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Haryana CET Paper Controversy: CET की दो परीक्षा में समान सवाल पूछने के मुद्दे पर सीएम से बात करेंगे दुष्यंत चौटाला, भूपेंद्र हुड्डा ने की ये मांग

हरियाणा संयुक्त पात्रता परीक्षा (CET) परीक्षा पर एक बार फिर बवाल शुरू हो गया है. दो ग्रुपों के प्रश्न पत्र में समान सवाल पूछे जाने को लेकर सरकार और हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन कटघरे में हैं. इस मामले पर मंगलवार को डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सफाई दी.

Dushyant chautala statement on CET Paper
Dushyant chautala statement on CET Paper
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Published : Aug 8, 2023, 9:07 PM IST

CET की दो परीक्षा में समान सवाल पूछने के मुद्दे पर सीएम से बात करेंगे दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ़: हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (HSSC) की तरफ से 6 और 7 अगस्त को संयुक्त पात्रता परीक्षा (CET) के ग्रुप 57 और ग्रुप 56 की परीक्षा आयोजित की गई थी. जिसमें 100 में से 41 सवाल एक समान थे. इस मामले में सरकार के साथ-साथ एचएसएससी पर भी सवाल उठ रहे हैं. प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भी अब इस मामले पर सफाई दी है.

उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि परीक्षा करवाने को लेकर सरकार की मंशा साफ है, जो नौकरियों का बैकलॉग है उसे भरा जाए. सीईटी के जरिए हम अलग-अलग विभागों की वैकेंसी को भरने का काम कर रहे हैं. जहां तक परीक्षा में सवालों के एक समान होने की बात है, तो यह किसी को बेनिफिट देने की मंशा से नहीं हुआ है.

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (HSSC) किसी भी परीक्षा के चार सेट बनाता है. चार लोगों द्वारा ही वह पेपर सेट किए जाते हैं. जो परीक्षा का विषय है, मैं इस बारे में मुख्यमंत्री से बात करूंगा और इस विषय पर गंभीरता से विचार किया जायेगा. ताकि यह पता चल सके कि पेपर सैटर की कहां कमी रही, किसकी वजह से दोनों पेपरों में एक समान सवाल आ गए. उन्होंने कहा कि इसका नकल से कोई संबंध नहीं है.

ये भी पढ़ें- CET Exam 2023: रणदीप सुरजेवाला ने CET परीक्षा पर उठाए सवाल, बोले- 6 व 7 अगस्त को हुए एग्जाम में 41 सवाल कॉमन, सीएम-डिप्टी सीएम की भूमिका संदिग्ध

डिप्टी सीएम ने कहा कि हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन को अपनी एफिशिएंसी को बढ़ानी चाहिए ताकि भविष्य में पेपरों में सवाल एक समान ना हो. अभी तक स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की ओर से इस संबंध में कोई औपचारिक बयान नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य से संबंधित सवाल हैं, इसलिए इस बारे में मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करूंगा.

इधर सीईटी परीक्षा को लेकर हरियाणा कांग्रेस सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी-जेजेपी सिर्फ हरियाणा के युवाओं को चक्करघिन्नी की तरह घुमा रही है. सीईटी मेन्स में हुए पेपर कॉपी कारनामे से साफ हो गया है कि सरकार भर्ती करना ही नहीं चाहती और भर्ती प्रक्रिया शुरू करती है तो बेरोजगारों के साथ इस तरह का धोखा किया जाता है.

सीईटी की स्क्रीनिंग परीक्षा में ग्रुप-57 के 41 सवाल हू-ब-हू ग्रुप-56 के पेपर में कॉपी पेस्ट किए गये. इससे पहले एचसीएस की परीक्षा में 38 सवाल इसी तरह कॉपी किए गए थे. सवाल कॉपी-पेस्ट करना बीजेपी-जेजेपी सरकार द्वारा पेपर लीक करवाने का नया फार्मूला बन गया है. एचसीएस से लेकर ग्रुप-सी और डी तक में अपने उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार इस तरह पेपर लीक करवा रही है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष, हरियाणा


नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि गठबंधन सरकार बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवाओं के दर्द को नहीं समझ रही है. भर्ती परीक्षाओं के लिए दिनरात तैयारियों में जुटे युवाओं को कभी सीईटी, कभी पेपर लीक, कभी घोटाले तो कभी कोर्ट केस के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है. पिछले 4 साल से सीईटी के नाम पर सरकार युवाओं के साथ क्रूर मजाक कर रही है. सीईटी सिर्फ भर्तियों को लटकने और युवाओं को मानसिक प्रताड़ना की भट्टी में झोंकने का हथियार बनकर रह गया है. हुड्डा ने कहा जो संस्था एक भी पेपर सलीके से नहीं करवा सकती, उसे बिना देरी के भंग किया जाना चाहिए और अब तक हुई तमाम भर्ती घोटालों की उच्चस्तरीय जांच करवाई जानी चाहिए.

