं उन्होंने डिजिटल करेंसी के ऐलान का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि समय की मांग के अनुसार ये अच्छी घोषणा है. साथ ही उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी की आमदनी पर 30 प्रतिशत टैक्स को भी जायज बताया.

experts on union budget 2022
ओPinion भारत: ईटीवी भारत ने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञों से बात की.

चर्चा में चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्य संदीप सिंगला ने कहा कि बजट में केवल सस्ते महंगे का ही काम नहीं होता बल्कि सरकार द्वारा बजट में दूरगामी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का प्रयास भी किया जाता है. एक साधारण सी बात है जब भी आप किसी को छूट देना चाहते हो तो आपको आमदनी का जरिया भी तैयार करना होता है. जब आपके पास पैसे ही नहीं हैं तो आप छूट कैसे दोगे. अब तक हमारा दुर्भाग्य रहा है कि मतदाताओं को लुभाने के लिए एक योजना से निकालकर दूसरी योजना में पैसा डाला जाता था, लेकिन अब सुधार की तरफ कदम बढ़ रहे हैं. सरकार ने इस बजट में उद्योगों को काफी कुछ दिया है. 50 हजार करोड़ की जो इमरजेंसी क्रेडिट फंडिंग दी गई है वह अच्छी घोषणा है.

ये भी पढ़ें- Budget MSME Sector: लघु उद्योग जगत को क्या मिला, जानिए

वहीं उद्योगपति जतिंदर साहा ने एमएसएमई को लेकर कहा कि इस समय एमएसएमई की हालत बेहद खराब है. कोई भी इनकी मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है. इस बजट में उम्मीदें थी कि इस विषय के ऊपर भी ध्यान दिया जाए, लेकिन बजट से हमें निराशा ही हाथ लगी है. जहां तक बात है इमरजेंसी गारंटी लोन की तो इसे बढ़ाया तो गया है, लेकिन अभी तो पुराने वाले में से ही लोन नहीं मिल पा रहा है. साथ ही ये लोन भी सभी को नहीं मिल पाता है, जो छोटे व्यापारी हैं जिनका करंट अकाउंट है उनको ये लोन नहीं मिल पाता, लेकिन इस मामले को लेकर सरकार चुप है. सरकार सीएनजी के लिए जोर देती है, लेकिन एनसीआर में ही सीएनजी के पैसों में काफी फर्क है. हर जिले में अलग रेट हैं. ऐसे में छोटे व्यापारियों के लिए कारोबार करना बेहद मुश्किल है, लेकिन सरकार ने एक बार फिर से इन पर ध्यान नहीं दिया.

experts on union budget 2022
ओPinion भारत: बजट को लेकर विशेषज्ञों की मिलीजुली प्रतिक्रिया रही.

किसानों को लेकर कृषि विशेषज्ञ डॉ. नितिन थापर ने कहा कि इस बजट में कृषि क्षेत्र की जो बात की गई हैं वो किसानों को समझ नहीं आ रही हैं. जो भी घोषणाएं किसानों के लिए की गई हैं वे किसानों को कैसे मिलेंगी ये नहीं बताया गया है. साथ ही बजट में जो एमएसपी की घोषणा की गई है, सरकार कैसे उस एमएसपी को किसानों को देगी, ये नहीं बताया गया है. इसके अलावा इस एमएमपी के अंदर कौन सी फसल रहेंगी ये भी नहीं बताया. इस बजट को लेकर साफ कहा जा सकता है कि सरकार ने किसानों को इस बजट में कुछ नहीं दिया है.

ये भी पढ़ें- Union Budget 2022: आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण पर अर्जित आय पर 30% कर

राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर गुरमीत सिंह ने कहा कि हम सब कई सालों से बजट देख रहे हैं, लेकिन कोई भी ऐसा बजट नहीं रहा जिसको लेकर सभी ने संतुष्टि जताई हो. खासकर की विपक्ष तो बजट की बुराई ही करता है. सब बजट को निराशाजनक और दिशाहीन ही बताते हैं, कई लोग तो बिना पढ़ें ही बजट को लेकर ऐसी बातें कह देते हैं. वहीं सरकार हर बजट की तारीफ करती है और उसे मील का पत्थर बताती है. जब से पीएम मोदी आएं हैं तब से उन्होंने डिजिटल इंडिया पर जोर दिया है और इस बजट में भी कुछ ऐसा ही दिखा है. डिजिटल यूनिवर्सिटी के साथ-साथ डिजिटल करंसी की घोषणा की गई है. सरकार ने जो शिक्षा के लिए टीवी चैनल बढ़ाने की घोषणा की है वह काफी अच्छी बात है, लेकिन अगर टीवी चैनल से ही पढ़ाई होने लगी तो शिक्षकों का रोजगार चला जाएगा. इस पर ध्यान देने की जरूरत है. कुल मिलाकर हम इसे मिलाजुला बजट कह सकते हैं.

