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Raksha Bandhan 2022: एक क्लिक पर जानें कब बांध सकती हैं बहनें अपने भाइयों को राखी - Hand made rakhi in Hamirpur

हमीरपुर जिले में इस बार राखी मेले का आयोजन किया जा (Rakhi Mela in Hamirpur) रहा है. इस राखी मेले में विभिन्न स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा राखी बेची जा रही हैं. लेकिन ये राखियां कुछ खास हैं. इन राखियों को बनाने में घर में बेकार पड़े साज सज्जा से जुड़े सामान का इस्तेमाल किया गया है. इनमें नजरबट्टू राखी, बिना प्लास्टिक की राखी, तिरंगे के रंग की राखी और रुद्राक्ष से बनी राखी भी है, जिन्हें लोग खूब पसंद कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Aug 10, 2022, 10:58 AM IST

Updated : Aug 10, 2022, 2:34 PM IST

हमीरपुर/चंडीगढ़: रक्षाबंधन पर्व (Raksha bandhan 2022) के लिए हमीरपुर जिले में इस बार कुछ खास तरह की राखियां बनाई गई हैं. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं (Women self help group in Hamirpur) ने वेस्ट मटेरियल से इन रंग-बिरंगी राखियों को तैयार किया है. इन राखियों को बनाने में घर में बेकार पड़े साज सज्जा से जुड़े सामान का इस्तेमाल किया गया है. महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा एक नहीं बल्कि कई प्रकार की आकर्षक राखियों को जिला मुख्यालय हमीरपुर में लगाए गए राखी मेले में प्रदर्शित किया गया है.

यहां नजरबट्टू राखियां, बिना प्लास्टिक, तिरंगे के रंग की राखियां, रुद्राक्ष और तुलसी और पवित्र मौली से बनी राखियां (Hand made rakhi in Hamirpur) लोगों की खासी पसंद बनी हुई हैं. जिला प्रशासन और डीआरडीए की पहल के चलते इन महिलाओं को राखी मेले (Rakhi Mela in Hamirpur) में राखियां प्रदर्शित करने का मौका मिला है. इस राखी मेले का आयोजन 5 से 10 अगस्त तक जिला मुख्यालय हमीरपुर में किया जा रहा है.

महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य अर्चना ने बताया कि उन्होंने वेस्ट उत्पादों से राखियां तैयार की हैं. जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं और इन राखियों की कीमत बाजार में मिलने वाले राखियों से आधी है. वहीं, सदस्य सुनीता ने बताया कि उन्होंने रुद्राक्ष और बिना प्लास्टिक की राखियां तैयार की हैं. जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यहां रोजाना हजारों रुपए की राखियां बेची जा रही हैं. इसके अलावा बुजुर्ग सदस्य कैलाश कुमारी ने जिला प्रशासन के प्रयासों के लिए उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने एक खास तरह की राखी तैयार की है, जिसे नजर बट्टू राखी भी कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि लोगों ने इस राखी की खासी डिमांड देखी जा रही है.

हजारों में हो रही बिक्री: बता दें कि हमीरपुर जिले के 15 महिला स्वयं सहायता समूह की विभिन्न महिलाओं ने ये रंग बिरंगी इन राखियों बनाई हैं. इस राखी मेले में हर दिन 20 हजार की औसतन बिक्री हो रही है. डीआरडीए हमीरपुर के परियोजना अधिकारी केडीएस कंवर ने बताया कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रखियां बनाने का प्रशिक्षण भी दिया गया है. राखी मेले में प्रदर्शित (Hamirpur Rakhi Mela) की गई राखियों को खरीदने में लोगों की खासी रुचि देखने को मिल रही है.

उन्होंने कहा कि इस कार्य से जहां एक तरफ लोगों को घर में हाथों से बनी राखियां उपलब्ध हो रही हैं, वहीं दूसरी तरफ महिलाएं भी आर्थिक रूप से संपन्न बन रही हैं. वहीं, डीसी हमीरपुर देवश्वेता बनिक ने बताया कि प्रशासन की ओर से स्वयं सहायता समूह महिलाओं को एक मंच प्रदान किया गया है, जहां वे इन राखियों को बेच रही हैं. उन्होंने कहा कि इस प्रयास के चलते लोगों को बेहतर राखियां भी उपलब्ध हो रही हैं. वहीं, इन महिलाओं की आमदनी भी हो रही है और इनके द्वारा बनाए गए उत्पादों को एक पहचान मिल रही है.

