चंडीगढ़: चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों से बड़ी संख्या में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) में शामिल होने और भंडारण, प्रबंधन, ग्रेडिंग और पैकेजिंग तकनीकों को अपनाकर आय में बढ़ोतरी करने का आह्वान किया है. इसके साथ ही सीएम ने किसानों से सूक्ष्म सिंचाई और ड्रिप सिंचाई तकनीक अपनाने का आग्रह किया.
सीएम ने शनिवार को ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एफपीओ के किसानों के साथ बातचीत करते हुए प्रदेश के किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि इससे जमीन की उर्वरता बढ़ती है. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती में कम पानी की आवश्यकता होती है और रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता न होने के कारण न केवल उत्पादन लागत में कमी आती है, बल्कि उत्पादन की गुणवत्ता भी बढ़ती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2020 में किसानों को आधुनिक तकनीकी प्रबंधन, भंडारण और विपणन का ज्ञान देकर उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से एफपीओ के बारे में कल्पना की थी. इसमें देश में 10 हजार एफपीओ बनाने का लक्ष्य रखा गया था. हरियाणा के किसानों ने भी इस योजना को सफलतापूर्वक अपनाया है. प्रदेश में 731 एफपीओ हैं. इन एफपीओ की उपलब्धि से प्रेरणा लेकर अन्य किसान भी जुड़ेंगे.
इस दौरान किसानों ने सीएम से कहा कि एफपीओ को सरकार की ओर से दी जाने वाली वित्तीय सहायता और उत्पादों की ग्रेडिंग, ब्रांडिंग से जुड़ी कई अन्य प्रकार की सहायता के कारण किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिल रहा है. वहीं, सोनीपत जिले में अटेरना ऑर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के मालिक जैनेंद्र चौहान ने सीएम से कहा कि उनके एफपीओ से 500 किसान जुड़े हुए हैं. सीएम ने कहा कि, वे बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न की खेती करते हैं.
इसके अलावा कुरुक्षेत्र जिले में पिहोवा वेजिटेबल प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के मालिक अनुराग ने साझा किया कि उनके एफपीओ से लगभग 300 किसान जुड़े हुए हैं, जो आलू की खेती करते हैं. अलग-अलग कंपनियों से टाई-अप किया गया है, जिसके चलते प्रदेश के किसानों को काफी फायदा हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके उत्पाद की ग्रेडिंग और पैकेजिंग करने से न केवल वे बिचौलियों के दखल से बचेंगे, बल्कि सीधे बाजार से भी जुड़ सकेंगे.
उन्होंने कहा कि किसान विभिन्न प्रकार के कृषि उत्पाद स्वयं तैयार कर सकते हैं, जैसे टमाटर की प्यूरी, अदरक-लहसुन का पेस्ट, सूखा प्याज आदि. इस प्रकार किसान भी अपने कृषि आधारित लघु उद्योग चलाकर उद्यमी बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ताजे फल और सब्जियों की आपूर्ति की काफी संभावनाएं हैं. यमुनानगर जिले में हल्दी उगाई जाती है. वहां हल्दी के उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं.
इसी तरह सिरसा जिले में किन्नू और कुरुक्षेत्र में आलू, करनाल में सब्जियां और सोनीपत में बेबी कॉर्न और मशरूम का उत्पादन भारी मात्रा में होता है. उन्होंने कहा कि एफपीओ सहकारिता क्षेत्र का आधुनिक रूप है. उन्होंने कहा कि सरकार प्रगतिशील किसानों को अन्य प्रगतिशील किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रेरित करेगी और इसके लिए सरकार उन्हें प्रोत्साहन राशि देगी. इस दौरान उद्यानिकी विभाग के महानिदेशक अर्जुन सैनी ने विभाग द्वारा एफपीओ को दी जा रही सहायता की विस्तृत जानकारी भी दी. (पीटीआई)
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