चंडीगढ़: इस साल हरियाणा विधानसभा शीतकालीन सत्र आज (शुक्रवार, 15 दिसंबर) से शुरू हो रहा है. हरियाणा विधानसभा का सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा. इस सत्र के दौरान विपक्ष कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति बना चुका है. वहीं, सरकार भी विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है. विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कई अहम बिल भी पेश करने की तैयारी में है.
शीतकालीन सत्र में पेश होंगे कई अहम बिल: जानकारी के अनुसार शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार की तरफ से कई अमेंडमेंट बिल पेश किए जाएंगे, जिनमें से एक बिल के जरिए हरियाणा में सरकार प्रदेश के हुक्का बार पर नियमों को कड़ा करने की तैयारी में है. इसके साथ ही हरियाणा सरकार मृत शरीर के सम्मान को लेकर भी नियम और कानून लाने की तैयारी में है.
हुक्का बार पर नकेल कसेगी सरकार: संभावना जताई जा रही है कि 15 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में सरकार हुक्का बार को लेकर विधेयक ला सकती है. जिसके जरिए सरकार हुक्का बार पर नकेल लगाने की कोशिश करेगी. इस विधेयक के माध्यम से सरकार कड़े नियम तय कर सकती है. जिसमें गैर जमानती धाराओं के तहत कार्रवाई के साथ ही भारी भरकम जुर्माने का भी प्रावधान किया जा सकता है. जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग ने कोटपा विधेयक यानी सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट एक्ट (COTPA) के तहत नियमों को कड़े करने की तैयारी कर ली है. वहीं, इस विधेयक को सत्र में लाकर सरकार प्रदेश में नशे के कारोबार पर चोट करेगी.
मृत शरीर सम्मान विधेयक भी ला सकती है सरकार: इसके साथ ही मनोहर लाल सरकार इस बार शीतकालीन सत्र में मृत शरीर सम्मान विधेयक लाने की भी तैयारी में है. वैसे तो इसका मकसद मृत शरीर को सम्मान देने का है, लेकिन इसके जरिए सरकार मृत शरीर के साथ प्रदर्शन करने वालों पर भी रोक लगाने की तैयारी में है. इसके तहत आने वाले प्रावधानों में अगर कोई भी मृत शरीर के साथ प्रदर्शन करता है और अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं होता है तो अंतिम संस्कार प्रशासन और पुलिस करेगी. वहीं, विधेयक के जरिए न सिर्फ प्रदर्शन पर रोक लगेगी, बल्कि इससे लोगों को सड़क जाम की स्थिति से भी राहत मिलेगी. वहीं, इस विधेयक के जरिये सरकार निजी अस्पतालों की मनमानी पर भी प्रहार करने की तैयारी में है. विधेयक के तहत बिल चुकता न होने की स्थिति में अब अस्पताल अपने पास शव नहीं रख पाएगा. अब अस्पताल को बिल चुकता न होने पर भी शव को परिजनों को देना होगा. यानी अस्पताल शव देने से मना नहीं कर सकता.
ये भी पढ़ें: शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने की कांग्रेस ने बनाई रणनीति, सत्ता पक्ष भी जोरदार जवाब देने को तैयार