चंडीगढ़: पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को एजेएल केस में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली. पूर्व सीएम हुड्डा ने ईडी की तरफ से एजेएल मामले में आरोप पत्र पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की इजाजत मांगी थी. जोकि स्वीकार नहीं की गई. पूर्व सीएम हुड्डा का कहना है कि विशेष सीबीआई अदालत ने इस मामले में सही सुनवाई नहीं की है.
क्या है मामला?
पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत की तरफ से 16 अप्रैल को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ एजेएल भूखंड के आवंटन मामले में आरोप तय किए गए थे. इस मामले में हुड्डा और कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा आरोपी है. वोरा का हाल ही में निधन हो गया था, एजेएल को भूखंड के आवंटन से 67 लाख रुपए राजस्व का नुकसान हुआ था.
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इस मामले में सीबीआई ने कहा था कि एजेएल को पंचकूला में 1982 में यह भूखंड आवंटित किया गया था, जिस पर 10 वर्षों तक कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ. उसके बाद हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से भूखंड को वापस ले लिया गया. साल 2005 में इसी भूखंड को नियमों का उल्लंघन कर पुरानी दर फिर से एजेएल को आवंटित कर दिया गया. उस समय भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष थे. प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस मामले की जांच करके आरोप पत्र दायर किया था.
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