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पंचकूला में कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा निकला फर्जी, कम मौतों को ज्यादा दिखाया, कर्मचारियों पर गिरी गाज

पंचकूला में कोरोना काल में हुई मौतों का आंकड़ा फर्जी पाया गया है. एंटी करप्शन ब्यूरो तक ये मामला पहुंच गया है. जिसके चलते निगम के अधिकारियों पर गाज गिरी है.

FIR against 6 corporation officials for showing more death toll from Corona in Panchkula
बीते सालों में कोरोना से हुई मौतों को आंकड़ा फर्जी
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Published : Apr 1, 2023, 10:02 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के जिला पंचकूला में एक अजीबो गरीब मामला सामने आए. कोरोना काल जहां आम लोगों के लिए पीड़ा से भरा था. वहीं, पंचकूला नगर निगम के अधिकारियों द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण से जिन लोगों की मौत हुई, उनकी की संख्या वास्तविकता से अधिक दिखाई गई और अब ये मामला एंटी करप्शन ब्यूरो तक पहुंच गया है. जिसके बाद नगर निगम के छह अधिकारियों पर गाज गिरी है. निगम के 6 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर दी गई है.

एंटी करप्शन ब्यूरो तक पहुंचा मामला: जानकारी के मुताबिक कोरोना के कारण देश में जहां लगातार लोगों की मौत हो रही थी. वहीं, हरियाणा के जिला पंचकूला में कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों की मौत हुई थी, उनका अंतिम संस्कार नगर निगम द्वारा सरकारी खर्च पर किया जा रहा था. जिसके चलते नगर निगम के अधिकारियों द्वारा मरने वाले मरीजों की संख्या अधिक बता कर सरकार से अधिक पैसे वसूले गए हैं. ऐसे में यह मामला एंटी करप्शन ब्यूरो के सामने लाया गया.

जानिए क्या थे आदेश: बता दें कि कोरोना काल के दौरान हरियाणा सरकार और स्थानीय शहरी निकाय विभाग द्वारा आदेश दिए थे, कि कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार में 5 सदस्य टीम के प्रत्येक सदस्य को 2000 रुपये देने के आदेश थे. ऐसे में पंचकूला के दो श्मशान घाट में सेक्टर 20 और 28 के श्मशान घाट शामिल हैं. जिनमे कोरोना के मरीजों का संस्कार किया गया.

सरकार को लगाया चूना: वहीं नगर निगम पंचकूला के अधिकारियों द्वारा सरकार को दिए आंकड़े में पंचकूला नागरिक अस्पताल के रिकॉर्ड में शहर में कोरोना संक्रमण से 478 लोगों की मौत हुई. वहीं, जांच में पाया गया है कि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार कोरोना संक्रमित 377 लोगों की मृत्यु की बात सामने आई थी. जबकि पंचकूला के श्मशान घाटों में लगभग एक हजार शवों का अंतिम संस्कार किया गया है. ऐसे में नगर निगम के कर्मचारियों ने मरने वालों की संख्या ज्यादा दिखाकर उनके संस्कार का खर्च हरियाणा सरकार से वसूल किया.

धोखाधड़ी करने वालों की रिपोर्ट तैयार: ऐसे में पंचकूला नगर निगम के जॉइंट कमिश्नर विनेश कुमार के पास इस मामले के संबंध में जब श‌िकायत सामने आई, तो उनके द्वारा इस मामले में एक जांच रिपोर्ट तैयार की गई. जिसमें सरकार के पैसों के साथ हुई धोखा धड़ी सामने आई. नगर निगम के ही बड़े स्तर से लेकर छोटे स्तर के अधिकारियों के शामिल होने की बात भी सामने आई है.

ये भी पढ़ें: कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी, लोगों से की ये अपील

6 कर्मचारियों पर गाज: अब ये मामला एंटी करप्शन ब्यूरो तक पहुंचा है. जिसके बाद इस मामले में छह कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज की गई है. इन कर्मचारियों ने पंचकूला नगर निगम के मौजूदा मुख्य सफाई निरीक्षक मदनलाल, एएसआई अजय सूद, एएसआई सतबीर, सफाईकर्मी सोनू, प्रवेश और गुलाब के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. वहीं, एसीबी पंचकूला द्वारा दोनों ही श्मशान घाट में मरने वालों का रिकॉर्ड खंगालने की तैयारी कर ली है.

