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40 हजार कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, 25 जून को होगा विरोध-प्रदर्शन

कर्मचारियों की छंटनी समेत कई मांगों को लेकर हरियाणा के करीब 40 हजार कर्मचारियों ने बड़े आंदोलन की घोषणा कर दी है. इनमें एनएचएम कर्मचारी, ठेका कर्मचारी, आशा वर्कर और अन्य कर्मचारी वर्ग शामिल हैं.

haryana 40 thousand workers will protest on 25 june
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Published : Jun 23, 2020, 1:20 PM IST

चंडीगढ़: प्रदेश के नाराज 40 हजार कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ये सभी कर्मचारी प्रदेशव्यापी आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं. आंदोलन की घोषणा के अनुसार एनएचएम कर्मचारी, ठेका कर्मचारी और आशा वर्कर 25 जून को सभी पीएचसी, सीएचसी, जरनल अस्पताल, पीजीआई व मेडिकल कॉलेज में विरोध प्रदर्शन करेंगे.

कोरोना महामारी के मद्देनजर प्रदर्शन सांकेतिक होंगे. इस दौरान कामकाज बाधित नहीं किया जाएगा, लेकिन अगर सरकार ने इनकी मांगों और समस्याओं का समाधान करने की पहल नहीं की तो बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी. बता दें कि इस मोर्चे में विभाग में सालों से कार्यरत ठेका कर्मचारी, एनएचएम में कार्यरत डॉक्टर, नर्स, एएनएम सहित अन्य पदों पर तैनात स्टाफ और आशा वर्कर शामिल हैं.

इन कर्मचारियों की कई मांगें हैं, जिनकी तरफ सरकार ध्यान नहीं दें रही है. सालों से काम कर रहे सिक्योरिटी गार्ड सहित अन्य पदों पर कार्यरत 11 हजार ठेका कर्मचारियों की छंटनी, एनएचएम स्टाफ के अनुबंध नवीनीकरण में कोविड 19 के दौरान भी अनावश्यक शर्त लगाने, एनएचएम कर्मचारियों की 35 दिन की हड़ताल अवधि का वेतन जारी न करने और आशा वर्कर्स को उनके फिक्स मानदेय का डबल वेतन जोखिम भत्ते के तौर पर न देने पर बैठक में चर्चा की गई.

ये भी पढ़ें-अंबाला: जल्द गिराया जाएगा वक्फ बोर्ड की जमीन पर बना भूपेंद्र का गोदाम

इसके अलावा कर्मचारी नेताओं ने कोरोना योद्धाओं को जरूरी सुरक्षा उपकरण देने की मांग की है. आंदोलन का निर्णय रविवार देर शाम सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में लिया गया था. प्रदेश के 40000 कर्मचारियों ने एकमत होकर सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराने का ऐलान कर दिया है. 25 जून को सांकेतिक होगा प्रदर्शन.

चंडीगढ़: प्रदेश के नाराज 40 हजार कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ये सभी कर्मचारी प्रदेशव्यापी आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं. आंदोलन की घोषणा के अनुसार एनएचएम कर्मचारी, ठेका कर्मचारी और आशा वर्कर 25 जून को सभी पीएचसी, सीएचसी, जरनल अस्पताल, पीजीआई व मेडिकल कॉलेज में विरोध प्रदर्शन करेंगे.

कोरोना महामारी के मद्देनजर प्रदर्शन सांकेतिक होंगे. इस दौरान कामकाज बाधित नहीं किया जाएगा, लेकिन अगर सरकार ने इनकी मांगों और समस्याओं का समाधान करने की पहल नहीं की तो बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी. बता दें कि इस मोर्चे में विभाग में सालों से कार्यरत ठेका कर्मचारी, एनएचएम में कार्यरत डॉक्टर, नर्स, एएनएम सहित अन्य पदों पर तैनात स्टाफ और आशा वर्कर शामिल हैं.

इन कर्मचारियों की कई मांगें हैं, जिनकी तरफ सरकार ध्यान नहीं दें रही है. सालों से काम कर रहे सिक्योरिटी गार्ड सहित अन्य पदों पर कार्यरत 11 हजार ठेका कर्मचारियों की छंटनी, एनएचएम स्टाफ के अनुबंध नवीनीकरण में कोविड 19 के दौरान भी अनावश्यक शर्त लगाने, एनएचएम कर्मचारियों की 35 दिन की हड़ताल अवधि का वेतन जारी न करने और आशा वर्कर्स को उनके फिक्स मानदेय का डबल वेतन जोखिम भत्ते के तौर पर न देने पर बैठक में चर्चा की गई.

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इसके अलावा कर्मचारी नेताओं ने कोरोना योद्धाओं को जरूरी सुरक्षा उपकरण देने की मांग की है. आंदोलन का निर्णय रविवार देर शाम सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में लिया गया था. प्रदेश के 40000 कर्मचारियों ने एकमत होकर सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराने का ऐलान कर दिया है. 25 जून को सांकेतिक होगा प्रदर्शन.

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