चंडीगढ़: प्रदेश की जो भी ग्राम सभा अपने गांव में शराब का ठेका नहीं खुलवाना चाहती, वो प्रस्ताव पास करके 15 मार्च 2021 तक अपने उपायुक्त के माध्यम से हरियाणा सरकार को भेज सकती है. ये जानकारी हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने दी.
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दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण पिछले साल आबकारी-वर्ष एक अप्रैल की बजाए 19 मई 2020 से शुरू हुआ था. जिस कारण इस बार 20 मई 2021 से शुरू होगा. वर्तमान में प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतें भंग की हुई हैं, ऐसे में जिस गांव के लोग अपने गांव में शराब का ठेका खुलने के पक्ष में नहीं हैं उस गांव की ग्राम सभा 15 मार्च तक अपना प्रस्ताव पास करके उपायुक्त के माध्यम से सरकार के पास भेज सकती है.
सरकार ने ग्रामीण आंचल को मजबूती देते हुए मनरेगा योजना के तहत प्रदेश के मजदूरों को पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष करीब ढ़ाई गुणा ज्यादा कार्य दिया है. डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के पास आबकारी एवं कराधान विभाग का प्रभार है. उन्होंने पिछले दो वर्षों का विवरण सांझा करते हुए बताया कि शराब के ठेके बंद करवानें के लिए पंचायतों ने वर्ष 2019-20 में 3048 प्रस्ताव सरकार को भेजे थे. जिनमें से मात्र 57 प्रस्तावों को स्वीकार किया गया और 48 प्रस्ताव को रिजेक्ट कर दिया. शेष को किसी ऑबजेक्शन के कारण छोड़ दिए गए.
उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 के दौरान उपायुक्तों के माध्यम से 898 प्रस्ताव मिले थे. जिनमें से 430 गांव ऐसे थे जहां शराब के ठेके खोलने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था. उन प्रस्तावों में से 468 ऐसे केस भी थे, जिनमें अवैध शराब की बिक्री से संबंधित पांच-पांच, छह-छह एफआईआर दर्ज हो चुकी थी. जिनके कारण वहां शराब की बिक्री प्रतिबंधित करनी पड़ी थी.
दुष्यंत चौटाला ने आबकारी-वर्ष के थर्ड-क्वार्टर के दौरान एकत्रित राजस्व का तुलनात्मक विवरण देते हुए बताया कि गत वर्ष के दौरान जहां थर्ड-क्वार्टर में 1421 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्रित हुआ था. वहीं इस वर्ष के थर्ड-क्वार्टर में 1734 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है. उन्होंने बताया कि खास बात ये है कि पिछले पूरे आबकारी-वर्ष में जितना राजस्व संग्रह किया गया था. उसका 97 प्रतिशत इस वर्ष के थर्ड-क्वार्टर तक पूरा हो गया है. उन्होंने बताया पूरा समय होने तक लक्षित राजस्व से ज्यादा संग्रह होने की उम्मीद है. थर्ड-क्वार्टर में एडिशनल एक्साइज ड्यूटी 330 करोड़ रुपये तथा कोविड-सैस 140 करोड़ रुपये एकत्रित हुआ है.
पिछले साल के मुकाबले राजस्व में वृद्धि
उन्होंने तीन-क्वार्टर का डाटा देते हुए बताया कि कुल 977.94 करोड़ रुपये एडिशनल राजस्व के रूप में प्राप्त हुए हैं. जो कि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 19.85 प्रतिशत वृद्धि हुई है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि जहां प्रदेश में आबकारी राजस्व बढ़े. वहीं अवैध शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगे. उन्होंने पिछले 5 वर्षों के दौरान हुई अवैध शराब की बिक्री व जुर्माना के आंकड़े सांझा करते हुए बताया कि आबकारी-वर्ष 2016-17 में अवैध शराब के कुल 619 केस पकड़े गए. जिन पर 12.83 करोड़ का जुर्माना लगाया गया. इसी प्रकार, वर्ष 2017-18 में कुल 549 केस पकड़े गए. जिन पर 25.45 करोड़ का जुर्माना लगा.
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वर्ष 2018-19 में कुल 567 केस पकड़े गए. जिन पर 18.44 करोड़ का जुर्माना, वर्ष 2019-20 में कुल 590 केस पकड़े गए जिन पर मात्र 3.69 करोड़ का जुर्माना किया गया. उन्होंने बताया कि सरकार ने सख्ती बरतते हुए चालू आबकारी वर्ष 2020-21 के दौरान अब तक अवैध शराब बेचने के 668 केस पकड़े गए तथा 90.13 करोड़ रुपये की जुर्माना राशि वसूली जा चुकी है. डिप्टी सीएम ने चालू आबकारी-वर्ष की उपलब्धि बताते हुए कहा कि पिछले वर्ष जहां कुल 6361 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था. वहीं 4 मार्च 2021 तक 6214 करोड़ रुपये के राजस्व संग्रह हो चुका है. जबकि ये आबकारी-वर्ष 19 मई 2021 तक रहेगा. ऐसे में इस वर्ष का राजस्व पिछले वर्ष की तुलना में ज्यादा होने की संभावना है.