चंडीगढ़: कंवरपाल गुर्जर को इस बार हरियाणा कैबिनेट में जगह मिल गई है. कंवरपाल बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में से एक माने जाते हैं. वो पिछली बार भी मंत्री पद के दावेदार थे. पिछली बार उन्हें स्पीकर पद से ही संतोष करना पड़ा था. यमुनानगर जिले की जगाधरी सीट से इस बार कंवरपाल गुर्जर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं.
कंवरपाल अनिल विज के बाद शपथ लेने वाले दूसरे मंत्री हैं. इनकी गिनती हरियाणा के बड़े भाजपा नेताओं में होती है. उन्होंने पूर्व डिप्टी स्पीकर अकरम को मात दी. कंवरपाल गुर्जर ने 1990 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए और अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की.
ईटीवी से खास बातचीत
ईटीवी से बातचीत के दौरान कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि पहले स्पीकर पद की मुझे कोई अनुभव नहीं था, कोशिश थी कि काम पारदर्शिता के साथ किया. अब मंत्री पद भी सही से संभालने की कोशिश करेंगे, और क्या कहा कंवरपाल गुर्जर ने देखिए वीडियो-
बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं कंवरपाल गुर्जर
लंबे वक्त से बीजेपी ने यहां से अपने पुराने नेता कंवरपाल गुर्जर को अवसर देती आ रही है. जो 1996 से छछरौली या जगाधरी सीट से चुनाव लड़ते आ रहे थे. वे इससे पहले एक बार 2000 में छछरौली से विधायक रह चुके थे. तब भी उन्होंने अकरम खान को हराया था जो 2009 से 2014 तक इस जगाधरी सीट से विधायक थे. 2005 में कंवरपाल ने भी छछरौली से ही चुनाव लड़ा था और बुरी तरह हार कर चौथे स्थान पर आ गए थे.
छछरौली सीट खत्म होने के बाद जगाधरी पहुंचे थे
छछरौली सीट खत्म हो जाने पर कंवरपाल जगाधरी सीट पर आ गए और अच्छे वोट लेने के बावजूद तीसरे स्थान पर रहे थे. छछरौली सीट पर अकरम खान को हराने वाले कंवरपाल जगाधरी आकर उनसे हार गए थे लेकिन 2014 में उन्होंने एक बार फिर हिसाब बराबर किया और शानदार जीत हासिल की. जगाधरी उन सीटों में से है जहां भाजपा का कुछ आधार रहा है और पार्टी उम्मीदवार मुकाबले में आते रहे हैं. कंवर पाल गुर्जर ने 2009 के 24.51 प्रतिशत के मुकाबले 2014 में 44.79 प्रतिशत वोट लिए और 34 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की. इस शानदार जीत के बाद भाजपा सरकार में उन्हें हरियाणा विधानसभा का अध्यक्ष भी बनाया गया.
2014 की मोदी लहर में इन्होंने हाथी को भी पटखनी दी थी. 2014 के विधानसभा चुनाव में जगाधरी में 84.75 मतदान हुआ था जोकि सबसे ज्यादा मतदान के मामले में राज्य में छठे नंबर पर रहा.
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