ये भी पढ़ें: सरहद पर तैनात जवानों की कलाई पर बंधेगी तिरंगा राखी, हिमाचल की महिलाओं ने भेजी 5 हजार राखियां

हमीरपुर/चंडीगढ़: रक्षाबंधन पर्व (Raksha bandhan 2022) के लिए हमीरपुर जिले में इस बार कुछ खास तरह की राखियां बनाई गई हैं. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं (Women self help group in Hamirpur) ने वेस्ट मटेरियल से इन रंग-बिरंगी राखियों को तैयार किया है. इन राखियों को बनाने में घर में बेकार पड़े साज सज्जा से जुड़े सामान का इस्तेमाल किया गया है. महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा एक नहीं बल्कि कई प्रकार की आकर्षक राखियों को जिला मुख्यालय हमीरपुर में लगाए गए राखी मेले में प्रदर्शित किया गया है.

यहां नजरबट्टू राखियां, बिना प्लास्टिक, तिरंगे के रंग की राखियां, रुद्राक्ष और तुलसी और पवित्र मौली से बनी राखियां (Hand made rakhi in Hamirpur) लोगों की खासी पसंद बनी हुई हैं. जिला प्रशासन और डीआरडीए की पहल के चलते इन महिलाओं को राखी मेले (Rakhi Mela in Hamirpur) में राखियां प्रदर्शित करने का मौका मिला है. इस राखी मेले का आयोजन 5 से 10 अगस्त तक जिला मुख्यालय हमीरपुर में किया जा रहा है.

महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य अर्चना ने बताया कि उन्होंने वेस्ट उत्पादों से राखियां तैयार की हैं. जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं और इन राखियों की कीमत बाजार में मिलने वाले राखियों से आधी है. वहीं, सदस्य सुनीता ने बताया कि उन्होंने रुद्राक्ष और बिना प्लास्टिक की राखियां तैयार की हैं. जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यहां रोजाना हजारों रुपए की राखियां बेची जा रही हैं. इसके अलावा बुजुर्ग सदस्य कैलाश कुमारी ने जिला प्रशासन के प्रयासों के लिए उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने एक खास तरह की राखी तैयार की है, जिसे नजर बट्टू राखी भी कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि लोगों ने इस राखी की खासी डिमांड देखी जा रही है.

हजारों में हो रही बिक्री: बता दें कि हमीरपुर जिले के 15 महिला स्वयं सहायता समूह की विभिन्न महिलाओं ने ये रंग बिरंगी इन राखियों बनाई हैं. इस राखी मेले में हर दिन 20 हजार की औसतन बिक्री हो रही है. डीआरडीए हमीरपुर के परियोजना अधिकारी केडीएस कंवर ने बताया कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रखियां बनाने का प्रशिक्षण भी दिया गया है. राखी मेले में प्रदर्शित (Hamirpur Rakhi Mela) की गई राखियों को खरीदने में लोगों की खासी रुचि देखने को मिल रही है.

उन्होंने कहा कि इस कार्य से जहां एक तरफ लोगों को घर में हाथों से बनी राखियां उपलब्ध हो रही हैं, वहीं दूसरी तरफ महिलाएं भी आर्थिक रूप से संपन्न बन रही हैं. वहीं, डीसी हमीरपुर देवश्वेता बनिक ने बताया कि प्रशासन की ओर से स्वयं सहायता समूह महिलाओं को एक मंच प्रदान किया गया है, जहां वे इन राखियों को बेच रही हैं. उन्होंने कहा कि इस प्रयास के चलते लोगों को बेहतर राखियां भी उपलब्ध हो रही हैं. वहीं, इन महिलाओं की आमदनी भी हो रही है और इनके द्वारा बनाए गए उत्पादों को एक पहचान मिल रही है.

ये भी पढ़ें: सरहद पर तैनात जवानों की कलाई पर बंधेगी तिरंगा राखी, हिमाचल की महिलाओं ने भेजी 5 हजार राखियां

Last Updated : Aug 10, 2022, 2:34 PM IST
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