ऐसे हुआ खुलासा: जांच में अब तक पता चला है कि 14 कर्मचारियों को 29 सितंबर 2021 के बीच 31 लाख 34 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया और इनके खातों में 20 लाख 72 हजार रुपये डाल दिए गए थे. जिसमें यह घोटाला पाया गया है. वहीं, दूसरी ओर नगर निगम पंचकूला में उप निगम आयुक्त की सिफारिश पर 10 कर्मचारियों की कमेटी बनाई गई. जो इस मामले में एसीबी का सहयोग करेगी.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में फिर से डरा रहा कोरोना, बीते 24 घंटों में मिले 31 नए केस, 81 हुई एक्टिव मरीजों की संख्या

चंडीगढ़: हरियाणा के जिला पंचकूला में एक अजीबो गरीब मामला सामने आए. कोरोना काल जहां आम लोगों के लिए पीड़ा से भरा था. वहीं, पंचकूला नगर निगम के अधिकारियों द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण से जिन लोगों की मौत हुई, उनकी की संख्या वास्तविकता से अधिक दिखाई गई और अब ये मामला एंटी करप्शन ब्यूरो तक पहुंच गया है. जिसके बाद नगर निगम के छह अधिकारियों पर गाज गिरी है. निगम के 6 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर दी गई है.

एंटी करप्शन ब्यूरो तक पहुंचा मामला: जानकारी के मुताबिक कोरोना के कारण देश में जहां लगातार लोगों की मौत हो रही थी. वहीं, हरियाणा के जिला पंचकूला में कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों की मौत हुई थी, उनका अंतिम संस्कार नगर निगम द्वारा सरकारी खर्च पर किया जा रहा था. जिसके चलते नगर निगम के अधिकारियों द्वारा मरने वाले मरीजों की संख्या अधिक बता कर सरकार से अधिक पैसे वसूले गए हैं. ऐसे में यह मामला एंटी करप्शन ब्यूरो के सामने लाया गया.

जानिए क्या थे आदेश: बता दें कि कोरोना काल के दौरान हरियाणा सरकार और स्थानीय शहरी निकाय विभाग द्वारा आदेश दिए थे, कि कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार में 5 सदस्य टीम के प्रत्येक सदस्य को 2000 रुपये देने के आदेश थे. ऐसे में पंचकूला के दो श्मशान घाट में सेक्टर 20 और 28 के श्मशान घाट शामिल हैं. जिनमे कोरोना के मरीजों का संस्कार किया गया.

सरकार को लगाया चूना: वहीं नगर निगम पंचकूला के अधिकारियों द्वारा सरकार को दिए आंकड़े में पंचकूला नागरिक अस्पताल के रिकॉर्ड में शहर में कोरोना संक्रमण से 478 लोगों की मौत हुई. वहीं, जांच में पाया गया है कि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार कोरोना संक्रमित 377 लोगों की मृत्यु की बात सामने आई थी. जबकि पंचकूला के श्मशान घाटों में लगभग एक हजार शवों का अंतिम संस्कार किया गया है. ऐसे में नगर निगम के कर्मचारियों ने मरने वालों की संख्या ज्यादा दिखाकर उनके संस्कार का खर्च हरियाणा सरकार से वसूल किया.

धोखाधड़ी करने वालों की रिपोर्ट तैयार: ऐसे में पंचकूला नगर निगम के जॉइंट कमिश्नर विनेश कुमार के पास इस मामले के संबंध में जब श‌िकायत सामने आई, तो उनके द्वारा इस मामले में एक जांच रिपोर्ट तैयार की गई. जिसमें सरकार के पैसों के साथ हुई धोखा धड़ी सामने आई. नगर निगम के ही बड़े स्तर से लेकर छोटे स्तर के अधिकारियों के शामिल होने की बात भी सामने आई है.

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6 कर्मचारियों पर गाज: अब ये मामला एंटी करप्शन ब्यूरो तक पहुंचा है. जिसके बाद इस मामले में छह कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज की गई है. इन कर्मचारियों ने पंचकूला नगर निगम के मौजूदा मुख्य सफाई निरीक्षक मदनलाल, एएसआई अजय सूद, एएसआई सतबीर, सफाईकर्मी सोनू, प्रवेश और गुलाब के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. वहीं, एसीबी पंचकूला द्वारा दोनों ही श्मशान घाट में मरने वालों का रिकॉर्ड खंगालने की तैयारी कर ली है.

ऐसे हुआ खुलासा: जांच में अब तक पता चला है कि 14 कर्मचारियों को 29 सितंबर 2021 के बीच 31 लाख 34 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया और इनके खातों में 20 लाख 72 हजार रुपये डाल दिए गए थे. जिसमें यह घोटाला पाया गया है. वहीं, दूसरी ओर नगर निगम पंचकूला में उप निगम आयुक्त की सिफारिश पर 10 कर्मचारियों की कमेटी बनाई गई. जो इस मामले में एसीबी का सहयोग करेगी.

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