ETV Bharat / state

हरियाणा में आने वाला है बिजली संकट? बिजली विभाग के वित्त से आयुक्त ईटीवी भारत की बातचीत

गर्मी के मौसम में हरियाणा में बिजली को लेकर लगातार एक तरफ जहां सियासत जारी है. वहीं लोगों को भी बिजली के कट की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आखिर हरियाणा में बिजली की कमी क्यों (shortage of electricity in Haryana) है. इसकी धरातल पर क्या हकीकत है. इसको लेकर हमने बिजली विभाग के वित्त आयुक्त एवं एसीएस पीके दास से खास बातचीत की.

shortage of electricity in Haryana
बिजली विभाग वित्त आयुक्त पी. के. दास
author img

By

Published : Apr 14, 2022, 9:45 AM IST

Updated : Apr 14, 2022, 2:20 PM IST

चंडीगढ़: गर्मी के मौसम में हरियाणा में बिजली को लेकर लगातार एक तरफ जहां सियासत जारी है. वहीं लोगों को भी बिजली के कट की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आखिर हरियाणा में बिजली की कमी क्यों है, इसकी धरातल पर क्या हकीकत है. इसको लेकर हमने बिजली विभाग के वित्त आयुक्त एवं एसीएस पीके दास से खास बातचीत (Finance Commissioner PK Das) की.

जब पीके दास से सवाल किया गया कि प्रदेश में बिजली की कमी को लेकर काफी बातें हो रही हैं इसकी वास्तविक स्थिति क्या है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इन चर्चाओं के बावजूद मैं यह कहना चाहूंगा कि पिछले 12 दिनों में बिजली सप्लाई संतोषजनक रही है. 1 तारीख से 12 तारीख के बीच में पिछले साल के मुकाबले हमने 15 से 30% अधिक बिजली दी है. उन्होंने कहा कि जितनी मांग बिजली की है, उसको देखा जाए तो ज्यादा से ज्यादा कट चार प्रतिशत का हुआ है.

हरियाणा में बिजली के कमी की क्या है वास्तविक स्थिति, वित्त आयुक्त ने बताई सही वजह

हरियाणा में बिजली की अधिकतम सप्लाई- एसीएस ने कहा कि हमने जो अधिकतम बिजली की सप्लाई दी है. वह 99 प्रतिशत से ज्यादा है. अगर न्यूनतम भी देखा जाए तो वह भी 96 प्रतिशत के करीब है. इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि बिजली की कोई कमी नहीं है. पीके दास ने कहा कि मार्च-अप्रैल में इस बार गर्मी ज्यादा हुई है. बारिश बिल्कुल नहीं हुई है जिसकी वजह से बिजली की मांग भी बढ़ी है. हमारी बिजली के कुछ यूनिट दो-तीन दिन तकनीकी खराबी के कारण बंद रहे. ये टेंपरेरी सेटबैक था.

दास ने कहा कि इस सेटबैक को पूरा करने के लिए हमने बिजली खरीदी है. जहां पर बदले में बिजली नहीं मिल पाई वहां पर कुछ समय के लिए कट लगा है. पहले हमने ग्रामीण इलाकों में कट लगाया था. लेकिन मंगलवार से हमने उसमें भी कट को जीरो कर दिया है. सिर्फ उद्योगों में ही कट लगाया है. अब हमें किसी भी सेक्टर में कट लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्होंने कहा कि पूरी गर्मी के मौसम में बिजली को लेकर भी हमने व्यापक तैयारी की हुई है. हमने कोयले का भी इंतजाम किया हुआ है. हम इंपोर्टेड कोयला भी खरीद रहे हैं. सड़क और रेल के माध्यम से भी हम अपने बाजार से कोयला खरीद रहे हैं. घरेलू कोयले को हम आने वाले दिनों के लिए इकट्ठा करने की भी व्यवस्था कर रहे हैं.

