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20 फरवरी से शुरू होगा हरियाणा सरकार का बजट सत्र, सदन में हंगामे के आसार - government

हरियाणा की बीजेपी सरकार अपना पांचवा बजट पेश करने जा रही है. 20 फरवरी से बजट सत्र शुरू होने जा रहा है .

सदन में हंगामे के आसार
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Published : Feb 17, 2019, 5:28 PM IST

Updated : Feb 17, 2019, 7:47 PM IST

चंडीगढ़- हरियाणा सरकार ने बजट सत्र की तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं. 20 फरवरी से शुरू होने वाला बजट सत्र पहले 27 फरवरी तक चलने वाला था. लेकिन विपक्ष के संभावित विरोध के चलते सरकार ने बजट सत्र 5 मार्च तक चलाने का निर्णय लिया है. हालांकि बजट सत्र की अवधि पर फाइनल मुहर विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में लगेगी.

बजट सत्र हंगामेदार होने की संभावना
बजट सत्र इस बार बेहद हंगामेदार होने की संभावना है. वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु अपनी सरकार के इस कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करेंगे.

haryana vidhan sabha session
हरियाणा विधानसभा सत्र का अस्थायी कार्यक्रम
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सरकार के सामने बड़ी चुनौती
चुनावी वर्ष होने के चलते इस बजट से लोगों को बहुत उम्मीदें हैं. सरकार का अंतिम बजट काफी लोगों के लिए लुभावना साबित हो सकता है, लेकिन इस बीच सरकार के सामने कई बड़ी चुनौतियां भी हैं.

हरियाणा विधानसभा सत्र का अस्थायी कार्यक्रम

20 फरवरी को दोपहर 2 बजे राज्यपाल के अभिभाषण के साथ विधानसभा का बजट सत्र शुरू होगा. 14 दिन तक चलने वाले सत्र में कुल पांच दिन अवकाश रहेगा. 21 फरवरी को नॉन ऑफिशियल बिजनेस रखा गया है, जबकि 22 को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी. अगले दो दिन शनिवार और रविवार का अवकाश रहेगा और 25 फरवरी को अभिभाषण पर चर्चा के साथ मौजूदा वित्त वर्ष के सप्लीमेंटरी एस्टिमेट्स पर चर्चा होगी.

26 फरवरी को अगले वित्त वर्ष के बजट अनुमान पेश किए जाएंगे जिस पर 27 फरवरी को भी चर्चा होगी. 28 फरवरी को नॉन आफिशियल बिजनेस के बाद पहली मार्च को वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु बजट पर चर्चा का जवाब देंगे. अगले तीन दिन अवकाश रहेगा और 5 मार्च को अंतिम दिन आठ विधेयक पारित किए जाएंगे.

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चंडीगढ़- हरियाणा सरकार ने बजट सत्र की तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं. 20 फरवरी से शुरू होने वाला बजट सत्र पहले 27 फरवरी तक चलने वाला था. लेकिन विपक्ष के संभावित विरोध के चलते सरकार ने बजट सत्र 5 मार्च तक चलाने का निर्णय लिया है. हालांकि बजट सत्र की अवधि पर फाइनल मुहर विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में लगेगी.

बजट सत्र हंगामेदार होने की संभावना
बजट सत्र इस बार बेहद हंगामेदार होने की संभावना है. वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु अपनी सरकार के इस कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करेंगे.

haryana vidhan sabha session
हरियाणा विधानसभा सत्र का अस्थायी कार्यक्रम
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सरकार के सामने बड़ी चुनौती
चुनावी वर्ष होने के चलते इस बजट से लोगों को बहुत उम्मीदें हैं. सरकार का अंतिम बजट काफी लोगों के लिए लुभावना साबित हो सकता है, लेकिन इस बीच सरकार के सामने कई बड़ी चुनौतियां भी हैं.

