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हरियाणा में फसल खरीद की उठा पटक के बीच कृषि मंत्री जेपी दलाल ने विपक्ष को दी ये चुनौती

इन दिनों हरियाणा में गेहूं की सरकारी खरीद को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है. जहां एक ओर सरकारी खरीद के नए नियमों से तंग आकर किसानों ने अनाज मंडी की मार्केट कमेटी के दफ्तर का घेराव किया, तो वहीं सरकारी खरीद में किसानों को सही दाम ना मिलने पर विपक्ष भी प्रदेश सरकार पर हमलावर है. खबर में जानिए चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता कर कृषि मंत्री जेपी दलाल ने सफाई देते हुए क्या कहा. (Haryana Agriculture Minister JP Dalal)

Haryana Agriculture Minister JP Dalal on crop purchase in Chandigarh
हरियाणा में फसल खरीद की उठा पटक के बीच कृषि मंत्री जेपी दलाल ने विपक्ष को दी ये चुनौती
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Published : Apr 13, 2023, 4:09 PM IST

हरियाणा में फसल खरीद की उठा पटक के बीच कृषि मंत्री जेपी दलाल ने विपक्ष को दी ये चुनौती

चंडीगढ़: चंडीगढ़ में कृषि मंत्री जेपी दलाल ने वीरवार को मंडियों में सरसों और गेहूं की खरीद के मामले को लेकर प्रेस वार्ता की. जिसमें उन्होंने प्रदेश की मंडी में हो रही सरसों और गेहूं की सरकारी खरीद के बारे में जानकारी साझा की और साथ ही खरीद को लेकर फैल रही अफवाहों पर भी विराम लगाने की कोशिश की. जेपी दलाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मंडी में सरसों और गेहूं की खरीद को लेकर कुछ भ्रांतियां फैली हुई है. उनको सरकार दूर करना चाहती है.

मई महीने तक किसानों को मुआवजा: उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल सही है कि इस बार भी मौसमी बारिश और ओलावृष्टि की वजह से किसानों की फसलें खराब हुई. इसको लेकर मुख्यमंत्री और खुद मैंने जमीन पर जाकर हालात देखें और यह फैसला लिया कि अप्रैल महीने में गिरदावरी करवाई जाएगी. मई महीने में किसानों को मुआवजा दिया जाएगा. इसको लेकर भी सरकार लगातार काम कर रही है.

गेहूं की चमक कम: उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश की वजह से गेहूं की चमक में कमी आई हैऔर आमतौर पर जो छूट होती थी. इस बार उससे ज्यादा गेहूं का दाना टूटा था. सरकार ने इसका तुरंत संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार से इसकी खरीद को लेकर इजाजत मांगी. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मंडियों में दो तिहाई गेहूं ऐसा आ रहा है जो पुराने पैमाने पर खरा नहीं उतरा.

टूटे दाने वाली फसल भी खरीदी: जेपी दलाल ने कहा कि किसी की चमक कम है, तो किसी का दाना ज्यादा टूटा हुआ है. अगर हम भारत सरकार से इसकी खरीद की इजाजत नहीं मांगती तो मंडियों में संकट आ जाता और दो तिहाई इस गेहूं की खरीद ना हो पाती. यह गेहूं मंडियों में रिजेक्ट हो जाता और किसानों को समस्या आती. भारत सरकार का धन्यवाद करते हैं, कि उन्होंने इसकी खरीद की तुरंत इजाजत दे दी. लेकिन उन्होंने इसको लेकर राइडर लगा दिया.

फसल में चमक कम होने पर मिलेगा कम दाम: उन्होंने कहा कि अगर गेहूं की चमक कम होगी तो वे 5.31 पैसे कम देंगे. 6% से 8%, 8% से 10% और 10% से 12%, यानी प्रति 2% पर वे 5.31 पैसे कम करेंगे. उस पर भी हमने भारत सरकार से इजाजत मांगी है, कि वह ऐसा ना करें. हमने कहा है कि आप किसान का पैसा नहीं काटेंगे. हालांकि अभी तक उसके संदर्भ में कोई जवाब नहीं आया है.

विपक्ष को कृषि मंत्री का जवाब: उन्होंने कहा कि विपक्ष हमेशा भ्रम फैलाकर सरकार के ऊपर दोषारोपण करता है. इस तरह का भ्रम फैला कर उनकी कोशिश होती है, कि किसान को किसी तरह से शक पैदा हो. कुछ ऐसा हो जाए कि किसान की फसल ओने पौने दामों पर बिक जाए. लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे. किसान की फसल पूरी एमएसपी पर खरीदेंगे. यह हमारे और भारत सरकार के बीच है कि अगर किसान को कम पैसा मिलता है, तो हरियाणा सरकार उसकी भरपाई करेगी.

