चंडीगढ़: दो साल से जारी तमाम कयासों के बाद आखिरकार हरियाणा मंत्रिमंडल का विस्तार (haryana cabinet expansion) हो गया. इस विस्तार के साथ ही हरियाणा में दो नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. हरियाणा राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कमल गुप्ता और देवेंद्र बबली को मंत्री पद की शपथ दिलाई. इसके पहले अटकलों पर विराम लगाते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ कर दिया था कि कमल गुप्ता और देवेंद्र बबली मंत्री बनेंगे.
हरियाणा मंत्रिमंडल में इस वक्त दो पद खाली थे जिन पर गठबंधन सरकार जेजेपी और बीजेपी के एक-एक विधायक को मंत्री बनाया जाना था. ऐसे में दोनों दलों की ओर से विधायक काफी लंबे समय से आस लगाए हुए थे कि मंत्रिमंडल का विस्तार (haryana cabinet expansion) हो और उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिले. हलांकि शुरू से ये भी चर्चा थी कि कुछ मंत्रियों को हटाकर उनकी जगह कुछ नए विधायकों को भी मौका मिल सकता है लेकिन किसी को हटाया नहीं गया है.
कौन हैं विधायक कमल गुप्ता?
डॉक्टर कमल गुप्ता (hisar MLA kamal gupta) हिसार के जाने-माने हार्ट सर्जन रहे हैं. उनका हिसार के मलिक चौक पर स्थित गुप्ता अस्पताल (gupta hospital hisar) भी है. ये अस्पताल वर्तमान में उनकी पत्नी संभालती हैं. कमल गुप्ता का जन्म गुरुग्राम में हुआ था. उनके पिता डाक विभाग में पोस्टमास्टर थे जिस वजह से वह हरियाणा के कई शहरों में रहे हैं. उन्होंने डॉक्टर की डिग्री रोहतक पीजीआई से की और उसके बाद 1996 में हिसार में अपना अस्पताल खोल लिया.
कमल गुप्ता ने अपना पहला चुनाव 1996 में ही लड़ा था जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उसके बाद 2001 में दूसरा चुनाव भी हिसार विधायक सीट के लिए लड़े लेकिन फिर हार गए. कमल गुप्ता पुराने समय से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं. साल 2001 के बाद बीजेपी में उन्होंने जिला अध्यक्ष पद का कार्यभार भी संभाला. साल 2014 के चुनाव में पहली बार उन्हें जीत हासिल हुई और कांग्रेस के उम्मीदवार व देश की जानी-मानी उद्योगपति सावित्री जिंदल को हराकर हिसार के विधायक बनेय
उस दौरान कमल गुप्ता को सरकार में सीपीएस का पद दिया गया था लेकिन बाद में हाईकोर्ट के फैसले पर उन्हें इस पद से त्यागपत्र देना पड़ा. साल 2019 के चुनाव में वह फिर से बीजेपी ने कमल गुप्ता को टिकट दिया और वो जीतकर दोबारा विधायक बने.
कौन हैं देवेंद्र सिंह बबली?
देवेंद्र सिंह बबली (Devender Singh Babli) फतेहाबाद की टोहाना विधानसभा सीट से विधायक हैं. बबली ने 2019 के चुनाव में जननायक जनता पार्टी के टिकट पर बीजेपी के दिग्गज नेता और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके सुभाष बराला को हराया था. देवेंद्र बबली वही नेता हैं जो कभी किसान आंदोलन के मामले को लेकर खुद की पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं. ऐसे में उन को शांत करना पार्टी के लिए जरूरी था.
राजनीतिक गलियारे में ये कयास काफी पहले से है कि बबली की नाराजगी दूर करने के लिए उन्हें मंत्री बनाया जा सकता है. क्योंकि जेजेपी के भीतर पहले ही कई विधायक बगावत करके पार्टी लाइन के खिलाफ खासकर किसानों के मुद्दे पर काम करते रहे हैं.
फतेहाबाद से 7 साल बाद कोई नेता मंत्री बनेगा. कांग्रेस की भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में टोहाना से विधायक रहे परमवीर सिंह को कृषि मंत्री बनाया गया था. इसके बाद 2014 के विधानसभा चुनाव में पहली बार पूर्ण बहुमत के साथ बीजेपी की सरकार बनी. उस समय टोहाना से बीजेपी के सुभाष बराला जीते थे. लेकिन बराला को मंत्री नहीं बनाया गया बल्कि प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई.
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