चंडीगढ़: बरोदा उप चुनाव होने को हैं और उससे पहले हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा को लेकर संशय बना हुआ है. अब चर्चा ये भी जोर पकड़ने लगी है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा के आसपास ही मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. सरकार सितंबर महीने के अंत तक मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकती है. फिलहाल हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों के अंतर्गत अभी तक विधायकों की संख्या मुख्यमंत्री समेत 12 है, जबकि दो मंत्री पद अभी और भरे जा सकते हैं.
ये भी तय माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में एक सीट जननायक जनता पार्टी के खाते में जबकि एक सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में जा सकती है. हालांकि सरकार को निर्दलीय विधायकों का साथ भी प्राप्त है. ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार से पहले निर्दलीय विधायकों को साथ लेकर चलना भी बड़ा जरूरी रहेगा. हरियाणा में मंत्रिमंडल का विस्तार होना है और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व जब भी चाहेगा, तुरंत फैसला हो जाएगा. क्योंकि फैसला केंद्रीय नेतृत्व को लेना है.
गृह मंत्री से मिले थे दुष्यंत चौटाला
वहीं कुछ दिन पहले उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की थी. इस मुलाकात में ये माना जा रहा था कि प्रदेश के अन्य मुद्दों के साथ-साथ मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी चर्चा की गई है. क्योंकि 1 मंत्री जननायक जनता पार्टी से बनना तय है, जबकि उससे कुछ दिन पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उसके बाद गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की. बैठकों के इस दौर में चर्चा ये भी सामने रही कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी चर्चा हुई है.
बीजेपी की ओर से इन नामों पर लग सकती है मुहर?
हरियाणा में मंत्रिमंडल विस्तार में भारतीय जनता पार्टी के कई विधायकों के नाम मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने को लेकर नाम आगे माने जा रहे हैं. जिनमें विधायक दीपक मंगला, डॉक्टर कमल गुप्ता के नाम पिछले मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान चर्चा में रहे थे. अग्रवाल समाज से मंत्रिमंडल में किसी को जगह नहीं दी गई है. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष जरूर अग्रवाल समाज से है. वहीं सुभाष सुधा के नाम को लेकर भी चर्चा हो सकती है.
रामकुमार गौतम की स्थिति हो सकती है डामाडोल
जबकि जननायक जनता पार्टी के गुहला से विधायक ईश्वर सिंह और टोहाना से बड़ी जीत दर्ज करके आए और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को हराकर आए देवेंद्र बबली का नाम प्रमुखता से माना जा सकता है. हालांकि इस दौड़ में पहले कैप्टन अभिमन्यु को हराकर आए रामकुमार गौतम का नाम भी चर्चा में माना जा रहा था, मगर गौतम का पिछले दिनों लगातार दुष्यंत पर निशाना साधने के चलते राह अब मुश्किल हो सकती है. विरोध कम करने के लिए भी फैसला लिया जा सकता है. दूसरी तरफ मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान मनोहर सरकार पार्ट वन की तरह मंत्रियों को हटाए जाने के बाद अलग समीकरण हो सकते हैं.
प्रदेश अध्यक्ष और मंत्रिमंडल विस्तार में समीकरण!
मंत्रिमंडल विस्तार से पहले प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान हो सकता है. हालांकि प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति भी जातीय समीकरण को देखते हुए की जा सकती है. प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के तहत मंत्रिमंडल विस्तार होना भी माना जा सकता है. जिस क्षेत्र या जाति से अध्यक्ष बनाया जाएगा. उसके आधार पर मंत्रिमंडल के विस्तार के दौरान कई चीजों को ध्यान में रखा जा सकता है.
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गौरतलब है कि बरोदा उपचुनाव की घोषणा 15 अगस्त के तुरंत बाद की मानी जा रही है, जबकि चुनाव सितंबर अंत या अक्तूबर के पहले सप्ताह में हो सकता है. उससे पहले मंत्रिमंडल का विस्तार चुनाव में फायदे या नुकसान के आंकलन को देखते हुए हो सकता है. फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति में हो रही देरी के बाद चर्चा ये भी है कि अध्यक्ष की घोषणा और मंत्रिमंडल विस्तार आपस ही हो सकते है.