ETV Bharat / state

सीएम के रेस में शामिल धुरंधरों के लिए कांग्रेस ने चली 'सीक्रेट चाल' ! पढें रिपोर्ट - विधानसभा चुनावट

हरियाणा में लोकसभा चुनाव ने विधानसभा चुनावों का गणित बदल दिया है. सीएम की कुर्सी के रेस में लगे दिग्गजों को कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में टिकट देकर उन्हें एक क्षेत्र में समेट दिया.

कांग्रेस के दिग्गज नेता (डिजाइन फोटो)
author img

By

Published : May 14, 2019, 12:11 PM IST

Updated : May 14, 2019, 2:57 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के रण में इस बार के चुनाव मे एक अजीब बात देखने को मिली. इस बार के चुनाव में कांग्रेस के दिग्गजों ने पार्टी के बजाय अपने खुद के दम पर लोकसभा चुनाव लड़ा है. हरियाणा के रण में ऐसा कोई दिग्गज नहीं बचा जिसे कांग्रेस हाईकमान ने रण में न उतारा हो.

चुनाव में प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज दूसरे उम्मीदवारों की मदद करने की जगह पर खुद के लिए प्रचार करते दिखाई दिए, क्यों प्रदेश कांग्रेस का तकरीबन हर दिग्गज किसी ना किसी लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रहा था. ऐसे में दिग्गजों का पूरा फोकस अपने लोकसभा क्षेत्रों पर ही रहा.

2014 में हुए लोकसभा चुनाव में प्रदेश की एकमात्र रोहतक सीट कांग्रेस के कब्जे में रही. इस सीट से पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. दीपेंद्र पहले से ही इस सीट से 3 बार से सांसद बनते आ रहे हैं.

लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर, राज्यसभा सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव, पूर्व मंत्री चौधरी निर्मल सिंह, पूर्व मंत्री अवतार सिंह भड़ाना और निवर्तमान सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को मैदान में टिकट दिए.

जींद उप चुनाव में हारने की वजह से कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन रणदीप सिंह सुरजेवाला पर कांग्रेस ने दांव नहीं खेला. कांग्रेस ने इस चुनाव में रणदीप सुरजेवाला को किसी भी सीट से टिकट नहीं दिया.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर की जिम्मेदारी तो पूरे प्रदेश की बनती है, लेकिन खुद की चुनावी व्यस्तता की वजह से तंवर सिरसा के अलावा कहीं भी समय नहीं दे पाए. वहीं पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा खुद सोनीपत से चुनाव लड़ने के साथ बेटे दीपेंद्र के लिए रोहतक, कुरुक्षेत्र से निर्मल सिंह, हिसार से भव्य बिश्नोई, अंबाला से कुमारी सैलजा और करनाल से कुलदीप शर्मा के लिए प्रचार करने के लिए गए थे.

शुरूआती दिनों में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपना क्षेत्र जनता और कार्यकर्ताओं के ऊपर छोड़ दिया था. वे बीच में कई बार राजस्थान और दूसरी जगहों पर प्रचार के लिए गए, लेकिन मोदी और शाह के दौरे के बाद बाद हुड्डा ने भी पूरा ध्यान सोनीपत पर लगा दिया.

साथ ही प्रदेश भर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कई जनसभाएं और रोड शो किए. वहीं रणदीप सुरजेवाला ने अपना ज्यादा समय कुरुक्षेत्र से प्रत्याशी निर्मल सिंह के प्रचार में लगाया. कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी, गुरुग्राम से चुनाव लड़ रहे कैप्टन अजय यादव, अंबाला से कु. सैलजा खुद के लिए ही प्रचार करते रहे, तो हिसार से कुलदीप बिश्नोई अपने अपने बेटे भव्य बिश्नोई के लिए प्रचार करते रहे.

