चंडीगढ़: भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी अपनी 24 नवंबर के कार्यक्रम में कुछ बदलाव किया है. इस बदलाव की वजह रेलवे द्वारा किसानों पर दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने के बाद किया गया है. इससे पहले हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज कह चुके हैं कि रेलवे से किसानों पर दर्ज मामले वापस लेने की मंजूरी मिल गई है.
अब अपने आंदोलन को लेकर गुरनाम सिंह चढूनी कहते हैं कि 24 नवंबर को अंबाला मोड़ा मंडी में वे फिर से एक बड़ा प्रदर्शन करने जा रहे (Farmers Protest In Ambala) हैं. क्योंकि वहीं से हमने किसान आंदोलन के दौरान भी प्रदर्शन शुरू किया था. उन्होंने कहा कि हमने यह भी कहा था कि रेलवे लेकर 24 तारीख तक की 100 फीसदी केस वापस नहीं लिया तो फिर हम उसी अंबाला में रेलवे ट्रैक जाम (Railway track Jam In Ambala) करेंगे.
वे कहते हैं कि हमारे आंदोलन की घोषणा के बाद रेलवे ने किसानों पर दर्ज सारे केस वापस लेने की बात कह दी है. हरियाणा के ही नहीं बल्कि 24 - 9 - 2020 से लेकर 12- 12 - 2021 तक के सभी मामले वापस लेने का फैसला लिया है. रेलवे ने अब सारे केस वापस लिए जाने का फैसला किया है. उसके बाद हमने रेलवे ट्रैक पर जाम करने का ऐलान वापस ले लिया है.
वे कहते हैं कि हरियाणा सरकार के कुछ केस वापस लेने के लिए रह गए हैं. क्योंकि सरकार ने वापस लेने का वादा किया था. कुछ केस में सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है, कुछ की अभी शुरुआती नहीं की है. बात जबकि सभी मामलों को वापस लेने की हुई थी. सरकार ने जो केस वापस लेने की बात कही थी, लेकिन हमें जानकारी मिली है कि उन्होंने कुछ नामजद दर्ज मामलों को अनट्रेस बता दिया. जबकि कई केस में नाम दर्ज हुए हैं। हमें इसमें अब सख्त एक्शन लेने की जरूरत पड़ गई है.
वे कहते हैं कि हालांकि अब रेल मंत्रालय द्वारा की वापस लेने के बाद, हम रेलवे ट्रैक को जाम नहीं करेंगे लेकिन जीटी रोड पर जाम लगाएंगे. अगर 24 तारीख से पहले सरकार सारे केस वापस ले लेती है तो फिर हम किसी भी तरह का जीटी रोड जाम का कार्यक्रम नहीं करेंगे. हम सिर्फ अपनी सभा करेंगे हम सर छोटू राम की जयंती और आंदोलन की बरसी मनाकर वापस हो जाएंगे लेकिन जीटी रोड कब तक रहेगा इसका फैसला में दो-तीन दिनों में करेंगे.
बता दें कि हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज (Haryana Home Minister Anil Vij) ने बीते कल जानकारी दी थी कि उनकी किसान यूनियन से मुलाकात हुई थी. उन्होंने कहा कि था कि किसानों का दर्द कि प्रदेश सरकार ने वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और रेलवे के झोंके से उनको रेलवे मंत्रालय द्वारा वापस लेने की मंजूरी आ चुकी है.
अंबाला में किसानों का प्रदर्शन: गुरनाम चढूनी बोले- अब रेलवे ट्रैक नहीं जीटी रोड पर लगाएंगे जाम - Bhartiya Kisan Union
हरियाणा में अंबाला के मोहड़ा मंडी में 24 नवंबर को होने वाले प्रदर्शन को लेकर भारतीय किसान यूनियन Bhartiya Kisan Union (चढूनी ग्रुप) ने कुछ बदलाव किया है. गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा है कि रेलवे ट्रैक पर जाम करने का ऐलान वापस ले लिया है.
चंडीगढ़: भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी अपनी 24 नवंबर के कार्यक्रम में कुछ बदलाव किया है. इस बदलाव की वजह रेलवे द्वारा किसानों पर दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने के बाद किया गया है. इससे पहले हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज कह चुके हैं कि रेलवे से किसानों पर दर्ज मामले वापस लेने की मंजूरी मिल गई है.
अब अपने आंदोलन को लेकर गुरनाम सिंह चढूनी कहते हैं कि 24 नवंबर को अंबाला मोड़ा मंडी में वे फिर से एक बड़ा प्रदर्शन करने जा रहे (Farmers Protest In Ambala) हैं. क्योंकि वहीं से हमने किसान आंदोलन के दौरान भी प्रदर्शन शुरू किया था. उन्होंने कहा कि हमने यह भी कहा था कि रेलवे लेकर 24 तारीख तक की 100 फीसदी केस वापस नहीं लिया तो फिर हम उसी अंबाला में रेलवे ट्रैक जाम (Railway track Jam In Ambala) करेंगे.
वे कहते हैं कि हमारे आंदोलन की घोषणा के बाद रेलवे ने किसानों पर दर्ज सारे केस वापस लेने की बात कह दी है. हरियाणा के ही नहीं बल्कि 24 - 9 - 2020 से लेकर 12- 12 - 2021 तक के सभी मामले वापस लेने का फैसला लिया है. रेलवे ने अब सारे केस वापस लिए जाने का फैसला किया है. उसके बाद हमने रेलवे ट्रैक पर जाम करने का ऐलान वापस ले लिया है.
वे कहते हैं कि हरियाणा सरकार के कुछ केस वापस लेने के लिए रह गए हैं. क्योंकि सरकार ने वापस लेने का वादा किया था. कुछ केस में सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है, कुछ की अभी शुरुआती नहीं की है. बात जबकि सभी मामलों को वापस लेने की हुई थी. सरकार ने जो केस वापस लेने की बात कही थी, लेकिन हमें जानकारी मिली है कि उन्होंने कुछ नामजद दर्ज मामलों को अनट्रेस बता दिया. जबकि कई केस में नाम दर्ज हुए हैं। हमें इसमें अब सख्त एक्शन लेने की जरूरत पड़ गई है.
वे कहते हैं कि हालांकि अब रेल मंत्रालय द्वारा की वापस लेने के बाद, हम रेलवे ट्रैक को जाम नहीं करेंगे लेकिन जीटी रोड पर जाम लगाएंगे. अगर 24 तारीख से पहले सरकार सारे केस वापस ले लेती है तो फिर हम किसी भी तरह का जीटी रोड जाम का कार्यक्रम नहीं करेंगे. हम सिर्फ अपनी सभा करेंगे हम सर छोटू राम की जयंती और आंदोलन की बरसी मनाकर वापस हो जाएंगे लेकिन जीटी रोड कब तक रहेगा इसका फैसला में दो-तीन दिनों में करेंगे.
बता दें कि हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज (Haryana Home Minister Anil Vij) ने बीते कल जानकारी दी थी कि उनकी किसान यूनियन से मुलाकात हुई थी. उन्होंने कहा कि था कि किसानों का दर्द कि प्रदेश सरकार ने वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और रेलवे के झोंके से उनको रेलवे मंत्रालय द्वारा वापस लेने की मंजूरी आ चुकी है.