चंडीगढ़/शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा को देश की पहली ई-विधानसभा होने का गौरव हासिल है. यहां की ई-विधान प्रणाली को सीखने के लिए कई राज्यों ने हिमाचल से संपर्क किया है. इसी कड़ी में सोमवार को हरियाणा विधानसभा की एक टीम भी शिमला पहुंची है. इस टीम में हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष सहित भाजपा व कांग्रेस के विधायक भी शामिल हैं. ये मौके पर मौजूद रहकर देखेंगे कि ई-विधान प्रणाली कैसे काम करती है.
हरियाणा विधानसभा की टीम लेगी प्रशिक्षण
हरियाणा विधानसभा की इस टीम में अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता सहित भाजपा व कांग्रेस के चार विधायक और अधिकारी शामिल हैं. ये प्रतिनिधिमंडल हिमाचल विधानसभा के ई-विंग के अधिकारियों से भी परामर्श करेगा. इससे पहले भी हरियाणा की टीम हिमाचल विधानसभा की पेपरलेस कार्यवाही का अवलोकन कर चुकी है. टीम ये जानेगी कि किस प्रकार से प्रश्नकाल व अन्य विधायी कार्य ई-सिस्टम से चलाए जाते हैं. यहां टच स्क्रीन प्रणाली व अन्य पहलुओं पर भी टीम को जानकारी दी जाएगी.
2014 में मिली देश को पहली ई-विधानसभा
देश के उत्तर पूर्व के राज्यों सहित कर्नाटक भी हिमाचल की इस प्रणाली का मुरीद है और यहां के सिस्टम को अपनाने की इच्छा जता चुका है. कुछ राज्यों ने तो ई-विधान प्रणाली का प्रशिक्षण भी यहां आकर लिया है. हिमाचल प्रदेश विधानसभा को अगस्त 2014 में देश की पहली ई-विधानसभा बनने का गौरव हासिल हुआ था.
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पेपरलेस प्रणाली से हर साल छह हजार से अधिक पेड़ कटने से बचते हैं और सालाना 15 करोड़ रुपए की बचत होती है. हिमाचल विधानसभा के अध्यक्ष विपिन सिंह परमार के अनुसार देवभूमि देश के अन्य राज्यों को इस प्रणाली की सिखाने के लिए हरसंभव सहयोग करेगी.
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