करनाल: भारतीय किसान किसान यूनियन चढूनी ग्रुप के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी मंगलवार को करनाल ( Bhariya Kisan Union Chief Gurnam Singh Chaduni) पहुंचे. वह मंगलवार काे जाट धर्मशाला में यूनियन की जिला इकाई की बैठक लेने पहुंचे थे. बैठक के बाद वे मीडिया से रूबरू हुए. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को जेड प्लस सिक्युरिटी दिए जाने के सवाल पर कहा कि यह बात गुरमीम राम रहीम ही बता सकते हैं कि उन्हें सिक्योरिटी क्यों दी गई है. पंजाब चुनाव में गुरमीत राम रहीम की भूमिका पर कहा कि संत महात्माओं को राजनीति में तटस्थ रहना चाहिए.
मीडिया से बातचीत के दौरान गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि पंजाब विधानसभा चुनाव में उनकी संयुक्त संषर्घ पार्टी के रूप में एक पौधा रोपा गया है. इस पौधे को सींचते रहेंगे और वह हरा होता रहेगा. अलबत्ता किसानों का राजनीति में उतरना राजनेताओं को अखरा है. क्योंकि नेताओं को पता है कि किसान राजनीति में आ गए तो उनकी चूलें हिलाकर रख देंगे. किसान हल चला सकते हैं तो कलम भी चला सकते हैं. वे नेताओं से अच्छी कलम चला सकते हैं.
चढूनी ने कहा कि यह गलत अफवाह फैलाई थी कि करनाल के उनकी यूनियन के सभी पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है. कुछ साथी जरूर छोड़कर गए हैं, लेकिन पूरे जिले का किसान व यूनियन के पदाधिकारी एकजुट हैं. मंगलवार को बैठक में कुछ नए पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई. उन्होंने कहा कि संयुक्त संघर्ष पार्टी हरियाणा सहित पूरे देश में सक्रिय होगी. उन्होंने कहा कि पूरे देश का किसान जब तक राजनीति से नहीं जुड़ेगा तब तक हम किसानों के पक्ष में कानून नहीं बना सकते.
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उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा से बर्खास्त किए जाने के संबंध में कहा कि यह कोई सरकारी पदाधिकारी तो थे नहीं कि उन्हें बर्खास्त कर दिया गया हो. वह किसान आंदोलन के अगुवाई कर रहे है और इस आंदोलन में सबसे अहम भूमिका रही. बहराल एक बार फिर से गुरनाम सिंह अब हरियाणा में अपनी ज़मीन तलाशने में जुटे हुए हैं. देखना ये होगा कि क्या फिर से उसी मजबूती के साथ गुरनाम सिंह चढूनी अपने संगठन को मजबूत कर पाएंगे.
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