बिजली संकट से निपटने के इंतजाम- इसके साथ ही हमने गर्मी के 3 महीनों में बिजली खरीदने के लिए टेंडर भी किए हुए हैं. इसके साथ ही हमने 3 साल के लिए 500 मेगावाट का पावर खरीदने के लिए कदम बढ़ाया है जो कि 15 अप्रैल से ही मिलनी शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही हमने जो सर्दी के दिनों में दूसरे राज्यों को बिजली उपलब्ध करवाई थी वह जून जुलाई-अगस्त में हम बैंकिंग के तौर पर उनसे वापस लेंगे जो कि करीब 350 मेगावाट बिजली हर महीने ली जाएगी. इस तरीके से हमने यह व्यवस्था की हुई है जिसे हम लोगों को बिजली दे पाएंगे जहां तक प्राइवेट कंपनी के पावर प्लांट की बात है दो कंपनियां हैं जिनके इंपोर्टेड कोल बेस्ड पावर प्लांट है उनके हमारे पास प्रस्ताव आए हैं उन प्लांटों को कैसे चलाया जा सकता है सरकार बहुत जल्दी उस पर भी फैसला करेगी.

ये भी पढ़ें- क्या हरियाणा में पैदा हो गया है बिजली संकट? जानिए क्या कहा बिजली मंत्री ने

बिजली का संकट क्यों हुआ- जब उनसे पूछा गया कि क्या कुछ यूनिट में आई तकनीकी खराबी के कारण ही बिजली की समस्या का लोगों को सामना करना पड़ा? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हरियाणा में एक यूनिट में 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है. ऐसे ही हिसार में एक यूनिट में तकनीकी खराबी आ गई थी जिसके बॉयलर में कुछ समस्या थी. बॉयलर को ठंडा होने के लिए करीब 48 घंटे लगते हैं जिसके बाद ही इंजीनियर उस पर काम कर सकते हैं. बॉयलर को ठीक करने में 70 से 80 घंटे लग जाते हैं. ऐसे में यह साफ है कि उससे 80 घंटों में आपका 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन कम हो गया. यह मशीन की समस्या है और कई बार ऐसी स्थितियां हो जाती हैं. यह देखने का नजरिया है लेकिन किस तरीके से हमारी बिजली सप्लाई अप्रैल से सितंबर तक रही है.

पीके दास ने कहा कि पिछले साल भी हमारी बिजली की सप्लाई संतोषजनक रही थी. उम्मीद है कि इस साल भी हमारी बिजली की सप्लाई बेहतर रहेगी. उन्होंने कहा कि बिजली विभाग ने जरूरत का 96 प्रतिशत पिछले 12 दिनों में पूरा किया है. जिसमें कई बार उससे भी ज्यादा किया है. इसलिए चार प्रतिशत की कमी हुई है. लेकिन ऐसा लग रहा है जैसे कि बिजली की सप्लाई हो ही नहीं रही. जबकि ऐसा नहीं है. जब उनसे सवाल किया गया कि आने वाले महीनों के लिए क्या प्रदेश की जनता मानकर चले की बिजली की समस्या उनके सामने नहीं आएगी? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा बिजली की डिमांड जून 15 से सितंबर सात तक होती है. हमारी भी उसी के हिसाब से तैयारी है. पिछले साल हमने 12800 मेगावाट की डिमांड 1 दिन में पूरी की है. इस साल हम उम्मीद कर रहे हैं कि हम उससे ज्यादा टारगेट को अचीव करेंगे.

क्या अडानी की कंपनी नहीं दे रही बिजली- जब उनसे पूछा गया कि क्या अडानी की कंपनी से बिजली ना मिलने से भी समस्या हो रही है? उसको लेकर उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है. क्योंकि हम अपनी बिजली सप्लाई का बहुत बड़ा हिस्सा अभी भी लोगों को उपलब्ध करवा रहे हैं. ऐसे में सिर्फ अडानी की कंपनी से 1500 मेगावाट ही खरीदा जाना था इसलिए उसकी वजह से ही कोई ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है. हमें जितनी जरूरत बिजली की होती है हम हर वक्त के लिए उसको उपलब्ध करके रखते हैं. जब 8500 मेगावाट बिजली की जरूरत है तो उस वक्त 12500 मेगावाट बिजली रखने का कोई मतलब नहीं है. हम आंकलन के हिसाब से बिजली की व्यवस्था करते हैं जैसे कि फरवरी के महीने में हम 8000 मेगावाट बिजली की व्यवस्था नहीं करते क्योंकि उस वक्त हमें सिर्फ 6000 मेगावाट बिजली की जरूरत होती है. हमारा एक एस्टीमेट होता है जिसके हिसाब से हम काम करते हैं और उसी हिसाब से ही व्यवस्था भी करते हैं. इसके साथ ही हमारे जो कॉन्ट्रैक्ट होते हैं वह भी हमने जरूरत के हिसाब से ही एडजेस्ट किए होते हैं.