कांग्रेस के सभी उम्मीदवार गुटबाजी के शिकार रहे हैं. इन सभी की निगाह मुख्यमंत्री पद पर टिकी हैं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने इन सभी को लोकसभा चुनाव में टिकट थमा दिया. जिसके बाद सभी नेता प्रदेश के दौरे छोड़ कर अपनी सीट बचाने तक ही सीमित हो गए.

चंडीगढ़: हरियाणा के रण में इस बार के चुनाव मे एक अजीब बात देखने को मिली. इस बार के चुनाव में कांग्रेस के दिग्गजों ने पार्टी के बजाय अपने खुद के दम पर लोकसभा चुनाव लड़ा है. हरियाणा के रण में ऐसा कोई दिग्गज नहीं बचा जिसे कांग्रेस हाईकमान ने रण में न उतारा हो.

चुनाव में प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज दूसरे उम्मीदवारों की मदद करने की जगह पर खुद के लिए प्रचार करते दिखाई दिए, क्यों प्रदेश कांग्रेस का तकरीबन हर दिग्गज किसी ना किसी लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रहा था. ऐसे में दिग्गजों का पूरा फोकस अपने लोकसभा क्षेत्रों पर ही रहा.

2014 में हुए लोकसभा चुनाव में प्रदेश की एकमात्र रोहतक सीट कांग्रेस के कब्जे में रही. इस सीट से पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. दीपेंद्र पहले से ही इस सीट से 3 बार से सांसद बनते आ रहे हैं.

लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर, राज्यसभा सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव, पूर्व मंत्री चौधरी निर्मल सिंह, पूर्व मंत्री अवतार सिंह भड़ाना और निवर्तमान सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को मैदान में टिकट दिए.

जींद उप चुनाव में हारने की वजह से कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन रणदीप सिंह सुरजेवाला पर कांग्रेस ने दांव नहीं खेला. कांग्रेस ने इस चुनाव में रणदीप सुरजेवाला को किसी भी सीट से टिकट नहीं दिया.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर की जिम्मेदारी तो पूरे प्रदेश की बनती है, लेकिन खुद की चुनावी व्यस्तता की वजह से तंवर सिरसा के अलावा कहीं भी समय नहीं दे पाए. वहीं पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा खुद सोनीपत से चुनाव लड़ने के साथ बेटे दीपेंद्र के लिए रोहतक, कुरुक्षेत्र से निर्मल सिंह, हिसार से भव्य बिश्नोई, अंबाला से कुमारी सैलजा और करनाल से कुलदीप शर्मा के लिए प्रचार करने के लिए गए थे.

शुरूआती दिनों में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपना क्षेत्र जनता और कार्यकर्ताओं के ऊपर छोड़ दिया था. वे बीच में कई बार राजस्थान और दूसरी जगहों पर प्रचार के लिए गए, लेकिन मोदी और शाह के दौरे के बाद बाद हुड्डा ने भी पूरा ध्यान सोनीपत पर लगा दिया.

साथ ही प्रदेश भर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कई जनसभाएं और रोड शो किए. वहीं रणदीप सुरजेवाला ने अपना ज्यादा समय कुरुक्षेत्र से प्रत्याशी निर्मल सिंह के प्रचार में लगाया. कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी, गुरुग्राम से चुनाव लड़ रहे कैप्टन अजय यादव, अंबाला से कु. सैलजा खुद के लिए ही प्रचार करते रहे, तो हिसार से कुलदीप बिश्नोई अपने अपने बेटे भव्य बिश्नोई के लिए प्रचार करते रहे.

कांग्रेस के सभी उम्मीदवार गुटबाजी के शिकार रहे हैं. इन सभी की निगाह मुख्यमंत्री पद पर टिकी हैं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने इन सभी को लोकसभा चुनाव में टिकट थमा दिया. जिसके बाद सभी नेता प्रदेश के दौरे छोड़ कर अपनी सीट बचाने तक ही सीमित हो गए.

Intro:Body:

congress


Conclusion:
Last Updated : May 14, 2019, 2:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.