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'फरीदाबाद की तरह अन्य जिलों में भी बने प्लाज्मा डिपॉजिट बैंक'

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Published : Jul 8, 2020, 10:55 PM IST

हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ ने फरीदाबाद की तरह अन्य जिलों में प्लाज्मा डिपॉजिट बैंक बनाने के आदेश दिए. ये आदेश उन्होंने जिला नोडल अधिकारी और उपायुक्तों की बैठक में दिए. साथ ही कोरोना की रोकथान के लिए जरूरी निर्देश भी दिए.

haryana chief secretary keshani anand arora meeting with district nodal officer and dc
हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़

चंडीगढ़: मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों और जिला उपायुक्तों के साथ संकट समन्वय समिति की बैठक की. इस दौरान हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि कोरोना के प्रसार को रोकने और प्रभावी ढंग से इसका मुकाबला करने के लिए समय-समय पर सक्रिय रणनीतियां बनाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि जिला उपायुक्तों और युनिट कमेटियों को कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी.

अन्य जिलों में बने प्लाज्मा डिपॉजिट बैंक

मुख्य सचिव ने कहा कि रोहतक की तरह अन्य जिलों के मेडिकल कॉलेजों में भी प्लाज्मा उपचार शुरू करने के लिए संभावना तलाशी जाए. उन्होंने कहा कि फरीदाबाद में प्लाज्मा डिपॉजिट बैंक स्थापित किया गया है और अन्य जिलों में भी इसकी स्थापना की जानी चाहिए और इसकी निगरानी बहु अनुशासनिक अधिकारी और विशेषज्ञों की ओर से की जानी चाहिए.

उन्होंने कोविड-19 के प्रबंधन की तैयारियों में तेजी लाने, टेस्टिंग सुविधा बढ़ाने, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, क्लिनिकल मैनेजमेंट पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के साथ जन-जागरूकता गतिविधियों को बढ़ाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पुलिस को भी कंटेनमेंट जोन के प्रवेश और निकास प्वाइंट पर कड़ी निगरानी रखनी होगी.

मुख्य सचिव ने निर्देश देते हुए कहा कि कोविड-19 के पॉजीटिविटी रेट को कम करने के लिए विशेष रूप से कंटेनेंट जोन में टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि की जानी चाहिए. क्योंकि व्यापक कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करने के साथ टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि करने से ही कोविड-19 के पॉजीटिव रेट को कम किया जा सकता है. इसके अलावा, हर जिले में एंटीजन टेस्टिंग की जानी चाहिए. उन्होंने निर्देश दिए कि जिस दिन कोरोना को कोई नया मामला सामने आता है तो 80 प्रतिशत कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग उसी दिन पूरी की जानी चाहिए.

अरोड़ा ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में हाई डिपेंडेंसी यूनिट की स्थापना और शवों के प्रबंधन प्राथमिकता के आधार पर किया जाए. इसके अलावा, प्रत्येक रोगी को मनोवैज्ञानिक परामर्श प्रदान किया जाना चाहिए और कोविड-19 रोगियों के रिश्तेदारों के बीच उत्पन्न अनिश्चितता को दूर करने में मदद करने के लिए एक तंत्र भी विकसित किया जाए.

ये भी पढ़ें:-हरियाणा में बुधवार को एक दिन में मिले रिकॉर्ड 691 नए संक्रमित मरीज

उन्होंने कहा कि कैबिनेट सचिव के साथ हाल ही में हुई बैठक में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से कंटेनमेंट जोन, आईईसी गतिविधियों को बढ़ाने और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए जारी दिशा-निर्देशों कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं. मुख्य सचिव ने कहा कि हरियाणा में कोविड-19 मृत्यु दर राष्ट्रीय दर के मुकाबले बहुत कम है और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी हरियाणा की ओर ले कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए किए गए प्रयासों और व्यवस्था की प्रशंसा की है, फिर भी प्रत्येक जिला प्रशासन को मृत्यु दर को 1 प्रतिशत से नीचे लेकर आने के प्रयास करने होंगे.

चंडीगढ़: मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों और जिला उपायुक्तों के साथ संकट समन्वय समिति की बैठक की. इस दौरान हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि कोरोना के प्रसार को रोकने और प्रभावी ढंग से इसका मुकाबला करने के लिए समय-समय पर सक्रिय रणनीतियां बनाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि जिला उपायुक्तों और युनिट कमेटियों को कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी.

अन्य जिलों में बने प्लाज्मा डिपॉजिट बैंक

मुख्य सचिव ने कहा कि रोहतक की तरह अन्य जिलों के मेडिकल कॉलेजों में भी प्लाज्मा उपचार शुरू करने के लिए संभावना तलाशी जाए. उन्होंने कहा कि फरीदाबाद में प्लाज्मा डिपॉजिट बैंक स्थापित किया गया है और अन्य जिलों में भी इसकी स्थापना की जानी चाहिए और इसकी निगरानी बहु अनुशासनिक अधिकारी और विशेषज्ञों की ओर से की जानी चाहिए.

उन्होंने कोविड-19 के प्रबंधन की तैयारियों में तेजी लाने, टेस्टिंग सुविधा बढ़ाने, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, क्लिनिकल मैनेजमेंट पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के साथ जन-जागरूकता गतिविधियों को बढ़ाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पुलिस को भी कंटेनमेंट जोन के प्रवेश और निकास प्वाइंट पर कड़ी निगरानी रखनी होगी.

मुख्य सचिव ने निर्देश देते हुए कहा कि कोविड-19 के पॉजीटिविटी रेट को कम करने के लिए विशेष रूप से कंटेनेंट जोन में टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि की जानी चाहिए. क्योंकि व्यापक कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करने के साथ टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि करने से ही कोविड-19 के पॉजीटिव रेट को कम किया जा सकता है. इसके अलावा, हर जिले में एंटीजन टेस्टिंग की जानी चाहिए. उन्होंने निर्देश दिए कि जिस दिन कोरोना को कोई नया मामला सामने आता है तो 80 प्रतिशत कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग उसी दिन पूरी की जानी चाहिए.

अरोड़ा ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में हाई डिपेंडेंसी यूनिट की स्थापना और शवों के प्रबंधन प्राथमिकता के आधार पर किया जाए. इसके अलावा, प्रत्येक रोगी को मनोवैज्ञानिक परामर्श प्रदान किया जाना चाहिए और कोविड-19 रोगियों के रिश्तेदारों के बीच उत्पन्न अनिश्चितता को दूर करने में मदद करने के लिए एक तंत्र भी विकसित किया जाए.

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उन्होंने कहा कि कैबिनेट सचिव के साथ हाल ही में हुई बैठक में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से कंटेनमेंट जोन, आईईसी गतिविधियों को बढ़ाने और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए जारी दिशा-निर्देशों कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं. मुख्य सचिव ने कहा कि हरियाणा में कोविड-19 मृत्यु दर राष्ट्रीय दर के मुकाबले बहुत कम है और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी हरियाणा की ओर ले कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए किए गए प्रयासों और व्यवस्था की प्रशंसा की है, फिर भी प्रत्येक जिला प्रशासन को मृत्यु दर को 1 प्रतिशत से नीचे लेकर आने के प्रयास करने होंगे.

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