चंडीगढ़: चंडीगढ़ पीजीआई प्रशासन के दावों की पोल खुल गई है. चंडीगढ़ पीजीआई में एक सप्ताह के अंदर दूसरी बार आग लगने की घटना सामने आई है. अग्निकांड ने पीजीआई प्रशासन के फायर सेफ्टी नॉर्म की धज्जियां उड़ा दी हैं. फिर से आग लगने की घटना की वजह से पीजीआई प्रशासन और उसके इंतजामों पर सवालिया निशान लग गया है.
पीजीआई आई सेंटर में लगी आग: इस बार आग लगने की घटना आई सेंटर में घटी है. जानकारी के मुताबिक आज बैटरी में शॉर्ट सर्किट होने की वजह से लगी है. आई सेंटर के बेसमेंट में एक कमरे में आग लगी है. हालांकि इस आग पर काबू पा लिया गया है. लेकिन, सवाल यह है कि पीजीआई में एक सप्ताह के अंदर दूसरी आग लगने की घटना कैसे घटी? आखिर पीजीआई का फायर सेफ्टी विभाग और पीजीआई प्रशासन इसको लेकर गंभीर क्यों नहीं है?
क्या कहते हैं पीजीआई के एक्टिंग डायरेक्टर?: वहीं, पीजीआई आई सेंटर में आग लगने की घटना पर पीजीआई के एक्टिंग डायरेक्टर नरेश पांडा का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है 'एडवांस आई सेंटर में 9 बजकर 25 मिनट पर एक माइनर फायर इंसिडेंट हुआ. बेसमेंट में नीचे जहां UPS सिस्टम है, वहां आग लगी थी. जैसे ही आग लगी उसकी जानकारी सिक्योरिटी ने दी. उसके बाद उसे बुझाने का प्रयास किया गया. 5 मिनट में आग को बुझा लिया गया था. हमने फायर ब्रिगेड को भी इसकी सूचना दी थी, लेकिन उनके आने से पहले ही आग को बुझा लिया गया था. एक हफ्ते में दूसरी बार आग लगने की घटना हुई है हम इसको एगाजमीन करा रहे हैं. आग लगने के कारण ओपीडी सेवाएं रोकी गई थी. इसे जल्द बहल कर दिया जाएगा.'
पिछले दिनों पीजीआई के नेहरू सेंटर में आग लगी थी: बता दें कि कुछ दिनों पहले (9 अक्टूबर देर रात) पीजीआई के नेहरू सेंटर में आग लग गई थी. जिसमें करीब 415 मरीजों को सुरक्षित निकालने में पीजीआई सफल हुआ था. इस आग लगने की घटना के बाद पीजीआई ने 11 सदस्य जांच कमेटी भी इस मामले को लेकर गठित की थी. वहीं, चंडीगढ़ के फायर सेफ्टी विभाग ने भी पीजीआई प्रशासन को इस मामले में नोटिस जारी किया था.
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एक सप्ताह में पीजीआई में दूसरी बार लगी आग: बावजूद इसके फिर से एक सप्ताह के अंदर एक बार आग लगने से पीजीआई प्रशासन के सारे दावों की पोल खुल गई है. साथ ही पीजीआई प्रशासन पर भी सवालिया निशान लग रहा है कि आखिर वह मरीज की जिंदगी से इस तरह से कैसे खिलवाड़ कर सकता है. साथ ही आखिर क्यों पीजीआई में फायर सेफ्टी नॉर्म्स की धज्जियां उड़ रही हैं. कई ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब पीजीआई प्रशासन को देना होगा.