चंडीगढ़: उत्तर भारत के सबसे व्यस्तम हवाई अड्डों में से एक चंडीगढ़ एयरपोर्ट लॉकडाउन के बाद से खामोश लग रहा है. ऐसा लग रहा है मानो कोरोना काल से पहले हुई विमानों की लैंडिंग अनिश्चितकाल के लिए हो गई हो. हालांकि 25 मई से सरकार ने डोमेस्टिक फ्लाइट को मंजूरी दे दी, लेकिन अब भी एयरपोर्ट से रौनक गायब ही है.
चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर पैसेंजर ट्रैफिक महज 21 प्रतिशत रह गया है. जिसका सीधा मतलब ये है कि हर फ्लाइट में औसतन 70 से 80 यात्री सफर कर रहे हैं. कोरोना काल से पहले ऐसे कई मेट्रोपोलिटन शहर थे जहां के लिए आपको चंडीगढ़ से सीधी फ्लाइट मिल जाती थी. इसके अलावा चंडीगढ़ से दुबई और शारजाह के लिए भी फ्लाइट थी. जो कोरोना की वजह से फिलहाल बंद हैं. इस वक्त चंडीगढ़ से 11 शहरों के लिए फ्लाइट्स मिल रही हैं.
इन उड़ानों पर कोरोना का असर-
- पहले दुबई और शारजाह के लिए सीधी उड़ान थी
- कोरोना के कारण सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध
- गोवा, चेन्नई और गुवाहाटी की फ्लाइट कैंसिल
- लखनऊ, कोलकाता और तिरुवनंतपुरम के लिए भी फ्लाइट नहीं
- दिल्ली और मुंबई के लिए पहले 7 से 8 फ्लाइट थी
- कोरोना के कारण अब महज 2 से 3 फ्लाइट
चंडीगढ़ एयरपोर्ट अथॉरिटी की मानें तो हालात सामान्य होते ही बंद पड़ी उड़ानों को दोबारा शुरू कर दिया जाएगा. चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के सीईओ अजय कुमार भारद्वाज ने दावा किया कि 30 सितंबर तक एयरपोर्ट में पैसेंजर ट्रैफिक 70 से 75 प्रतिशत तक हो जाएगा.
कम फ्लाइट्स, वो भी हो रही कैंसिल
एक तो कोरोना के खौफ से कम यात्री एयरपोर्ट पहुंच रहे हैं और ऊपर से उन्हें भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कभी बिना बताए फ्लाइट कैंसिल कर दी जा रही है.तो कभी फ्लाइट लेट होने की वजह से यात्रियों को घंटों एयरपोर्ट पर ही समय बिताना पड़ता है.
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फिलहाल फ्लाइट ट्रैफिक को देखकर लगता है कि कोरोना काल के बाद जब तक हालात सामान्य होंगे, तब तक विमान कंपनियों को करोड़ों-अरबों का नुकसान हो चुका होगा. देखना ये होगा कि विमान कंपनियां कोरोना के इस नुकसान की कैसे भरपाई करती हैं.