हरियाणा विधानसभा सत्र का अस्थायी कार्यक्रम

20 फरवरी को दोपहर 2 बजे राज्यपाल के अभिभाषण के साथ विधानसभा का बजट सत्र शुरू होगा. 14 दिन तक चलने वाले सत्र में कुल पांच दिन अवकाश रहेगा. 21 फरवरी को नॉन ऑफिशियल बिजनेस रखा गया है, जबकि 22 को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी. अगले दो दिन शनिवार और रविवार का अवकाश रहेगा और 25 फरवरी को अभिभाषण पर चर्चा के साथ मौजूदा वित्त वर्ष के सप्लीमेंटरी एस्टिमेट्स पर चर्चा होगी.

26 फरवरी को अगले वित्त वर्ष के बजट अनुमान पेश किए जाएंगे जिस पर 27 फरवरी को भी चर्चा होगी. 28 फरवरी को नॉन आफिशियल बिजनेस के बाद पहली मार्च को वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु बजट पर चर्चा का जवाब देंगे. अगले तीन दिन अवकाश रहेगा और 5 मार्च को अंतिम दिन आठ विधेयक पारित किए जाएंगे.

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Intro:चुनावी वर्ष में सरकार का अंतिम बजट
सभी वर्गों को बजट से बड़ी उम्मीदें
अंतिम बजट लोक लुभावना रहने की उम्मीद
करीब डेढ़ लाख करोड़ का कर्ज़ रहेगा बड़ी चुनौती
प्रदेश को कर्ज से उभारते हुए लोगों को राहत देना रहेगा चुनौती
1 लाख 61 हजार करोड़ का कर्ज और बढ़ने की उम्मीद


एंकर -
हरियाणा की बीजेपी सरकार अपना पांचवा बजट पेश करने जा रही है । 20 फरवरी से बजट सत्र शुरू होने जा रहा है । बीजेपी सरकार का इस कार्यकाल का के अंतिम बजट सत्र है । चुनावी वर्ष होने के चलते इस बजट से लोगों को बहुत उम्मीदें हैं । सरकार का अंतिम बजट काफी लोग लुभावना रह सकता है । हालांकि सरकार इस बजट से बड़ी घोषणाएं कर आगामी समय में मतदाताओं को रिझाने का प्रयास जरूर कर सकती है लेकिन इस बीच सरकार के सामने कई बड़ी चुनौतियां भी हैं । दरअसल करीब डेढ़ लाख करोड़ के कर्जे के तले दबे हरियाणा को कर्जे से उतारते हुए लोगों को राहत देना सरकार के लिए बड़ी चुनौती रहेगा । हालांकि अंतिम बजट होने के चलते मंत्रियों की तरफ से अपने विभागों को लेकर योजनाएं पूरी करने को लेकर भी अपना स्टीमेट दिया गया है । हालांकि हरियाणा की बात की जाए तो हरियाणा में 2004 में जब इनेलो की सरकार सत्ता से बाहर गई उस समय प्रदेश पर 23000 करोड का कर्ज था , 10 साल तक हुड्डा सरकार के रहने के बाद 2014 में बीजेपी सरकार के आने पर हरियाणा प्रदेश पर कर्ज बढ़कर 70000 करोड हो गया । वहीं बीजेपी सरकार के 4 साल के शासन काल में हरियाणा सरकार पर कर्ज एक लाख 61 हजार करोड़ के करीब हो गया है । हरियाणा सरकार पर जो कर्ज बढ़ रहा है उसके तहत 1 साल में 14000 करोड का अभ्यास का भुगतान हरियाणा सरकार को करना पड़ रहा है । विपक्षी पार्टियां सरकार पर 4 साल में 90 हजार करोड़ का कर्ज़ बढ़ाने का आरोप लगा रही है । इस साल हरियाणा का कर्ज़ सरकार कम करने में कामयाब रहती है या बढ़ेगा ? ऐसे में कर्ज से पार पाकर आम लोगों को राहत देना सरकार के लिए बड़ी चुनौती रहेगी ।


