चंडीगढ़: हरियाणा पुलिस ने क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन (bitcoin) में निवेश करने के नाम पर लोगों से ठगी (1.5 Million Bitcoin Fraud) करने वाले मास्टरमाइंड सहित चार जालसाजों को गिरफ्तार किया है. इसकी जानकारी हरियाणा के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने दी है.
इस संबंध में जानकारी देते हुए हरियाणा डीजीपी ने बताया कि बिटकॉइन के नाम पर मोटे मुनाफे का झांसा देकर ठगी करने वाले आरोपी मास्टरमाइंड और उसके साथी चीन से बाहर स्थित एक बहुराष्ट्रीय क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज, बिनांस के नाम का इस्तेमाल कर रहे थे. बिटकॉइन ट्रेडिंग के नाम पर सभी मोटे मुनाफे का लालच देकर भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसाते थे.
सोनीपत का रहने वाला है मास्टरमाइंड
डीजीपी ने बताया कि सोनीपत के सेक्टर-23 निवासी प्रवेश ने माढा गांव पुलिस थाना नारनौद, हांसी निवासी हरिंदर चहल के खिलाफ ठगी के संबंध में पुलिस को शिकायत दी थी. शिकायत के आधार पर साइबर पुलिस स्टेशन पंचकूला में आईपीसी और आईटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया.
पुलिस ने साइबर विशेषज्ञों की मदद से जांच शुरू की तो पता चला कि इस धोखाधड़ी में आरोपी मास्टरमाइंड अकेला नहीं है बल्कि कई अन्य लोग भी शामिल हैं, जो मोटे मुनाफे के झांसे के साथ बिटकॉइन में निवेश करवाने के काम को अंजाम देते थे. अबतक की जांच में मास्टरमाइंड सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
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डीजीपी ने बताया कि जांच के दौरान ये सामने आया कि जॉन मैक्एफी नाम के एक व्यक्ति ने हैकिंग की संभावना जताते हुए ट्विटर पर सार्वजनिक रूप से बिनांस से पूछताछ की थी. बिनांस ने उसी दिन अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से हैक होने की किसी भी संभावना से इनकार करते हुए रिप्लाई किया और साथ ही अपना ’बिटकॉइन वॉलेट’ भी सार्वजनिक किया.
कैसे करते थे ठगी?
इसका फायदा उठाते हुए गिरफ्तार मास्टरमाइंड ने विकास कुमार के नाम से एक जाली फेसबुक अकाउंट बनाया और क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज बिनांस के आधिकारिक वॉलेट एड्रेस को कॉपी कर लिया. 1 अक्टूबर 2019 को, वॉलेट की बिटकॉइन होल्डिंग 1871 बिटकॉइन थी, जिसकी राशि लगभग 1,09,64,06,000 रुपये थी. 1 अक्टूबर 2019 को मास्टरमांइड ने शिकायतकर्ता को विश्वास दिलाने के लिए फेसबुक मैसेंजर और व्हाट्सएप मैसेंजर के माध्यम से ये ब्लॉकचेन दिया.
मास्टरमाइंड हरिंदर चहल जिसे सोनू चहल के नाम से भी जाना जाता है, ने शिकायतकर्ता को अपने वॉलेट में बिटकॉइन दिखाकर 15,50,000 रुपये का फ्रॉड किया, जो वास्तव में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बिनांस के थे. शिकायतकर्ता ने आरोपी पर विश्वास किया क्योंकि घटना के समय वॉलेट में 1871 बिटकॉइन मौजूद थे (जो कि वास्तव में बिनांस के थे न कि हरिंदर चहल के)
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जांच के दौरान, ये भी पता चला कि हरिंदर चहल के पास कई क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट हैं, लेकिन उनमें से किसी में भी कोई वास्तविक बिटकॉइन या क्रिप्टो-करेंसी नहीं थी. वॉलेट में नॉन-स्पैनडेबल (डमी) बिटकॉइन थे जिनका उपयोग धोखाधड़ी से पीड़ितों को ये विश्वास दिलाने के लिए किया जाता था कि आरोपी के पास बिटकॉइन हैं.
क्या है बिटकॉइन?
बिटकॉइन एक तरह की क्रिप्टोकरेंसी (डिजिटल करेंसी) है. अंग्रेजी शब्द 'क्रिप्टो' का अर्थ गुप्त होता है. ये एक तरह की डिजिटल करेंसी है, जो क्रिप्टोग्राफी के नियमों के आधार पर संचालित और बनाई जाती है. बिटकॉइन को आप छू नहीं सकते यानी की ये डिडिटल फॉर्म में ही रहती है. यही इसकी सबसे खास बात है.