चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. चाइनीज कंपनियों को मिले टेंडर को रद्द करते हुए बिजली विभाग ने भारतीय कंपनियों को प्राथमिकता देने की बात कही है. पिछले दिनों प्रदेश के दो थर्मल प्लांटों में सॉक्स कंट्रोल को लेकर एप्लिकेशन दी गई थीं. जिसके बाद चीन की कंपनियां इन टेंडरों को लेने में सफल हो गई थीं.
विभाग की तरफ से दोनों ही कंपनियों के टेंडर को कैंसिल करते हुए भारतीय कंपनियों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया है. हिसार जिले के खेदड़ थर्मल प्लांट में 1200 मेगावाट के लिए 540 करोड़ रुपये और यमुनानगर में 600 मेगावाट के लिए 284 करोड़ रुपये के टेंडर हुए थे. अब भारतीय कंपनियों की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए चीन की कंपनियों को मिले टेंडर रद्द कर दिए गए हैं. ऊर्जा मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने बताया कि...
पूर्व में दिए गए दोनों ही टेंडर को निरस्त कर दिया गया है. हिसार जिले के खेदड़ थर्मल पावर प्लांट में ये टेंडर बीजिंग की एक कंपनी को मिला था और यमुनानगर में शंघाई की एक कंपनी ने लिया था. रणजीत सिंह ने बताया कि इंटरनेशनल कॉम्पिटेटिव बिडिंग के जरिए टेंडर लेने में कामयाब हुई चीन की दोनों ही कंपनियों के टेंडर रद्द कर दिए हैं. अब डोमेस्टिक कॉम्पिटेटिव बिडिंग के जरिए भारतीय कंपनियों को अवसर दिया जाएगा ताकि देश को आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सके.
घरेलू कंपनियों को मिलेंगे टेंडर
बता दें कि यमुनानगर और हिसार थर्मल प्लांट के लिए जब बोली लगी थी तो दोनों की बाजी चीन की कंपनियों ने मारी थी, लेकिन अब एनटीपीसी की तर्ज पर भारतीय कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी. हरियाणा पॉवर जनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेडड ने बिड को आमंत्रित किया था. हाई पावर परचेज कमेटी ने चीन की ओर से भारत की सीमा पर की गई हरकत के बाद यह टेंडर रद्द किए हैं.
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