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने कि लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP

चंडीगढ़: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज संसद में बजट (union budget 2022) पेश किया. उन्होंने रोजगार, मकान और शिक्षा आदि के संबंध में कई बड़ी घोषणाएं की. इस बार फिर से आयकर में कोई छूट नहीं दी गई. वित्त मंत्री ने इस बजट में युवाओं के लिए 60 लाख नौकरियों के अवसर तैयार करने का वादा किया. हालांकि, कॉरपोरेट कर में राहत दी गई है. साथ ही क्रिप्टोकरेंसी से कमाई पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाने का प्रावधान है. वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट से अगले 25 सालों की बुनियाद रखी जाएगी. बजट को लेकर ईटीवी भारत ने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञों से चर्चा की. इस दौरान मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली.

इस बजट से पहले सबसे ज्यादा किसानों की बात हो रही थी. क्योंकि हाल ही में किसान आंदोलन खत्म हुआ था और पांच राज्य में चुनाव भी है. ऐसे में सबको इंतजार था कि किसानों के लिए बजट में क्या घोषणाएं होती हैं. बजट में किसानों के लिए कहा गया कि रबी सीजन 2021-22 में गेहूं की खरीद और खरीफ सीजन 2021-22 में धान की अनुमानित खरीद से 163 लाख किसानों से 1208 लाख मीट्रिक टन गेहूं और धान का कवर मिलेगा. साथ ही 2.37 लाख करोड़ रुपये उनके एमएसपी मूल्य का सीधा भुगतान दिये जाने की घोषणा की.

सुनिए केन्द्रीय बजट पर विशेषज्ञों के साथ ईटीवी भारत की चर्चा

इस पर किसान नेता स्वामी इंद्र ने कहा कि ये बजट द्रोणचार्य का बजट है, ये एकलव्य का बजट नहीं है. इसलिए वित्त मंत्री ने सदन में महाभारत का जिक्र भी किया. ये सरकार केवल ऐसी इंडस्ट्री को बढ़ावा देना चाहती है जो धरातल पर ही नहीं है जैसे कि एमएसएमई. इस बजट के जरिए सरकार वापस लिए गए तीनों कृषि कानूनों को एक नया रूप दे रही है. बजट में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए किसानों को आधुनिक खेती के लिए सहायता देने की बात की गई है, जो फिर से इस चित्र में प्राइवेट कंपनियों को उतारने की तैयारी है. साथ ही बजट में जो एमएसपी की घोषणा की गई है, सरकार कैसे वो एमएसपी किसानों को देगी, उसकी रूपरेखा भी बताए. हमें आशंका है कि जिस तरह बाजरा नहीं खरीदा गया, धान नहीं खरीदा गया, उस तरह इस बार अनाज भी नहीं खरीदा जाएगा. सरकार की नीतियां उद्योगपतियों से जुड़ी हुई हैं. अब किसानों के क्रेडिट कार्ड भी प्राइवेट कंपनियों के जरिए जुड़ेंगे और किसानों की जमीन नीलाम हो जाएंगी जैसी कि राजस्थान में की गई. ये बजट किसान तो छोड़ो आम ग्रहण को भी पसंद नहीं आया होगा.

सुनिए केन्द्रीय बजट पर विशेषज्ञों के साथ ईटीवी भारत की चर्चा

ये भी पढ़ें- budget agriculture sector : 163 लाख किसानों से 1208 मीट्रिक टन गेहूं और धान खरीदा जाएगा

ईटीवी भारत की बजट पर चर्चा के दौरान अर्थशास्त्री बिमल अंजुम ने कहा कि ये बजट लोगों की सोच से काफी अलग रहा. ना तो ये बजट अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अच्छा है और ना ही ये मिडल क्लास के लिए अच्छा है. सरकार ने सिर्फ गरीब तबके और कुछ किसानों को खुश करने के लिए बजट में कुछ चीजें डाल दी हैं. सरकार ने बजट के अंदर टैक्स में कोई कटौती नहीं की जिससे लोगों को काफी निराशा हुई है. वहीं उन्होंने डिजिटल करेंसी के ऐलान का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि समय की मांग के अनुसार ये अच्छी घोषणा है. साथ ही उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी की आमदनी पर 30 प्रतिशत टैक्स को भी जायज बताया.

experts on union budget 2022
ओPinion भारत: ईटीवी भारत ने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञों से बात की.