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP

चंडीगढ़: गर्मी के मौसम में हरियाणा में बिजली को लेकर लगातार एक तरफ जहां सियासत जारी है. वहीं लोगों को भी बिजली के कट की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आखिर हरियाणा में बिजली की कमी क्यों है, इसकी धरातल पर क्या हकीकत है. इसको लेकर हमने बिजली विभाग के वित्त आयुक्त एवं एसीएस पीके दास से खास बातचीत (Finance Commissioner PK Das) की.

जब पीके दास से सवाल किया गया कि प्रदेश में बिजली की कमी को लेकर काफी बातें हो रही हैं इसकी वास्तविक स्थिति क्या है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इन चर्चाओं के बावजूद मैं यह कहना चाहूंगा कि पिछले 12 दिनों में बिजली सप्लाई संतोषजनक रही है. 1 तारीख से 12 तारीख के बीच में पिछले साल के मुकाबले हमने 15 से 30% अधिक बिजली दी है. उन्होंने कहा कि जितनी मांग बिजली की है, उसको देखा जाए तो ज्यादा से ज्यादा कट चार प्रतिशत का हुआ है.

हरियाणा में बिजली के कमी की क्या है वास्तविक स्थिति, वित्त आयुक्त ने बताई सही वजह

हरियाणा में बिजली की अधिकतम सप्लाई- एसीएस ने कहा कि हमने जो अधिकतम बिजली की सप्लाई दी है. वह 99 प्रतिशत से ज्यादा है. अगर न्यूनतम भी देखा जाए तो वह भी 96 प्रतिशत के करीब है. इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि बिजली की कोई कमी नहीं है. पीके दास ने कहा कि मार्च-अप्रैल में इस बार गर्मी ज्यादा हुई है. बारिश बिल्कुल नहीं हुई है जिसकी वजह से बिजली की मांग भी बढ़ी है. हमारी बिजली के कुछ यूनिट दो-तीन दिन तकनीकी खराबी के कारण बंद रहे. ये टेंपरेरी सेटबैक था.

दास ने कहा कि इस सेटबैक को पूरा करने के लिए हमने बिजली खरीदी है. जहां पर बदले में बिजली नहीं मिल पाई वहां पर कुछ समय के लिए कट लगा है. पहले हमने ग्रामीण इलाकों में कट लगाया था. लेकिन मंगलवार से हमने उसमें भी कट को जीरो कर दिया है. सिर्फ उद्योगों में ही कट लगाया है. अब हमें किसी भी सेक्टर में कट लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्होंने कहा कि पूरी गर्मी के मौसम में बिजली को लेकर भी हमने व्यापक तैयारी की हुई है. हमने कोयले का भी इंतजाम किया हुआ है. हम इंपोर्टेड कोयला भी खरीद रहे हैं. सड़क और रेल के माध्यम से भी हम अपने बाजार से कोयला खरीद रहे हैं. घरेलू कोयले को हम आने वाले दिनों के लिए इकट्ठा करने की भी व्यवस्था कर रहे हैं.

बिजली संकट से निपटने के इंतजाम- इसके साथ ही हमने गर्मी के 3 महीनों में बिजली खरीदने के लिए टेंडर भी किए हुए हैं. इसके साथ ही हमने 3 साल के लिए 500 मेगावाट का पावर खरीदने के लिए कदम बढ़ाया है जो कि 15 अप्रैल से ही मिलनी शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही हमने जो सर्दी के दिनों में दूसरे राज्यों को बिजली उपलब्ध करवाई थी वह जून जुलाई-अगस्त में हम बैंकिंग के तौर पर उनसे वापस लेंगे जो कि करीब 350 मेगावाट बिजली हर महीने ली जाएगी. इस तरीके से हमने यह व्यवस्था की हुई है जिसे हम लोगों को बिजली दे पाएंगे जहां तक प्राइवेट कंपनी के पावर प्लांट की बात है दो कंपनियां हैं जिनके इंपोर्टेड कोल बेस्ड पावर प्लांट है उनके हमारे पास प्रस्ताव आए हैं उन प्लांटों को कैसे चलाया जा सकता है सरकार बहुत जल्दी उस पर भी फैसला करेगी.

