चंडीगढ़: एक बार फिर से हरियाणा मंत्रिमंडल में फेरबदल (haryana cabinet reshuffle) की सुबगुहाट होने लगी है. खबर है कि बीजेपी जेजेपी गठबंधन सरकार में बीजेपी अपने कोटे के कुछ मंत्रियों को बदल सकती है. मंत्रिमंडल में फेरबदल की वजह और बदलाव का आधार मंत्रियों की कार्यशैली को बनाया जा सकता है. चर्चाएं ये भी हैं कि कुछ मंत्रियों के कामकाज से हाई कमान खुश नहीं है. जिस वजह से उन्हें मंत्रिमंडल से हटाया भी जा सकता है.
कामकाज रहा आधार तो कितने मंत्री रडार पर? अगर हरियाणा मंत्रिमंडल में बीजेपी अपने कोटे के कुछ मंत्रियों को बदलती है, तो उसका आधार मंत्रियों की परफार्मेंस रहेगी. सूत्रों के मुताबिक खेल मंत्री संदीप सिंह, महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा और शहरी विकास मंत्री कमल गुप्ता का पत्ता कट सकता है. दरअसल बीजेपी ने मंत्रियों के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड बना रखा है. जिसकी वजह से इन तीन मंत्रियों के मंत्रिमंडल से हटाने की चर्चाएं हो रही हैं.
कब होगा मंत्रिमंडल में फेरबदल? हरियाणा मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चाएं तो पहले भी होती रही हैं, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इस बार माना जा रहा है कि ये फेरबदल गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावी नतीजों के बाद हो सकता है. इन चुनाव में अगर बीजेपी का प्रदर्शन बेहतर रहता है, तो भी शायद हरियाणा में पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर मंत्रिमंडल में कोई फेरबदल करेगी.
क्या होगा मंत्रिमंडल में फेरबदल? हरियाणा मंत्रिमंडल में भले ही फेरबदल और चेहरे बदलने की खबरों की चर्चा हो, लेकिन पार्टी के सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल में किसी को हटाने की अभी चर्चा नहीं है, हालांकि मंत्रियों के विभागों में फेरबदल हो सकता है. ये बदलाव भी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद होने की संभावना है. विभागों के फेरबदल की वजह भी सूत्र सरकार की कुछ विभागों के मर्जर की तैयारी को मानते हैं. जिसकी वजह से विभागों में फेरबदल हो सकता है.
क्या 3 मंत्रियों को हटाना होगा आसान? जिन तीन मंत्रियों को हटाने की बात हो रही है. उनमें एक नाम खेल मंत्री संदीप सिंह का है. क्या उनको मंत्रिमंडल से हटाया जा सकता है? राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक ये इतना आसान नहीं है, क्योंकि संदीप सिंह पार्टी के सिख चेहरे के तौर पर अकेले विधायक हैं. ऐसे में उनको मंत्रिमंडल से हटाना आसान दिखाई नहीं देता, हालांकि उनके विभाग में फेरबदल हो सकता है, लेकिन इसकी संभावनाएं भी कम दिखाई देती हैं, क्योंकि वो खुद खिलाड़ी रह चुके हैं.
दूसरा नाम कमलेश कमलेश ढांडा का है, जातीय समीकरण को देखें तो उनको हटाना भी इतना आसान नहीं है, क्योंकि वो जाट हैं और महिला भी. बड़ा सवाल ये भी है कि उनकी जगह किसको मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए. इसको लेकर भी पार्टी को बड़ी माथापच्ची करनी पड़ेगी. तीसरा नाम कमल गुप्ता का है, काम के आधार पर बेशक उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की बात हो रही हैं, लेकिन उनको हटाना इतना आसान दिखाई नहीं देता. क्योंकि उनको मंत्री बने एक साल होने में भी कुछ दिन बाकी हैं. ऐसे में उनको मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाना भी संभव दिखाई नहीं देता.
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क्यों पड़ रही है फेरबदल की जरुरत? दरअसल 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं, जिसके लिए करीब डेढ साल का वक्त रह गया है. ऐसे में हरियाणा बीजेपी पर 2019 के चुनावी नतीजों को दोहराने का दबाव भी है. वहीं अगर पार्टी अगर मंत्रिमंडल में किसी नए चेहरे को शामिल भी करती है, तो उस मंत्री पर भी दबाव होगा, क्योंकि उसके पास भी एक साल को ही वक्त खुद को साबित करने का होगा. ऐसे में पार्टी सूत्र की जानकारी को अगर माना जाए तो फेरबदल से अधिक मंत्रियों के विभागों में बदलाव की संभावना अधिक प्रबल दिखाई देती है, लेकिन ये बात भी सब जानते हैं कि बीजेपी ऐसी पार्टी है. जो चुनावी समीकरणों को बदलने के लिए किसी भी स्तर पर संगठन या मंत्रिमंडल में बदलाव कर सकती है.