चंडीगढ़: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में ओल्ड पेंशन स्कीम एक बहुत बड़ा चुनावी मुद्दा बना था. इस मुद्दे को गुजरात चुनाव में भी कांग्रेस और आम आदमीं पार्टी की तरफ से भुनाने की कोशिश की गई थी. हालांकि वहां उनका योग नहीं चला. इधर ओपीएस हिमाचल प्रदेश सरकार इसे राज्य में लागू करने जा रही है. वहीं छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि उनके राज्य में इसे बहाल कर दिया गया है. वहीं, इस संबंध में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तरफ से बड़ी प्रतिक्रिया दी गई है.
कुछ दिनों पहले इसी संबंध में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि ओल्ड पेंशन स्कीम देने के बारे में उनकी मुख्यमंत्री से चर्चा हुई थी और उसे देना मुश्किल नहीं है. इसी संबंध में जॉब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि केंद्र के एक पूर्व वित्त विभाग के एक अधिकारी ने इस बारे में लिखा है, जो उन्होंने सोशल मीडिया देखा है. उसमें उन्होंने लिखा है कि अगर ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की जाती है तो इससे 2030 तक देश दिवालिया हो जाएगा.
वही, इस बारे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री और जाने-माने अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह भी इस संबंध में अपनी सरकार के वक्त जो स्पष्ट कर चुके हैं कि ओल्ड पेंशन स्कीम को देना मुश्किल है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि बिना पार्लियामेंट से इसे लागू नहीं किया जा सकता है. यहाँ तक कि राजस्थान सरकार ने भी इस विषय को वापस ले लिया है. उन्होंने भी इसे लागू करने से इनकार कर दिया है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तरफ़ से जिस तरीके से ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर अपना बयान दिया गया है तो ऐसे में अब देखना होगा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से इस पर क्या प्रतिक्रिया दी जाती है. क्योंकि मुख्यमंत्री गहलोत का लगातार कहते आए हैं कि राजस्थान में ओल्ड पेंशन स्कीम को उनकी सरकार बहाल कर चुकी है. इसका सीधा फायदा सरकारी कर्मचारियों को होगा.
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