Body:वीओ -
किसानों , कर्मचारियों , व्यापारियों , युवाओं , महिलाओं और आम लोगों को सरकार के अंतिम बजट से उम्मीदें जरूर हैं । सभी को मिले हैं कि सरकार अपने अंतिम बजट में घोषणाओं का पिटारा खोलते हुए बड़ी राहत देगी । 20 फरवरी को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में तय किया जाएगा कि बजट किस दिन पेश किया जाना है हालांकि माना जा रहा है कि 26 फरवरी को सरकार अपना पांचवा बजट पेश कर सकती है । चुनावी वर्ष में आखरी बजट को सरकार लोक लुभावना बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी । हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने भी कहा है कि पहले 4 बजट जो पेश किए गए हैं वह जनकल्याणकारी और सभी के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं । अभिमन्यु ने कहा कि यह बजट भी है पिछले 4:00 बजे तो की ही तरह सभी के हितों में को ध्यान में रखते हुए बनाया जाएगा ।
बाइट - कैप्टेन अभिमन्यु , वित्त मंत्री हरियाणा
वीओ -
वहीं हरियाणा के परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि सभी वर्गो को ध्यान में रखकर बजट पेश किया जाएगा । पवार ने कहा कि विपक्ष के पास कहने के लिए कुछ नहीं है केवल वॉकआउट कर के विपक्ष सदन में चर्चा बटोर ने किया प्रयास करता है । उन्होंने कहा कि जल विभाग और ट्रांसपोर्ट विभाग में कुछ एस्टिमेट उनकी तरफ से दिए गए हैं ।
बाइट - कृष्ण लाल पँवार , परिवहन मंत्री
वीओ -
गौरतलब है कि हरियाणा की बीजेपी सरकार ने जब अपना चौथा बजट पेश किया तो उस समय हरियाणा पर एक लाख 61 हजार करोड़ का कर्ज था । हरियाणा की बात की जाए तो हरियाणा में 2004 में जब इनेलो की सरकार सत्ता से बाहर गई उस समय प्रदेश पर 23000 करोड का कर्ज था , 10 साल तक हुड्डा सरकार के रहने के बाद 2014 में बीजेपी सरकार के आने पर हरियाणा प्रदेश पर कर्ज बढ़कर 70000 करोड हो गया । हरियाणा पर 70000 करोड का कर्ज़ होने और खजाना खाली होने की बात कहकर बीजेपी सरकार ने विधानसभा में श्वेत पत्र भी जारी किया था । वहीं बीजेपी सरकार के 4 साल के शासन काल में कर्ज 70 हजार से बढ़कर एक लाख 61 हजार करोड़ के करीब हो गया है । हरियाणा सरकार पर जो कर्ज बढ़ रहा है उसके तहत 1 साल में 14000 करोड का वार्षिक ब्याज भुगतान हरियाणा सरकार को करना पड़ रहा है । सरकार पर विपक्षी पार्टी 4 साल में 90 हजार करोड़ का कर्ज़ बढ़ाने का आरोप लगा रही है ।


Conclusion:गौरतलब है कि बीजेपी सरकार के दौरान हरियाणा में 90 हजार करोड़ का 4 साल के दौरान बड़ा है जो पांचवें बजट के दौरान और भी बढ़ने की संभावना है । इस बजट में अगर सरकार कर्ज को कम कर आम लोगों को राहत देने में कामयाब साबित होती है तो यह सरकार की बड़ी उपलब्धि मानी जा सकता है । हालांकि एक लाख 61 हजार करोड़ का जो कर्ज गत बजट के दौरान था वह इस बजट में और भी ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है । फिलहाल देखना यह होगा कि इस साल चुनावी वर्ष के दौरान सरकार चुनाव को देखते हुए और कर्ज की परवाह न करते हुए बड़ी घोषणाएं करेगी या प्रदेश पर बढ़ रहे कर्ज का असर इस बजट में देखने को मिलेगा ?
Last Updated : Feb 17, 2019, 7:47 PM IST
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