चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा 2019 का परिणाम चौंकाने वाला रहा है. जैसे-जैसे दिन का सूरज चढ़ता गया. वैसे-वैसे बीजेपी और एग्जिट पोल के दावे धरातल पर दिखाई देने लगे.
'सियासी पिच' पर फेल 'दांव-पेंच'
बीजेपी के बड़े-बड़े सूरमा भी पार्टी को 75 प्लस के आस-पास भी नहीं खड़ा कर पाए. बीजेपी ने पहलवान बबीता फोगाट और योगेश्वर दत्त को चुनावी मैदान में उतारकर मजबूत दावेदारी पेश की. लेकिन जनता को तो शायद कुछ और ही पसंद था.
सोमबीर सांगवान पहली पसंद
दरअसल साल 2014 में बीजेपी ने सोमबीर सांगवान को दादरी सीट से चुनावी मैदान में उतारा था. तब सोमबीर सांगवान हार गए थे. जिसके बाद सोमबीर सांगवान एक्टिव हुए और जनता के खूब कार्य करवाए.
बबीता को टिकट देना बीजेपी को पड़ा भारी
इस बार के चुनाव में जनता की पहली पसंद सोमबीर सांगवान थे, लेकिन बीजेपी ने उनका टिकट काटकर बबीता फोगाट को दे दिया. जिससे लोगों में खासा रोष देखा गया. टिकट कटने से नाराज सोमबीर सांगवान ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया और जनता ने उन्हें विजय का ताज पहनाया.
योगेश्वर दत्त भी चुनाव हारे
अब बात करते हैं पहलवान योगेश्वर दत्त की. योगेश्वर को बीजेपी ने सोनीपत की बड़ौदा सीट से उम्मीदवार बनाया था. लेकिन सियासत की पिच पर वो राजनीति के दावपेंच लगाने में नाकाम रहे.
कांग्रेस ने यहां से हर बार की तरह इस बार भी पार्टी के दिग्गज नेता कृष्ण हुड्डा को चुनावी मैदान में उतारा. नतीजों में योगेश्वर दत्त को हार का सामना करना पड़ा. अब हार के कारणों की असली वजह से तो विश्लेषण करने के बाद ही पता चल पाएगी.
ये भी पढ़ें- हरियाणा के कैबिनेट मंत्री नहीं खिला पाए कमल, सीएम और विज के अलावा सबकी हुई हार