चंडीगढ़: संसद की सुरक्षा में चूक मामले और हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. संसद की सुरक्षा में हुई चूक की उन्होंने कड़े शब्दों में निंदा की. वहीं हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र को में होने वाले विधाई कार्यों के बारे में भी बात की.
सवाल- संसद में हुई सुरक्षा की चूक के मामले को आप कैसे देखते हैं?
जवाब- निश्चित तौर पर जो सुरक्षा में चूक हुई है. वो चिंता का विषय भी है और आगे के लिए सतर्क रहने का विषय भी है. जिस तरह से लोकसभा हमारे लोकतंत्र का मंदिर है. देश की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा है. उसके अंदर कुछ विघटनकारी तत्व, षड्यंत्रकारी तत्व जिस प्रकार की चीजों को अंजाम देते हैं, उनके ऊपर सख्ती से कार्रवाई करने की जरूरत है. मुझे पूरा यकीन है जिन लोगों ने ये कृत्य किया है. उन लोगों पर सख्त कार्रवाई होगी और फिर से दोबारा कोई ऐसा घटना ना घटे, उसके लिए भी विशेष प्रबंध किए जाएंगे.
सवाल- हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. क्या संसद में हुए सिक्योरिटी ब्रीच के बाद यहां पर भी सुरक्षा को रिव्यू किया जाएगा
जवाब- हमारी विधानसभा सत्र में सुरक्षा को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी. जिसमें हरियाणा के मुख्य सचिव और गृह सचिव के साथ ही पंजाब और चंडीगढ़ के तमाम पुलिस के आला अधिकारी भी मौजूद थे. सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पूरी चर्चा हुई है. कहीं भी किसी तरह की कोई सुरक्षा में चूक ना हो. उसके लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं.
सवाल- हरियाणा विधानसभा के अंदर जो दर्शक दीर्घा है. वो काफी नीचे है, क्या भविष्य में उसको लेकर कोई कदम उठाएंगे?
जवाब- आज की घटना के बाद ये एक बहुत बड़ी चिंता का विषय हो गया है. हम भी दोबारा से दर्शक दीर्घा के अंदर किस प्रकार से जो विजिटर हैं, वे कोई ऐसी घटना ना कर सके, उस पर कैसे रोकथाम लगाई जाए. इन सभी पक्ष को मजबूत करेंगे, ताकि इस तरह की कोई घटना सदन के अंदर ना हो. इसके बाद अब हम सदन के अंदर अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और चाक चौबंद करेंगे. अगर इस तरह की कोई घटना होती है, तो उसे तुरंत रोका जाए और उस पर कार्रवाई तुरंत की जा सके.
सवाल- 15 दिसंबर से शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. विधानसभा के पास कितना विधाई कार्य है?
जवाब- अभी तक हमारे पास 49 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव अलग अलग सदस्यों से मिले हैं. 1 काम रोको प्रस्ताव आया है. 2 गैर सरकारी बिल आए हैं. 1 शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कसन आया है. इसके साथ ही एक बिल सरकार की तरफ से आया है. इसके साथ ही कुल 383 प्रश्न आए हैं. वहीं काम रोको प्रस्ताव अभी तक एक्सेप्ट नहीं हुआ है. हम तीन दिन के सत्र के दौरान ये सारे विधाई कार्य सफलता से पूर्ण कर लेंगे.
सवाल- विपक्ष लगातार कहता रहता है कि जो सदन की अवधि है वो चर्चा के लिए ना काफी होती है. आप इसे कैसे देखते हैं?
जवाब- विपक्ष यानी आज की तारीख में कांग्रेस. मुझे लगता है कि कांग्रेस को अपने गिरेबान में झांक कर देख लेना चाहिए. मैंने जो डाटा विधानसभा से निकलवाया है, उसकी जानकारी में आपको भी देना चाहूंगा. उनको भी देना चाहूंगा. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने 10 साल के कार्यकाल में सिर्फ एक शीतकालीन सत्र, एक बार बुलाया है. उस सत्र में 11 घंटे 3 मिनट कुल काम हुआ. कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल में कुल 126 सिटिंग हुई. इनेलो के 5 साल में कार्यकाल में 66 सिटिंग हुई. हमने शीतकालीन सत्र में 101 घंटे 43 मिनट सदन में चर्चा की है. फिर ये कहना कि बोलने के लिए समय नहीं मिलता, समय कम है. मैं समझता हूं कि ये उचित नहीं है.
सवाल- कल शाम 4:00 बजे बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक भी है क्या समय अवधि बढ़ाई जा सकती है?
जवाब- मुझे लगता है कि ये तीन दिन का समय विधाई कार्यों के हिसाब से काफी है. फिर भी बिजनेस एडवाइजरी कमेटी का फैसला अंतिम होता है. जो बिजनेस एडवाइजरी कमेटी फाइनल करेगी. उसका पालन किया जाएगा.
ये भी पढ़ें- संसद भवन के बाहर महिला और पुरुष ने की नारेबाजी, छोड़ा कलर स्मोक, पुलिस ने पकड़ा
ये भी पढ़ें- लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से कूदे दो शख्स, सांसदों ने पकड़ा