चंडीगढ़: मंगलवार को हरियाणा मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है. हरियाणा सरकार की कैबिनेट में दो नए मंत्री शामिल हुए हैं. राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राजभवन में देवेंद्र बबली और कमल गुप्ता को पद और गोपनीयता की शपथ (Haryana minister oath taken ceremony) दिलवाई.
कैबिनेट विस्तार के साथ ही हरियाणा सरकार में घमासान भी शुरू हो गया है. मंगलवार को कमल गुप्ता और देवेंद्र बबली को हरियाणा के कैबिनट में शामिल किया गया है. अभी इन दोनों मंत्रियों को विभाग आबंटित नहीं किया गया है. खबर है कि हरियाणा सरकार में मौजूदा गृह एवं स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज से एक विभाग वापस मांगा गया है. ताकि नवनियुक्त मंत्री कमल गुप्ता को दिया जा सके, जिससे गृह मंत्री अनिल विज नाराज हो गए हैं और मंगलवार को शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भी नहीं पहुंचे थे.
बता दें कि कमल गुप्ता बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और जाने-माने हार्ट सर्जन रहे हैं, ऐसे में कमल गुप्ता को स्वास्थ्य विभाग देने की भी अटकलें चल रही हैं, मालूम हो कि स्वास्थ्य विभाग भी गृह मंत्री अनिल विज के पास है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सरकार अनिल विज से कम से कम एक विभाग वापस लेकर कमल गुप्ता को देगी. सूत्रों का कहना है कि अनिल विज अब चंडीगढ़ छोड़ कर अंबाला चले गए हैं. इसके साथ ही विज के समर्थक भी सरकार के इस फैसले से नाराज दिख रहे हैं.
गौरतलब है कि हरियाणा मंत्रिमंडल में इस वक्त दो पद खाली पड़े थे. जिन पर गठबंधन सरकार जेजेपी और बीजेपी के एक-एक विधायक को मंत्री बनाया गया है. ऐसे में दोनों दलों की ओर से विधायक काफी लंबे समय से आस लगाए हुए थे कि मंत्रिमंडल का विस्तार हो और उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिले. इसके साथ ही भाजपा-जजपा की गठबंधन सरकार ने वैश्य और जाट समुदाय से मंत्री बनाकर दोनों वर्गों का भरोसा जीतने का प्रयास किया है. हालांकि शुरू से ये भी चर्चा थी कि कुछ मंत्रियों को हटाया जाएगा, उनकी जगह कुछ नए विधायकों को भी मौका मिल सकता है. लेकिन मुख्यमंत्री ने बयान जारी कर इन सब कयासों पर विराम लगा दिया था.
कौन है कमल गुप्ता?
डॉक्टर कमल गुप्ता (hisar MLA kamal gupta) हिसार के जाने-माने हार्ट सर्जन रहे हैं. उनका हिसार के मलिक चौक पर स्थित गुप्ता अस्पताल भी है. ये अस्पताल वर्तमान में उनकी पत्नी संभालती हैं. कमल गुप्ता का जन्म गुरुग्राम में हुआ था. उनके पिता डाक विभाग में पोस्टमास्टर थे जिस वजह से वह हरियाणा के कई शहरों में रहे हैं. उन्होंने डॉक्टर की डिग्री रोहतक पीजीआई से की और उसके बाद 1996 में हिसार में अपना अस्पताल खोल लिया.
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कमल गुप्ता ने अपना पहला चुनाव 1996 में ही लड़ा था जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उसके बाद 2001 में दूसरा चुनाव भी हिसार विधायक सीट के लिए लड़े लेकिन फिर हार गए. कमल गुप्ता पुराने समय से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं. साल 2001 के बाद बीजेपी में उन्होंने जिला अध्यक्ष पद का कार्यभार भी संभाला. साल 2014 के चुनाव में पहली बार उन्हें जीत हासिल हुई और कांग्रेस के उम्मीदवार व देश की जानी-मानी उद्योगपति सावित्री जिंदल को हराकर हिसार के विधायक बने. उस दौरान कमल गुप्ता को सरकार में सीपीएस का पद दिया गया था लेकिन बाद में हाईकोर्ट के फैसले पर उन्हें इस पद से त्यागपत्र देना पड़ा. साल 2019 के चुनाव में वह फिर से बीजेपी ने कमल गुप्ता को टिकट दिया और वो जीतकर दोबारा विधायक बने.
कौन हैं देवेंद्र सिंह बबली?
देवेंद्र सिंह बबली (Devender Singh Babli) फतेहाबाद की टोहाना विधानसभा सीट से जेजेपी के विधायक हैं. बबली ने 2019 के चुनाव में जननायक जनता पार्टी के टिकट पर बीजेपी के दिग्गज नेता और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके सुभाष बराला को हराया था. देवेंद्र बबली वही नेता हैं जो कभी किसान आंदोलन के मामले को लेकर खुद की पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं. ऐसे में उनको शांत करना पार्टी के लिए जरूरी था.
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इसी के साथ फतेहाबाद से 7 साल बाद कोई नेता मंत्री बना है. कांग्रेस की भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में टोहाना से विधायक रहे परमवीर सिंह को कृषि मंत्री बनाया गया था. इसके बाद 2014 के विधानसभा चुनाव में पहली बार पूर्ण बहुमत के साथ बीजेपी की सरकार बनी. उस समय टोहाना से बीजेपी के सुभाष बराला जीते थे, लेकिन बराला को मंत्री नहीं बनाया गया बल्कि प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई.
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