चर्चा में चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्य संदीप सिंगला ने कहा कि बजट में केवल सस्ते महंगे का ही काम नहीं होता बल्कि सरकार द्वारा बजट में दूरगामी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का प्रयास भी किया जाता है. एक साधारण सी बात है जब भी आप किसी को छूट देना चाहते हो तो आपको आमदनी का जरिया भी तैयार करना होता है. जब आपके पास पैसे ही नहीं हैं तो आप छूट कैसे दोगे. अब तक हमारा दुर्भाग्य रहा है कि मतदाताओं को लुभाने के लिए एक योजना से निकालकर दूसरी योजना में पैसा डाला जाता था, लेकिन अब सुधार की तरफ कदम बढ़ रहे हैं. सरकार ने इस बजट में उद्योगों को काफी कुछ दिया है. 50 हजार करोड़ की जो इमरजेंसी क्रेडिट फंडिंग दी गई है वह अच्छी घोषणा है.

ये भी पढ़ें- Budget MSME Sector: लघु उद्योग जगत को क्या मिला, जानिए

वहीं उद्योगपति जतिंदर साहा ने एमएसएमई को लेकर कहा कि इस समय एमएसएमई की हालत बेहद खराब है. कोई भी इनकी मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है. इस बजट में उम्मीदें थी कि इस विषय के ऊपर भी ध्यान दिया जाए, लेकिन बजट से हमें निराशा ही हाथ लगी है. जहां तक बात है इमरजेंसी गारंटी लोन की तो इसे बढ़ाया तो गया है, लेकिन अभी तो पुराने वाले में से ही लोन नहीं मिल पा रहा है. साथ ही ये लोन भी सभी को नहीं मिल पाता है, जो छोटे व्यापारी हैं जिनका करंट अकाउंट है उनको ये लोन नहीं मिल पाता, लेकिन इस मामले को लेकर सरकार चुप है. सरकार सीएनजी के लिए जोर देती है, लेकिन एनसीआर में ही सीएनजी के पैसों में काफी फर्क है. हर जिले में अलग रेट हैं. ऐसे में छोटे व्यापारियों के लिए कारोबार करना बेहद मुश्किल है, लेकिन सरकार ने एक बार फिर से इन पर ध्यान नहीं दिया.

experts on union budget 2022
ओPinion भारत: बजट को लेकर विशेषज्ञों की मिलीजुली प्रतिक्रिया रही.

किसानों को लेकर कृषि विशेषज्ञ डॉ. नितिन थापर ने कहा कि इस बजट में कृषि क्षेत्र की जो बात की गई हैं वो किसानों को समझ नहीं आ रही हैं. जो भी घोषणाएं किसानों के लिए की गई हैं वे किसानों को कैसे मिलेंगी ये नहीं बताया गया है. साथ ही बजट में जो एमएसपी की घोषणा की गई है, सरकार कैसे उस एमएसपी को किसानों को देगी, ये नहीं बताया गया है. इसके अलावा इस एमएमपी के अंदर कौन सी फसल रहेंगी ये भी नहीं बताया. इस बजट को लेकर साफ कहा जा सकता है कि सरकार ने किसानों को इस बजट में कुछ नहीं दिया है.

ये भी पढ़ें- Union Budget 2022: आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण पर अर्जित आय पर 30% कर

राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर गुरमीत सिंह ने कहा कि हम सब कई सालों से बजट देख रहे हैं, लेकिन कोई भी ऐसा बजट नहीं रहा जिसको लेकर सभी ने संतुष्टि जताई हो. खासकर की विपक्ष तो बजट की बुराई ही करता है. सब बजट को निराशाजनक और दिशाहीन ही बताते हैं, कई लोग तो बिना पढ़ें ही बजट को लेकर ऐसी बातें कह देते हैं. वहीं सरकार हर बजट की तारीफ करती है और उसे मील का पत्थर बताती है. जब से पीएम मोदी आएं हैं तब से उन्होंने डिजिटल इंडिया पर जोर दिया है और इस बजट में भी कुछ ऐसा ही दिखा है. डिजिटल यूनिवर्सिटी के साथ-साथ डिजिटल करंसी की घोषणा की गई है. सरकार ने जो शिक्षा के लिए टीवी चैनल बढ़ाने की घोषणा की है वह काफी अच्छी बात है, लेकिन अगर टीवी चैनल से ही पढ़ाई होने लगी तो शिक्षकों का रोजगार चला जाएगा. इस पर ध्यान देने की जरूरत है. कुल मिलाकर हम इसे मिलाजुला बजट कह सकते हैं.

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने कि लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP

Last Updated : Feb 2, 2022, 9:02 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.