चर्चा करने की दी चुनौती: इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बार-बार विपक्ष के नेता फसलों की खरीद और उसके भाव पर चर्चा करते हैं. मैं आंकड़ों पर किसी भी विपक्ष के नेता से जब तक वे चाहे तब तक चर्चा करने के लिए तैयार हूं. उनके वक्त में क्या खरीद होती थी. उनके वक्त में खराबी का कितना पैसा मिलता था. उनके वक्त में पीने का कितना पैसा मिलता था. लेकिन, उस पर चर्चा के लिए आज तक किसी भी नेता ने हां नहीं की है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में बिछी चुनावी बिसात! इनेलो कांग्रेस से भी गठबंधन को तैयार, जानें क्या बन रहे सियासी समीकरण

भ्रम न फैलाए विपक्ष: उन्होंने कहा कि, सिर्फ बयानबाजी करके दोषारोपण करके लोगों के बीच भ्रम फैलाना चाहते हैं. मेरी उनसे गुजारिश है कि अगर वह अपने वक्त की नीतियों को लेकर किसी भी अपने नुमाइंदों को भेजकर मेरे साथ चर्चा करना चाहते हैं तो आए. वे अपने वक्त की बात बताएं और हम अपने समय की बात बताएंगे. जनता फिर उसका फैसला करेगी.

मंडी में तेजी से आया गेहूं: उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि बड़ी तेज गति से पिछले सप्ताह से मंडी में गेहूं आया है. पिछले कल तक मंडी में 17.85 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडी में आ चुका है. जिसमें से हमने 10.47 लाख क्विंटल की खरीद कर दी है. पिछले दो-तीन दिनों से जो भी सरसों मंडी में बेचने के लिए आ रही है. उसमें से 80 से 90% हम एमएसपी पर खरीद रहे हैं. सिर्फ 10% के करीब सरसों ऐसी है. जिसमें कुछ खराबी है और कुछ नमी भी है. मंडी में अभी तक सरसों की 1 लाख 12 हजार मीट्रिक टन आवक हुई है और खरीद हमारी 95000 मीट्रिक टन से अधिक की हो गई है.

ये भी पढ़ें: अंबाला में सरकारी खरीद के नए नियमों का विरोध, किसानों ने किया मार्केट कमेटी के दफ्तर का घेराव

घोटाला करने वालों पर सरकार सख्त: वहीं, अभी तक 65000 मीट्रिक टन से अधिक की लिफ्टिंग भी हो चुकी है. उन्होंने उम्मीद जताई कि पिछली बार से इस बार अधिक गेहूं की खरीद होगी. उन्होंने कहा कि इस बार गेहूं की खरीद 80 से 90 लाख मीट्रिक टन हो सकती है. उन्होंने कहा कि हमने मंडी में हर तरह की व्यवस्था कर दी है. उन्होंने कहा कि टोल में गड़बड़ी की टोहाना से शिकायत आई थी. उनके लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि किसान के साथ जो भी गड़बड़ करेगा, उसको किसी भी तरह से बख्शा नहीं जाएगा.

हरियाणा में फसल खरीद की उठा पटक के बीच कृषि मंत्री जेपी दलाल ने विपक्ष को दी ये चुनौती

चंडीगढ़: चंडीगढ़ में कृषि मंत्री जेपी दलाल ने वीरवार को मंडियों में सरसों और गेहूं की खरीद के मामले को लेकर प्रेस वार्ता की. जिसमें उन्होंने प्रदेश की मंडी में हो रही सरसों और गेहूं की सरकारी खरीद के बारे में जानकारी साझा की और साथ ही खरीद को लेकर फैल रही अफवाहों पर भी विराम लगाने की कोशिश की. जेपी दलाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मंडी में सरसों और गेहूं की खरीद को लेकर कुछ भ्रांतियां फैली हुई है. उनको सरकार दूर करना चाहती है.

मई महीने तक किसानों को मुआवजा: उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल सही है कि इस बार भी मौसमी बारिश और ओलावृष्टि की वजह से किसानों की फसलें खराब हुई. इसको लेकर मुख्यमंत्री और खुद मैंने जमीन पर जाकर हालात देखें और यह फैसला लिया कि अप्रैल महीने में गिरदावरी करवाई जाएगी. मई महीने में किसानों को मुआवजा दिया जाएगा. इसको लेकर भी सरकार लगातार काम कर रही है.

गेहूं की चमक कम: उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश की वजह से गेहूं की चमक में कमी आई हैऔर आमतौर पर जो छूट होती थी. इस बार उससे ज्यादा गेहूं का दाना टूटा था. सरकार ने इसका तुरंत संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार से इसकी खरीद को लेकर इजाजत मांगी. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मंडियों में दो तिहाई गेहूं ऐसा आ रहा है जो पुराने पैमाने पर खरा नहीं उतरा.

