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'मेरा पानी-मेरी विरासत' योजना: मंडियों में मक्का सुखाने के लिए ड्रायर लगाने का ऐलान

हरियाणा कृषि विभाग किसानों मेरा पानी-मेरी विरासत योजना को सफल बनाने के लिए लुभाने में लगा है. विभाग ने किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण करवाने के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं.

haryana agriculture department Announced to install dryer to dry corn in crop mandi
जेपी दलाल, कृषि मंत्री, हरियाणा
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Published : Jun 11, 2020, 9:42 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के कृषि विभाग ने ये ऐलान किया है कि जो किसान 'मेरा पानी-मेरी विरासत' पोर्टल पर पंजीकरण करेगा, उनको योजना के अनुसार में 'मेज मल्टी क्रॉप प्लांटर' 40 प्रतिशत सब्सिडी पर उपलब्ध करवाए जाएंगे. किसानों को अपने खेतों में धान की जगह मक्का की फसल लगाने पर सरकार की ओर से 7000 रुपये प्रति एकड़ दिए जाएंगे. वहीं मंडियों में मक्का सुखाने के लिए ड्रायर की व्यवस्था भी की जाएगी.

इस योजना के तहत राज्य सरकार की तरफ से मक्का को न्यूनतम समर्थन मूल्य 1850 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा. कृषि विभाग की तरफ से ब्लॉक स्तर पर मक्का के प्रदर्शन प्लांट भी लगाए जाएंगे. किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं की जानकारी देने के लिए ग्राम स्तर पर प्रशिक्षण शिविर लगाए जा रहे हैं.

मक्का सुखाने के लिए होगी ड्रायर की व्यवस्था

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल ने जानकारी दी कि राज्य की अनाज मंडियों में मक्का ड्रायर की व्यवस्था की जाएगी, ताकि किसानों को अपनी फसल बेचने में किसी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े. इसके अलावा किसान टोल फ्री नंबर 1800-180-2117 पर अथवा कृषि विभाग के जिला स्तर के अधिकारी से संपर्क कर योजनाओं की जानकारी ले सकते हैं.

जल संचित करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं: कृषि मंत्री

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को जल संचित करने के लिए प्रेरित कर रही है. जिसके तहत बहुत से किसान धान के स्थान पर वैकल्पिक फसलें अपना रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस अनूठी योजना से भूजल बचाने की मुहिम को और अधिक बल मिलेगा. गौरतलब है कि मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत अब तक 58 हजार 421 हेक्टेयर क्षेत्र में धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलें उगाने के लिए लगभग 53 हजार किसान अपना पंजीकरण करवा चुके हैं. बजट भाषण में धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलें उगाने के लिए 100000 हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य रखा गया था.

293 नहरों में टेल तक पानी पहुंचा

उन्होंने कहा कि बेहतर जल प्रबंधन के चलते राजस्थान की सीमा से सटे दक्षिण हरियाणा के नांगल चौधरी सतनाली और लोहारू जैसे क्षेत्रों में टेलों तक पानी पहुंचा है. अब तक ऐसी 300 टेलों में से 293 टेलों में पानी पहुंच चुका है. प्रदेश में नहरी तंत्र का जीर्णोद्धार तीन चरणों में किया जा रहा है. पश्चिमी यमुना नहर के जीर्णोद्धार पर 2200 करोड रुपए खर्च किए जा रहे हैं और इसके 2 चरणों का कार्य पूरा हो चुका है जबकि वर्ष 2022 तक 3 चरणों का कार्य पूरा किया जाएगा.

क्या है मेरा पानी-मेरी विरासत योजना

हरियाणा सरकार का कहना है कि हरियाणा में जल-स्तर हर साल एक मीटर नीचे जा रहा है. सरकार ने कहा कि धान में रोपाई से लेकर सिंचाई तक में पानी की खपत बहुत होती है. जमीन के नीचे वाले पानी का काफी इस्तेमाल होता है. 9 मई, 2020 को खट्टर सरकार की तरफ से ‘मेरा पानी, मेरी विरासत’ योजना लागू करने का नोटिफिकेशन आता है. योजना के लिए 19 ब्लॉक चुने जाते हैं, जहां जलस्तर 40 मीटर से ज़्यादा है. मतलब 40 मीटर तक ज़मीन की खुदाई करो, तो भी पानी न मिले. इसके अलावा पंचायत की वो ज़मीन, जहां 35 मीटर से ज़्यादा का जलस्तर है, वहां धान की खेती पर रोक लगा दी गई.

वैकल्पिक फसल उगाने पर दिया जोर

सरकार का कहना है कि प्रतिबंधित क्षेत्रों में किसान को अपने धान के क्षेत्र में 50 फीसदी हिस्से में वैकल्पिक फसलें उगानी होंगी. जैसे- मक्का, कपास, बाजरा, दलहन फसलें, सब्जी, बागवानी. मतलब अगर किसी के पास चार एकड़ ज़मीन है, तो उसे दो एकड़ ज़मीन में वैकल्पिक फसलें उगानी होंगी. वैकल्पिक खेती को अपनाने के लिए 7,000 रुपए प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. ये पैसे दो किस्तों में दिए जाएंगे.

