चंडीगढ़: हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति में संशोधन को मंगलवार को हुई हरियाणा कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई. इस नए संशोधनों के अनुसार, वैश्विक बाजार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए अन्य गैर-वित्तीय प्रोत्साहनों सहित इकाई के परिसर से बंदरगाह तक परिवहन लागत की अदायगी के लिए माल ढुलाई सब्सिडी के रूप में 25 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे.
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विनिर्माण स्थल से बंदरगाह या अंतरराष्ट्रीय सीमा तक माल की ढुलाई पर सरकारी शुल्क और करों को छोड़कर, फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) मूल्य या वास्तविक माल ढुलाई के 1 प्रतिशत की सीमा तक माल ढुलाई सहायता (जो भी कम हो) सुनिश्चित की जाएगी. C और D श्रेणी ब्लॉक में स्थित थ्रस्ट सेक्टर में लगे निर्माता निर्यातकों को अधिकतम 25 लाख रुपये और थ्रस्ट सेक्टर A और B श्रेणी के ब्लॉक में लगे निर्माता निर्यातक को 15 लाख रुपये तक की सब्सिडी सुनिश्चित की जाएगी.
अन्य सभी पात्र निर्माता निर्यातक इकाइयों (नॉन-थ्रस्ट सेक्टर) के लिए, C और D श्रेणी ब्लॉक में स्थित निर्माता निर्यातक को अधिकतम 20 लाख रुपये तथा A और B श्रेणी ब्लॉक में स्थित निर्माता निर्यातक को 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी सुनिश्चित की जाएगी. नई संशोधन नीति में विनिर्माण स्थल से बंदरगाह अंतरराष्ट्रीय सीमा तक ढुलाई हेतु जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट (जेडईडी) गोल्ड सर्टिफाइड इकाइयों के लिए शत प्रतिशत सब्सिडी, जेडईडी सिल्वर सर्टिफाइड इकाइयों के लिए 75 प्रतिशत और जेडईडी कांस्य सर्टिफाइड इकाइयों के लिए फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) मूल्य या वास्तविक माल ढुलाई के 1 प्रतिशत में से सरकारी शुल्क और करों को छोड़कर, 33 प्रतिशत सब्सिडी सुनिश्चित की जाएगी.
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संशोधन के अनुसार सभी पात्र इकाइयों के आवेदन वित्तीय वर्ष की समाप्ति की तारीख से 6 महीने की अवधि के भीतर विभाग के वेब पोर्टल पर जमा करवाए जाएंगे और 10 लाख रुपये से अधिक की माल ढुलाई सब्सिडी की मंजूरी देने के लिए महानिदेशक एमएसएमई सक्षम प्राधिकारी होंगे. योजना की शुरुआत और लागू होने की प्रभावी तिथि में बदलाव के साथ एजेंडे को स्वीकृति दी गई.
योजना के लागू होने की प्रभावी तिथि 1 जुलाई, 2023 होगी, जिसका अर्थ है कि वास्तविक निर्यात 1 जुलाई 2023 को या उसके बाद किया जाना चाहिए. यह उठान के बिल के आधार पर निर्धारित किया जाएगा. यह नीति राज्य में 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने और 5 लाख नौकरियां पैदा करने के उद्देश्य से अधिसूचित की गई थी. हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति (एचईईपी) 2020, औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता, संतुलित क्षेत्रीय विकास, निर्यात, नवाचार और उद्यमिता और मजबूत औद्योगिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए राज्य के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए लागू की गई है.
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