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कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने प्रदेश भर में किया प्रदर्शन, यहां देखें पूरे दिन का अपडेट - किसान प्रदर्शन कृषि कानून हरियाणा

कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को देशभर के किसानों ने भूख हड़ताल की. हरियाणा के किसानों और विपक्षी दलों ने भी इस भूख हड़ताल में हिस्सा लिया. सूबे के अलग-अलग हिस्से से भूख हड़ताल की तस्वीरें देखने को मिली.

farmers protest haryana
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Published : Dec 14, 2020, 10:34 PM IST

चंडीगढ़: सोमवार को सेक्टर-17 में किसानों और विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस मौके पर चंडीगढ़ आम आदमी पार्टी यूथ विंग के अध्यक्ष जस्सी लुबाना ने ईटीवी भारत हरियाणा से खास बातचीत में कहा कि सरकार ने जो कानून बनाए हैं, उनमें पूंजीपतियों का ध्यान रखा गया है. जबकि किसानों को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है. इन कानूनों के बाद किसानों की हालत बदतर हो जाएगी.

जस्सी लुबाना ने कहा कि भले ही सरकार इन कानूनों में संशोधन के लिए तैयार हो गई है, लेकिन कानूनों में इतनी कमियां है कि इसे ठीक करना मुश्किल है. अगर एक-दो कमियां होती तो उन्हें संशोधित करके ठीक किया जा सकता है, लेकिन इतनी सारी कमियों को ठीक करना संभव नहीं है. इसलिए किसान सरकार से तीनों को कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

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कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने प्रदेश भर में किया प्रदर्शन

फतेहाबाद में किसानों ने लघु सचिवालय का घेराव किया. सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर किसान लघु सचिवालय पहुंचे. इस दौरान वकीलों ने भी किसानों के प्रदर्शन को समर्थन दिया. किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सामाजिक संगठनों ने भी उनके समर्थन में लंगर की व्यवस्था की.

सोनीपत के खरखौदा में किसानों ने रिलायंस पेट्रोल पंप को बंद करवाकर सांकेतिक धरना दिया. पहले किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर खरखौदा उपमंडल अधिकारी कार्यालय पर धरना दिया. इसके बाद रिलायंस पेट्रोल पंप को बंद करवाकर सरकार से कृषि कानूनों का वापस लेने की अपील की. किसानों ने कहा कि अब वो जियो सिम का बहिष्कार करेंगे.

फरीदाबाद में किसानों ने लघु सचिवालय के सामने कृषि कानूनों के विरोध में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया. किसानों ने अतिरिक्त जिला उपायुक्त सतवीर मान को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपा.

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कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने प्रदेश भर में किया प्रदर्शन

भिवानी में सामाजिक संगठनों ने कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन किया. सामाजिक संस्थाओं ने भी प्रदर्शन में किसानों का साथ दिया. पहले किसान और सामाजिक कार्यकर्ता नेहरू पार्क में इकट्ठा हुए. इसके बाद मांगों का ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा.

पलवल किसान संर्घष समिति ने कृषि कानून को वापस लेने और न्यूनतन समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने की मांग को लेकर लघु सचिवालय में उपायुक्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन दिया.

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कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने प्रदेश भर में किया प्रदर्शन

पानीपत में किसानों ने कृषि बिलों के विरोध में एक दिन की भूख हड़ताल की. इस दौरान इंडियन नेशनल लोकदल ने किसानों को समर्थन दिया. बार एसोसिएशन और सामाजिक संस्थाओं ने भी किसानों के प्रदर्शन का समर्थन किया.

भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में किसानों ने लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया. विपक्षी दलों के नेताओं ने किसानों के प्रदर्शन का समर्थन किया.

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कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने प्रदेश भर में किया प्रदर्शन

हिसार में किसानों ने क्रांति मान पार्क में सभी ट्रेड यूनियन और जन संगठन के साथ प्रदर्शन किया. किसानों ने कहा कि जबतक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.

करनाल में किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया. इस दौरान आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने किसानों को समर्थन दिया.

चरखी दादरी में कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने प्रदर्शन किया. किसानों खाप पंचायत, कर्मचारी संघ और सामाजिक संगठनों ने किसानों को समर्थन दिया. सांगवान खाप के प्रधान सोमबीर सांगवान की अगुवाई में किसानों ने लघु सचिवालय पहुंचकर प्रधानमंत्री के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा.

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कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने प्रदेश भर में किया प्रदर्शन

कैथल के लघु सचिवालय में जिला भर से आए किसानों और कर्मचारी यूनियन के लोगों ने कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया. किसानों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा.

अंबाला में ईटीवी भारत के साथ बातचीत में भारतीय किसान यूनियन के जिला उपाध्यक्ष गुलाब सिंह ने बताया कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानेगी तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. उन्होंने सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की.