ये भी पढ़िए: हर मानसून जलभराव से बदहाल होते हैं गुरुग्राम वासी, जानें इस बार क्या है प्रशासन की तैयारी

चंडीगढ़: हरियाणा के कृषि विभाग ने ये ऐलान किया है कि जो किसान 'मेरा पानी-मेरी विरासत' पोर्टल पर पंजीकरण करेगा, उनको योजना के अनुसार में 'मेज मल्टी क्रॉप प्लांटर' 40 प्रतिशत सब्सिडी पर उपलब्ध करवाए जाएंगे. किसानों को अपने खेतों में धान की जगह मक्का की फसल लगाने पर सरकार की ओर से 7000 रुपये प्रति एकड़ दिए जाएंगे. वहीं मंडियों में मक्का सुखाने के लिए ड्रायर की व्यवस्था भी की जाएगी.

इस योजना के तहत राज्य सरकार की तरफ से मक्का को न्यूनतम समर्थन मूल्य 1850 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा. कृषि विभाग की तरफ से ब्लॉक स्तर पर मक्का के प्रदर्शन प्लांट भी लगाए जाएंगे. किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं की जानकारी देने के लिए ग्राम स्तर पर प्रशिक्षण शिविर लगाए जा रहे हैं.

मक्का सुखाने के लिए होगी ड्रायर की व्यवस्था

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल ने जानकारी दी कि राज्य की अनाज मंडियों में मक्का ड्रायर की व्यवस्था की जाएगी, ताकि किसानों को अपनी फसल बेचने में किसी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े. इसके अलावा किसान टोल फ्री नंबर 1800-180-2117 पर अथवा कृषि विभाग के जिला स्तर के अधिकारी से संपर्क कर योजनाओं की जानकारी ले सकते हैं.

जल संचित करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं: कृषि मंत्री

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को जल संचित करने के लिए प्रेरित कर रही है. जिसके तहत बहुत से किसान धान के स्थान पर वैकल्पिक फसलें अपना रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस अनूठी योजना से भूजल बचाने की मुहिम को और अधिक बल मिलेगा. गौरतलब है कि मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत अब तक 58 हजार 421 हेक्टेयर क्षेत्र में धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलें उगाने के लिए लगभग 53 हजार किसान अपना पंजीकरण करवा चुके हैं. बजट भाषण में धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलें उगाने के लिए 100000 हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य रखा गया था.

293 नहरों में टेल तक पानी पहुंचा

उन्होंने कहा कि बेहतर जल प्रबंधन के चलते राजस्थान की सीमा से सटे दक्षिण हरियाणा के नांगल चौधरी सतनाली और लोहारू जैसे क्षेत्रों में टेलों तक पानी पहुंचा है. अब तक ऐसी 300 टेलों में से 293 टेलों में पानी पहुंच चुका है. प्रदेश में नहरी तंत्र का जीर्णोद्धार तीन चरणों में किया जा रहा है. पश्चिमी यमुना नहर के जीर्णोद्धार पर 2200 करोड रुपए खर्च किए जा रहे हैं और इसके 2 चरणों का कार्य पूरा हो चुका है जबकि वर्ष 2022 तक 3 चरणों का कार्य पूरा किया जाएगा.

क्या है मेरा पानी-मेरी विरासत योजना

हरियाणा सरकार का कहना है कि हरियाणा में जल-स्तर हर साल एक मीटर नीचे जा रहा है. सरकार ने कहा कि धान में रोपाई से लेकर सिंचाई तक में पानी की खपत बहुत होती है. जमीन के नीचे वाले पानी का काफी इस्तेमाल होता है. 9 मई, 2020 को खट्टर सरकार की तरफ से ‘मेरा पानी, मेरी विरासत’ योजना लागू करने का नोटिफिकेशन आता है. योजना के लिए 19 ब्लॉक चुने जाते हैं, जहां जलस्तर 40 मीटर से ज़्यादा है. मतलब 40 मीटर तक ज़मीन की खुदाई करो, तो भी पानी न मिले. इसके अलावा पंचायत की वो ज़मीन, जहां 35 मीटर से ज़्यादा का जलस्तर है, वहां धान की खेती पर रोक लगा दी गई.

वैकल्पिक फसल उगाने पर दिया जोर

सरकार का कहना है कि प्रतिबंधित क्षेत्रों में किसान को अपने धान के क्षेत्र में 50 फीसदी हिस्से में वैकल्पिक फसलें उगानी होंगी. जैसे- मक्का, कपास, बाजरा, दलहन फसलें, सब्जी, बागवानी. मतलब अगर किसी के पास चार एकड़ ज़मीन है, तो उसे दो एकड़ ज़मीन में वैकल्पिक फसलें उगानी होंगी. वैकल्पिक खेती को अपनाने के लिए 7,000 रुपए प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. ये पैसे दो किस्तों में दिए जाएंगे.

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