ये भी पढ़ें- हाई कोर्ट ने CET परीक्षा पर लगी रोक हटाई, 7 अगस्त को होगी रद्द हुई परीक्षा, 6 को ग्रुप 57 का एग्जाम, सुनवाई के बाद जारी होंगे परिणाम

CET की दो परीक्षा में समान सवाल पूछने के मुद्दे पर सीएम से बात करेंगे दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ़: हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (HSSC) की तरफ से 6 और 7 अगस्त को संयुक्त पात्रता परीक्षा (CET) के ग्रुप 57 और ग्रुप 56 की परीक्षा आयोजित की गई थी. जिसमें 100 में से 41 सवाल एक समान थे. इस मामले में सरकार के साथ-साथ एचएसएससी पर भी सवाल उठ रहे हैं. प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भी अब इस मामले पर सफाई दी है.

उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि परीक्षा करवाने को लेकर सरकार की मंशा साफ है, जो नौकरियों का बैकलॉग है उसे भरा जाए. सीईटी के जरिए हम अलग-अलग विभागों की वैकेंसी को भरने का काम कर रहे हैं. जहां तक परीक्षा में सवालों के एक समान होने की बात है, तो यह किसी को बेनिफिट देने की मंशा से नहीं हुआ है.

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (HSSC) किसी भी परीक्षा के चार सेट बनाता है. चार लोगों द्वारा ही वह पेपर सेट किए जाते हैं. जो परीक्षा का विषय है, मैं इस बारे में मुख्यमंत्री से बात करूंगा और इस विषय पर गंभीरता से विचार किया जायेगा. ताकि यह पता चल सके कि पेपर सैटर की कहां कमी रही, किसकी वजह से दोनों पेपरों में एक समान सवाल आ गए. उन्होंने कहा कि इसका नकल से कोई संबंध नहीं है.

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डिप्टी सीएम ने कहा कि हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन को अपनी एफिशिएंसी को बढ़ानी चाहिए ताकि भविष्य में पेपरों में सवाल एक समान ना हो. अभी तक स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की ओर से इस संबंध में कोई औपचारिक बयान नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य से संबंधित सवाल हैं, इसलिए इस बारे में मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करूंगा.

इधर सीईटी परीक्षा को लेकर हरियाणा कांग्रेस सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी-जेजेपी सिर्फ हरियाणा के युवाओं को चक्करघिन्नी की तरह घुमा रही है. सीईटी मेन्स में हुए पेपर कॉपी कारनामे से साफ हो गया है कि सरकार भर्ती करना ही नहीं चाहती और भर्ती प्रक्रिया शुरू करती है तो बेरोजगारों के साथ इस तरह का धोखा किया जाता है.

सीईटी की स्क्रीनिंग परीक्षा में ग्रुप-57 के 41 सवाल हू-ब-हू ग्रुप-56 के पेपर में कॉपी पेस्ट किए गये. इससे पहले एचसीएस की परीक्षा में 38 सवाल इसी तरह कॉपी किए गए थे. सवाल कॉपी-पेस्ट करना बीजेपी-जेजेपी सरकार द्वारा पेपर लीक करवाने का नया फार्मूला बन गया है. एचसीएस से लेकर ग्रुप-सी और डी तक में अपने उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार इस तरह पेपर लीक करवा रही है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष, हरियाणा


नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि गठबंधन सरकार बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवाओं के दर्द को नहीं समझ रही है. भर्ती परीक्षाओं के लिए दिनरात तैयारियों में जुटे युवाओं को कभी सीईटी, कभी पेपर लीक, कभी घोटाले तो कभी कोर्ट केस के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है. पिछले 4 साल से सीईटी के नाम पर सरकार युवाओं के साथ क्रूर मजाक कर रही है. सीईटी सिर्फ भर्तियों को लटकने और युवाओं को मानसिक प्रताड़ना की भट्टी में झोंकने का हथियार बनकर रह गया है. हुड्डा ने कहा जो संस्था एक भी पेपर सलीके से नहीं करवा सकती, उसे बिना देरी के भंग किया जाना चाहिए और अब तक हुई तमाम भर्ती घोटालों की उच्चस्तरीय जांच करवाई जानी चाहिए.

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