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हरियाणा के सियासी दंगल में चित हो गए ये दो दिग्गज पहलवान

बीजेपी के बड़े-बड़े सूरमा भी पार्टी को 75 प्लस के आस-पास भी नहीं खड़ा कर पाए. बीजेपी ने पहलवान बबीता फोगाट और योगेश्वर दत्त को चुनावी मैदान में उतारकर मजबूत दावेदारी पेश की. लेकिन जनता को तो शायद कुछ और ही पसंद था.

bjp candidate yogeshwar dutt babita phogat lost assembly seat
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Published : Oct 24, 2019, 7:29 PM IST

Updated : Oct 24, 2019, 9:36 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा 2019 का परिणाम चौंकाने वाला रहा है. जैसे-जैसे दिन का सूरज चढ़ता गया. वैसे-वैसे बीजेपी और एग्जिट पोल के दावे धरातल पर दिखाई देने लगे.

'सियासी पिच' पर फेल 'दांव-पेंच'
बीजेपी के बड़े-बड़े सूरमा भी पार्टी को 75 प्लस के आस-पास भी नहीं खड़ा कर पाए. बीजेपी ने पहलवान बबीता फोगाट और योगेश्वर दत्त को चुनावी मैदान में उतारकर मजबूत दावेदारी पेश की. लेकिन जनता को तो शायद कुछ और ही पसंद था.

योगेश्वर दत्त और बबीता फोगाट भी नहीं दिला पाए बीजेपी को जीत

सोमबीर सांगवान पहली पसंद
दरअसल साल 2014 में बीजेपी ने सोमबीर सांगवान को दादरी सीट से चुनावी मैदान में उतारा था. तब सोमबीर सांगवान हार गए थे. जिसके बाद सोमबीर सांगवान एक्टिव हुए और जनता के खूब कार्य करवाए.

बबीता को टिकट देना बीजेपी को पड़ा भारी
इस बार के चुनाव में जनता की पहली पसंद सोमबीर सांगवान थे, लेकिन बीजेपी ने उनका टिकट काटकर बबीता फोगाट को दे दिया. जिससे लोगों में खासा रोष देखा गया. टिकट कटने से नाराज सोमबीर सांगवान ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया और जनता ने उन्हें विजय का ताज पहनाया.

योगेश्वर दत्त भी चुनाव हारे
अब बात करते हैं पहलवान योगेश्वर दत्त की. योगेश्वर को बीजेपी ने सोनीपत की बड़ौदा सीट से उम्मीदवार बनाया था. लेकिन सियासत की पिच पर वो राजनीति के दावपेंच लगाने में नाकाम रहे.

कांग्रेस ने यहां से हर बार की तरह इस बार भी पार्टी के दिग्गज नेता कृष्ण हुड्डा को चुनावी मैदान में उतारा. नतीजों में योगेश्वर दत्त को हार का सामना करना पड़ा. अब हार के कारणों की असली वजह से तो विश्लेषण करने के बाद ही पता चल पाएगी.

ये भी पढ़ें- हरियाणा के कैबिनेट मंत्री नहीं खिला पाए कमल, सीएम और विज के अलावा सबकी हुई हार

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा 2019 का परिणाम चौंकाने वाला रहा है. जैसे-जैसे दिन का सूरज चढ़ता गया. वैसे-वैसे बीजेपी और एग्जिट पोल के दावे धरातल पर दिखाई देने लगे.

'सियासी पिच' पर फेल 'दांव-पेंच'
बीजेपी के बड़े-बड़े सूरमा भी पार्टी को 75 प्लस के आस-पास भी नहीं खड़ा कर पाए. बीजेपी ने पहलवान बबीता फोगाट और योगेश्वर दत्त को चुनावी मैदान में उतारकर मजबूत दावेदारी पेश की. लेकिन जनता को तो शायद कुछ और ही पसंद था.

योगेश्वर दत्त और बबीता फोगाट भी नहीं दिला पाए बीजेपी को जीत

सोमबीर सांगवान पहली पसंद
दरअसल साल 2014 में बीजेपी ने सोमबीर सांगवान को दादरी सीट से चुनावी मैदान में उतारा था. तब सोमबीर सांगवान हार गए थे. जिसके बाद सोमबीर सांगवान एक्टिव हुए और जनता के खूब कार्य करवाए.

बबीता को टिकट देना बीजेपी को पड़ा भारी
इस बार के चुनाव में जनता की पहली पसंद सोमबीर सांगवान थे, लेकिन बीजेपी ने उनका टिकट काटकर बबीता फोगाट को दे दिया. जिससे लोगों में खासा रोष देखा गया. टिकट कटने से नाराज सोमबीर सांगवान ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया और जनता ने उन्हें विजय का ताज पहनाया.

योगेश्वर दत्त भी चुनाव हारे
अब बात करते हैं पहलवान योगेश्वर दत्त की. योगेश्वर को बीजेपी ने सोनीपत की बड़ौदा सीट से उम्मीदवार बनाया था. लेकिन सियासत की पिच पर वो राजनीति के दावपेंच लगाने में नाकाम रहे.

कांग्रेस ने यहां से हर बार की तरह इस बार भी पार्टी के दिग्गज नेता कृष्ण हुड्डा को चुनावी मैदान में उतारा. नतीजों में योगेश्वर दत्त को हार का सामना करना पड़ा. अब हार के कारणों की असली वजह से तो विश्लेषण करने के बाद ही पता चल पाएगी.

ये भी पढ़ें- हरियाणा के कैबिनेट मंत्री नहीं खिला पाए कमल, सीएम और विज के अलावा सबकी हुई हार

Intro:GOHANA NEWSBody:गोहाना के सामान्य अस्पताल में सुविधाओं की कमियों के चलते आए दिन मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। सामान्य अस्पताल के सामान्य लैब का हालत भी कुछ ऐसी है। 2 खाली पोस्ट होने के बाद भी कर्मचारी की नियुक्तिी नहीं हुई है। जिसके कारण रोजाना सैंकडों की संख्या में मरीजों के टेस्ट होते है जिन्हें पीएचसी से रोजाना बुला कर काम करवाया जा रहा है। सामान्य लैब स्टूडेंस के भरोसे ही काम किया जा रहा है। समस्या से संबंधित अधिकारियों ने कैमरे के सामने बोलने से मना कर दिया।
वी.ओ 1- वहीं मरीजों को कहना है कि उन्हें कई घंटे तक इंतजार में रहना पडा था जब रिपोट के लिए बोला जाता है तो बार बार समय देकर टुलका दिया जाता है। इलाज करवाने आते है तो इंतजार करने के कारण तबीयत ज्यादा खरा हो जाती है। यहां पर काम करने वाले लडके रवैया बहुत खराब है काम नहीं करते है कभी इधर उधर घुमते रहते है। रिपोट देने में बहुत समय लगाते है।Conclusion:
Last Updated : Oct 24, 2019, 9:36 PM IST
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