सोनीपत: पीएम मोदी की ओर से तीन कृषि कानून वापस (Three Farm Laws Repeal) लेने की घोषणा के बाद आगे की रणनीति तय करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक शुरू हो चुकी है. सिंघु बॉर्डर चल रही इस बैठक में राकेश टिकैत के आलावा सभी वरिष्ठ किसान नेता (Farmers Meeting Start at Singhu Border) मौजूद हैं. इससे पहले शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख नेताओं की 9 सदस्यीय कमिटी की बैठक हुई थी. बैठक में किसानों की मुख्य मांगों पर विचार होगा. साथ ही शहीद किसानों के परिवार को मुआवज़े पर भी बात होगी.
बता दें कि ये बैठक शनिवार को होने वाली थी, लेकिन किसी वजह से किसान नेताओं ने संयुक्त बैठक को स्थगित (Farmers Joint Meeting Postponed) कर दिया गया था. जानकारी के मुताबिक सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं की बैठक (Farmers Meeting at singhu Border) में मुख्य रूप से कानून वापस होने पर सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर से मोर्चा हटाने के मुद्दे पर भी विचार होगा. वहीं इस बैठक में सबसे अहम मुद्दा एमएसपी की मांग को लेकर आगे की रणनीति तैयार करना होगा.
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इस बैठक के मुख्य ऐजेंडे: सिंघु बॉर्डर पर होने वाली बैठक का सबसे अहम मुद्दा एमएसपी पर कानून (Law on MSP) बनाने की मांग है. इसके साथ दूसरा मुद्दा बिजली पर अध्यादेश की वापसी (Electricity Ordinance Withdraw) है. तीसरा मुद्दा पराली के मुकदमों की वापसी है. चौथा मुद्दा किसान आंदोलन के मुकदमों की वापसी और पांचवां मुद्दा आंदोलन में शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा दिलाने की मांग होगी.
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गौरतलब है कि पीएम मोदी ने शुक्रवार को देश के नाम संबोधित करते हुए कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है. ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है. आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानून वापस लेने का फैसला (Farm Laws To Be Cancelled) किया है, जिसके बाद किसान इस बैठक में अहम मुद्दों पर चर्चा कर आगे की रणनीति बाएंगे.
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