झज्जर में गुलिया खाप के आह्वान पर किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर लघु सचिवालय पहुंचे. किसानों को प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने यहां सुरक्षा के पुख्ता इंताजम किए थे.

चंडीगढ़: सोमवार को सेक्टर-17 में किसानों और विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस मौके पर चंडीगढ़ आम आदमी पार्टी यूथ विंग के अध्यक्ष जस्सी लुबाना ने ईटीवी भारत हरियाणा से खास बातचीत में कहा कि सरकार ने जो कानून बनाए हैं, उनमें पूंजीपतियों का ध्यान रखा गया है. जबकि किसानों को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है. इन कानूनों के बाद किसानों की हालत बदतर हो जाएगी.

जस्सी लुबाना ने कहा कि भले ही सरकार इन कानूनों में संशोधन के लिए तैयार हो गई है, लेकिन कानूनों में इतनी कमियां है कि इसे ठीक करना मुश्किल है. अगर एक-दो कमियां होती तो उन्हें संशोधित करके ठीक किया जा सकता है, लेकिन इतनी सारी कमियों को ठीक करना संभव नहीं है. इसलिए किसान सरकार से तीनों को कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

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कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने प्रदेश भर में किया प्रदर्शन

फतेहाबाद में किसानों ने लघु सचिवालय का घेराव किया. सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर किसान लघु सचिवालय पहुंचे. इस दौरान वकीलों ने भी किसानों के प्रदर्शन को समर्थन दिया. किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सामाजिक संगठनों ने भी उनके समर्थन में लंगर की व्यवस्था की.

सोनीपत के खरखौदा में किसानों ने रिलायंस पेट्रोल पंप को बंद करवाकर सांकेतिक धरना दिया. पहले किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर खरखौदा उपमंडल अधिकारी कार्यालय पर धरना दिया. इसके बाद रिलायंस पेट्रोल पंप को बंद करवाकर सरकार से कृषि कानूनों का वापस लेने की अपील की. किसानों ने कहा कि अब वो जियो सिम का बहिष्कार करेंगे.

फरीदाबाद में किसानों ने लघु सचिवालय के सामने कृषि कानूनों के विरोध में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया. किसानों ने अतिरिक्त जिला उपायुक्त सतवीर मान को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपा.

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कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने प्रदेश भर में किया प्रदर्शन

भिवानी में सामाजिक संगठनों ने कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन किया. सामाजिक संस्थाओं ने भी प्रदर्शन में किसानों का साथ दिया. पहले किसान और सामाजिक कार्यकर्ता नेहरू पार्क में इकट्ठा हुए. इसके बाद मांगों का ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा.

पलवल किसान संर्घष समिति ने कृषि कानून को वापस लेने और न्यूनतन समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने की मांग को लेकर लघु सचिवालय में उपायुक्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन दिया.

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कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने प्रदेश भर में किया प्रदर्शन

पानीपत में किसानों ने कृषि बिलों के विरोध में एक दिन की भूख हड़ताल की. इस दौरान इंडियन नेशनल लोकदल ने किसानों को समर्थन दिया. बार एसोसिएशन और सामाजिक संस्थाओं ने भी किसानों के प्रदर्शन का समर्थन किया.

भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में किसानों ने लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया. विपक्षी दलों के नेताओं ने किसानों के प्रदर्शन का समर्थन किया.

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कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने प्रदेश भर में किया प्रदर्शन

हिसार में किसानों ने क्रांति मान पार्क में सभी ट्रेड यूनियन और जन संगठन के साथ प्रदर्शन किया. किसानों ने कहा कि जबतक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.

करनाल में किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया. इस दौरान आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने किसानों को समर्थन दिया.

चरखी दादरी में कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने प्रदर्शन किया. किसानों खाप पंचायत, कर्मचारी संघ और सामाजिक संगठनों ने किसानों को समर्थन दिया. सांगवान खाप के प्रधान सोमबीर सांगवान की अगुवाई में किसानों ने लघु सचिवालय पहुंचकर प्रधानमंत्री के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा.

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कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने प्रदेश भर में किया प्रदर्शन

कैथल के लघु सचिवालय में जिला भर से आए किसानों और कर्मचारी यूनियन के लोगों ने कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया. किसानों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा.

अंबाला में ईटीवी भारत के साथ बातचीत में भारतीय किसान यूनियन के जिला उपाध्यक्ष गुलाब सिंह ने बताया कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानेगी तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. उन्होंने सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की.

झज्जर में गुलिया खाप के आह्वान पर किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर लघु सचिवालय पहुंचे. किसानों को प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने यहां सुरक्षा के पुख्ता इंताजम किए थे.

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