टूटे दाने वाली फसल भी खरीदी: जेपी दलाल ने कहा कि किसी की चमक कम है, तो किसी का दाना ज्यादा टूटा हुआ है. अगर हम भारत सरकार से इसकी खरीद की इजाजत नहीं मांगती तो मंडियों में संकट आ जाता और दो तिहाई इस गेहूं की खरीद ना हो पाती. यह गेहूं मंडियों में रिजेक्ट हो जाता और किसानों को समस्या आती. भारत सरकार का धन्यवाद करते हैं, कि उन्होंने इसकी खरीद की तुरंत इजाजत दे दी. लेकिन उन्होंने इसको लेकर राइडर लगा दिया.

फसल में चमक कम होने पर मिलेगा कम दाम: उन्होंने कहा कि अगर गेहूं की चमक कम होगी तो वे 5.31 पैसे कम देंगे. 6% से 8%, 8% से 10% और 10% से 12%, यानी प्रति 2% पर वे 5.31 पैसे कम करेंगे. उस पर भी हमने भारत सरकार से इजाजत मांगी है, कि वह ऐसा ना करें. हमने कहा है कि आप किसान का पैसा नहीं काटेंगे. हालांकि अभी तक उसके संदर्भ में कोई जवाब नहीं आया है.

विपक्ष को कृषि मंत्री का जवाब: उन्होंने कहा कि विपक्ष हमेशा भ्रम फैलाकर सरकार के ऊपर दोषारोपण करता है. इस तरह का भ्रम फैला कर उनकी कोशिश होती है, कि किसान को किसी तरह से शक पैदा हो. कुछ ऐसा हो जाए कि किसान की फसल ओने पौने दामों पर बिक जाए. लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे. किसान की फसल पूरी एमएसपी पर खरीदेंगे. यह हमारे और भारत सरकार के बीच है कि अगर किसान को कम पैसा मिलता है, तो हरियाणा सरकार उसकी भरपाई करेगी.

चर्चा करने की दी चुनौती: इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बार-बार विपक्ष के नेता फसलों की खरीद और उसके भाव पर चर्चा करते हैं. मैं आंकड़ों पर किसी भी विपक्ष के नेता से जब तक वे चाहे तब तक चर्चा करने के लिए तैयार हूं. उनके वक्त में क्या खरीद होती थी. उनके वक्त में खराबी का कितना पैसा मिलता था. उनके वक्त में पीने का कितना पैसा मिलता था. लेकिन, उस पर चर्चा के लिए आज तक किसी भी नेता ने हां नहीं की है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में बिछी चुनावी बिसात! इनेलो कांग्रेस से भी गठबंधन को तैयार, जानें क्या बन रहे सियासी समीकरण

भ्रम न फैलाए विपक्ष: उन्होंने कहा कि, सिर्फ बयानबाजी करके दोषारोपण करके लोगों के बीच भ्रम फैलाना चाहते हैं. मेरी उनसे गुजारिश है कि अगर वह अपने वक्त की नीतियों को लेकर किसी भी अपने नुमाइंदों को भेजकर मेरे साथ चर्चा करना चाहते हैं तो आए. वे अपने वक्त की बात बताएं और हम अपने समय की बात बताएंगे. जनता फिर उसका फैसला करेगी.

मंडी में तेजी से आया गेहूं: उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि बड़ी तेज गति से पिछले सप्ताह से मंडी में गेहूं आया है. पिछले कल तक मंडी में 17.85 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडी में आ चुका है. जिसमें से हमने 10.47 लाख क्विंटल की खरीद कर दी है. पिछले दो-तीन दिनों से जो भी सरसों मंडी में बेचने के लिए आ रही है. उसमें से 80 से 90% हम एमएसपी पर खरीद रहे हैं. सिर्फ 10% के करीब सरसों ऐसी है. जिसमें कुछ खराबी है और कुछ नमी भी है. मंडी में अभी तक सरसों की 1 लाख 12 हजार मीट्रिक टन आवक हुई है और खरीद हमारी 95000 मीट्रिक टन से अधिक की हो गई है.

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घोटाला करने वालों पर सरकार सख्त: वहीं, अभी तक 65000 मीट्रिक टन से अधिक की लिफ्टिंग भी हो चुकी है. उन्होंने उम्मीद जताई कि पिछली बार से इस बार अधिक गेहूं की खरीद होगी. उन्होंने कहा कि इस बार गेहूं की खरीद 80 से 90 लाख मीट्रिक टन हो सकती है. उन्होंने कहा कि हमने मंडी में हर तरह की व्यवस्था कर दी है. उन्होंने कहा कि टोल में गड़बड़ी की टोहाना से शिकायत आई थी. उनके लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि किसान के साथ जो भी गड़बड़ करेगा, उसको किसी भी तरह से बख्शा नहीं जाएगा.

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