चंडीगढ़: हरियाणा में पहले पूर्व मंत्री निर्मल सिंह और उनकी बेटी चित्रा सरवारा ने कांग्रेस में शामिल होकर आम आदमी पार्टी को झटका दिया. वहीं अब AAP के चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष अशोक तंवर के पार्टी छोड़ने की चर्चाएं तेज हो गई हैं. सूत्रों के मुताबिक अशोक तंवर जल्द ही बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. इस संबंध में उनकी मुलाकात दिल्ली में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी हो चुकी है.
टिकट पक्का करना चाह रहे हैं तंवर- माना जा रहा है कि अशोक तंवर और बीजेपी के बीच जो बातचीत चल रही है उसमें लोकसभा और विधानसभा चुनाव में टिकट को लेकर है. सूत्रों को कहना है कि अशोक तंवर लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं. वे विधानसभा में अपना टिकट पक्का करना चाह रहे हैं. इसी को लेकर उनकी भाजपा के साथ बातचीत जारी है. जैसे ही बीजेपी की ओर से उनको सिग्नल मिल जाएगा वो बीजेपी ज्वाइन कर लेंगे. हालांकि अशोक तंवर खुद इस विषय पर किसी से भी कोई बात नहीं कर रहे हैं. सूत्र ये बता रहे हैं कि अशोक तंवर अगले 2 से 3 दिनों में बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.
'बीजेपी को होगा फायदा'- सवाल यह है कि अगर अशोक तंवर भाजपा में शामिल होते हैं तो उसका बीजेपी को क्या फायदा होगा. साथ ही आम आदमी पार्टी को इसका कितना नुकसान हो सकता है. इसको लेकर राजनीतिक मामलों के जानकर और वरिष्ठ पत्रकार धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि बीजेपी को उनके पार्टी में शामिल होने से कई मायने में फायदा होगा. एक तो बीजेपी को राज्य में एक बड़ा दलित चेहरा मिल जाएगा. दूसरा उनका फायदा बीजेपी को सिरसा संसदीय क्षेत्र के साथ-साथ अंबाला संसदीय क्षेत्र में भी मिल सकता है.
कांग्रेस से सांस रहे हैं अशोक तंवर- आम आदमी पार्टी को पहले निर्मल सिंह और चित्रा सरवारा के जाने से झटका लग चुका है. निर्मल सिंह कांग्रेस के पुराने और बड़े नेता रहे हैं. वो मंत्री भी रह चुके हैं और चार बार विधायक भी. वहीं अशोक तंवर सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर सांसद रहे हैं और हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. आम आदमी पार्टी के पास हरियाणा में कोई बड़ा चेहरा रह गया है तो वो अशोक तंवर ही हैं. अगर वो भी पार्टी का दामन छोड़ देते हैं तो फिर लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को हरियाणा में सियासी जमीन बनाना मुश्किल हो जाएगा.
बीजेपी की नॉन जाट पॉलिटिक्स को फायदा- इस मामले में राजनीतिक मामलों के जानकारी प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि अशोक तंवर हरियाणा की सियासत में बड़े दलित चेहरे के तौर पर जाने जाते हैं. ऐसे में अगर वो बीजेपी के साथ जाते हैं तो निश्चित तौर पर बीजेपी को इसका लाभ मिलेगा. बीजेपी पर नॉन जाट पॉलिटिक्स करने का सियासी गलियारों में आरोप लगता रहता है, ऐसे में एक और बड़ा नॉन जाट चेहरा उनके साथ आने से उन्हें इसका निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा.
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