ये भी पढ़ें- क्या हरियाणा में पैदा हो गया है बिजली संकट? जानिए क्या कहा बिजली मंत्री ने

बिजली का संकट क्यों हुआ- जब उनसे पूछा गया कि क्या कुछ यूनिट में आई तकनीकी खराबी के कारण ही बिजली की समस्या का लोगों को सामना करना पड़ा? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हरियाणा में एक यूनिट में 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है. ऐसे ही हिसार में एक यूनिट में तकनीकी खराबी आ गई थी जिसके बॉयलर में कुछ समस्या थी. बॉयलर को ठंडा होने के लिए करीब 48 घंटे लगते हैं जिसके बाद ही इंजीनियर उस पर काम कर सकते हैं. बॉयलर को ठीक करने में 70 से 80 घंटे लग जाते हैं. ऐसे में यह साफ है कि उससे 80 घंटों में आपका 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन कम हो गया. यह मशीन की समस्या है और कई बार ऐसी स्थितियां हो जाती हैं. यह देखने का नजरिया है लेकिन किस तरीके से हमारी बिजली सप्लाई अप्रैल से सितंबर तक रही है.

पीके दास ने कहा कि पिछले साल भी हमारी बिजली की सप्लाई संतोषजनक रही थी. उम्मीद है कि इस साल भी हमारी बिजली की सप्लाई बेहतर रहेगी. उन्होंने कहा कि बिजली विभाग ने जरूरत का 96 प्रतिशत पिछले 12 दिनों में पूरा किया है. जिसमें कई बार उससे भी ज्यादा किया है. इसलिए चार प्रतिशत की कमी हुई है. लेकिन ऐसा लग रहा है जैसे कि बिजली की सप्लाई हो ही नहीं रही. जबकि ऐसा नहीं है. जब उनसे सवाल किया गया कि आने वाले महीनों के लिए क्या प्रदेश की जनता मानकर चले की बिजली की समस्या उनके सामने नहीं आएगी? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा बिजली की डिमांड जून 15 से सितंबर सात तक होती है. हमारी भी उसी के हिसाब से तैयारी है. पिछले साल हमने 12800 मेगावाट की डिमांड 1 दिन में पूरी की है. इस साल हम उम्मीद कर रहे हैं कि हम उससे ज्यादा टारगेट को अचीव करेंगे.

क्या अडानी की कंपनी नहीं दे रही बिजली- जब उनसे पूछा गया कि क्या अडानी की कंपनी से बिजली ना मिलने से भी समस्या हो रही है? उसको लेकर उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है. क्योंकि हम अपनी बिजली सप्लाई का बहुत बड़ा हिस्सा अभी भी लोगों को उपलब्ध करवा रहे हैं. ऐसे में सिर्फ अडानी की कंपनी से 1500 मेगावाट ही खरीदा जाना था इसलिए उसकी वजह से ही कोई ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है. हमें जितनी जरूरत बिजली की होती है हम हर वक्त के लिए उसको उपलब्ध करके रखते हैं. जब 8500 मेगावाट बिजली की जरूरत है तो उस वक्त 12500 मेगावाट बिजली रखने का कोई मतलब नहीं है. हम आंकलन के हिसाब से बिजली की व्यवस्था करते हैं जैसे कि फरवरी के महीने में हम 8000 मेगावाट बिजली की व्यवस्था नहीं करते क्योंकि उस वक्त हमें सिर्फ 6000 मेगावाट बिजली की जरूरत होती है. हमारा एक एस्टीमेट होता है जिसके हिसाब से हम काम करते हैं और उसी हिसाब से ही व्यवस्था भी करते हैं. इसके साथ ही हमारे जो कॉन्ट्रैक्ट होते हैं वह भी हमने जरूरत के हिसाब से ही एडजेस्ट किए होते हैं.

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP

Last Updated : Apr 14, 2022, 2:20 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.