चंडीगढ़: हरियाणा और दिल्ली सरकार में बीते कुछ दिनों से सीमाएं खोलने व बंद करने को लेकर तकरार जारी है. पहले हरियाणा सरकार ने अपनी सीमाओं को सील किया था, लेकिन जब उन्होंने बॉर्डर खोले तो दिल्ली के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने एक हफ्ते के लिए बॉर्डर सील कर दिए. वहीं अब इस पूरे मामले को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने स्थिति स्पष्ट की है.
सीएम मनोहर लाल ने कहा है कि गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करके अंतरराज्यीय सीमाएं खोलने का निर्णय लिया गया था, लेकिन दिल्ली सरकार ने आवाजाही की अनुमति नहीं देने का फैसला किया. अब इस संबंध में कोई भी निर्णय दिल्ली सरकार के साथ चर्चा करने के बाद लिया जाएगा, क्योंकि सीमाएं खोलने के लिए दोनों सरकारों की आपसी सहमति होनी आवश्यक है.
सीएम ने प्रदेशवासियों को बताई अपनी उपलब्धियां
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को प्रदेशवासियों के सामने अपनी सरकार की कई उपलब्धियां रखी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास और आमजन कल्याण के लिए कई जलकल्याणकारी योजनाएं लागू की गई हैं, जिसमें मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना, राज्य में कैंसर, किडनी और एचआईवी से पीड़ित नागरिकों को 2250 रुपये मासि पेशन प्रदान करना, मनरेगा योजना के तहत दैनिक मजदूरी 309 रुपये का भुगतान करना शामिल है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा हमेशा से देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए जाना जाता है. साल 2014 में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में हरियाणा देश में 16 वें स्थान पर था, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न सुधार करने के बाद हरियाणा आज देश में तीसरे और उत्तर भारत में पहले स्थान पर है.
विदेशी निवेशकों को लुभाने में लगी सरकार
इसके अलावा, पूरे राज्य में औद्योगिक विस्तार के उद्देश्य से सभी 22 जिलों के लिए एक क्लस्टर योजना बनाई जाएगी. विदेशी निवेशकों को लुभाने के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न पहल की जा रही है और इसी कड़ी में प्रदेश सरकार द्वारा विनिर्माण इकाइयों को पट्टे (लीज) पर भूमि के आवंटन की नीति बनाई गई है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में निवेश के लिए विभिन्न विदेशी बहु-राष्ट्रीय कंपनियों से बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा कि जापान और अमेरिका के निवेशकों के साथ पहले से ही बातचीत चल रही है, जबकि जल्द ही कोरिया के निवेशकों के साथ भी एक वेबिनार आयोजित किया जाएगा.
'मेरा पानी मेरी विरासत योजना समय की जरूरत है'
'मेरा पानी मेरी विरासत' योजना पर हो रही आलोचना के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण के विषय को समय की जरूरत समझते 'मेरा पानी मेरी विरासत' योजना शुरू की गई. इस योजना के तहत किसानों को फसल विविधीकरण को अपना कर अपने खेतों में धान के स्थान पर अन्य फसलों जैसे मक्का, बाजरा, दाल, सब्जियों और फलों की बुवाई करके की सलाह दी गई है.
'विपक्ष कर रहा है अनावश्यक राजनीति'
सीएम ने कहा, 'दूसरी फसल लगाने के लिए किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. मैंने इस योजना में शामिल आठ खण्डों में से छ: खण्डों का दौरा किया है और इन खण्डों के किसानों के साथ विस्तृत चर्चा करने के बाद, अब तक 50 हजार हेक्टेयर भूमि के किसानों ने इस योजना के लिए अपनी सहमति दी है. मैं विपक्ष को सलाह देना चाहता हूं कि वो अनावश्यक रूप से चीजों का राजनीतिकरण न करें'.