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'पानीपत' विवाद: महाराजा सूरजमल के वंशज बोले- फिल्म पर लगे बैन और निर्माता मांगे माफी

देशभर में आशुतोष गोवरिकर की फिल्म पानीपत विवादों से घिर गई है. बताया जा रहा है कि इस फिल्म में महाराजा सूरजमल का गलत चित्रण दिखाया गया है. जिसके सम्बन्ध में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग की है.

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महाराजा सूरजमल के वंशज बोले- फिल्म पर लगे बैन और निर्माता मांगे माफी
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Published : Dec 10, 2019, 3:22 PM IST

चंडीगढ़/जयपुर. देशभर में आशुतोष गोवारिकर की फिल्म पानीपत विवादों में चल रही है. भरतपुर के महाराजा सूरजमल का चित्रण गलत तरीके से किए गए चित्रण के कारण जाट समाज तो उद्वेलित है ही, साथ ही महाराजा सूरजमल की 14वीं पीढ़ी से आने वाले और प्रदेश के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह भी इससे खासे नाराज दिख रहे है.

पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने तो मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग तक कर डाली है. साथ ही इस तरह की फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए प्रदेश स्तर पर स्क्रीनिंग कमेटी का गठन करने का सुझाव भी दिया है.

'पानीपत' विवाद पर महाराजा सूरजमल के वंशज

पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने साफ तौर पर कहा है कि यह फिल्म प्रतिबंधित नहीं की जाती है तो प्रदेश में इसके कारण बिगड़ने वाली कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी सरकार की होगी. साथ ही बताया कि हमारे भरतपुर राजपरिवार ने तो पेशवा और मराठा, जब पानीपत युद्ध हार कर और घायल होकर लौट रहे थे तो 6 माह तक संपूर्ण मराठा सेना और पेशवा को अपने यहां पनाह दी थी.

ये भी पढ़िए: रणदीप सुरजेवाला के बाद अब पुरानी SIT पर भी शिकंजा, अनिल विज ने दिए जांच के आदेश

उन्होंने कहा कि मराठा और पेशवा पानीपत का युद्ध लड़ने जा रहे थे, तब महाराजा सूरजमल ने उन्हें कहा था कि आप की सेना उनका मुकाबला नहीं कर पाएगी. उस वक्त मराठा और पेशवा ने नाराज होकर यह कहा था कि हम तो अभी जा रहे है, लेकिन वहां से लौटते समय तुम्हें भी नहीं छोड़ेंगे.

विश्वेंद्र सिंह के अनुसार युद्ध में मराठा और पैसों का क्या हुआ यह तो जगजाहिर है बावजूद इसके महाराजा सूरजमल ने 6 माह तक इनकी सेना और महिलाओं को अपने यहां शरण दी और ऐसे ही शरण देने वाले महाराज का चित्रण इस फिल्म में एक लालची महाराज के रूप में किया जा रहा है. मतलब इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है, जो हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

हटे विवादित अंश और निर्माता-निर्देशक मांगे माफी

पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि इस फिल्म में गलत तरीके से हुए चित्रण से कई समाज के लोग नाराज है, जिससे देश में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है. ऐसे में सरकार को सोचना होगा कि इस फिल्म पर बैन लगाया जाए. साथ ही फिल्म निर्देशक को इस फिल्म से उन अंशों को हटाना चाहिए और साथ ही इसके लिए सार्वजनिक रूप से फिल्म निर्माता और निर्देशक को माफी भी मांगना चाहिए.

चंडीगढ़/जयपुर. देशभर में आशुतोष गोवारिकर की फिल्म पानीपत विवादों में चल रही है. भरतपुर के महाराजा सूरजमल का चित्रण गलत तरीके से किए गए चित्रण के कारण जाट समाज तो उद्वेलित है ही, साथ ही महाराजा सूरजमल की 14वीं पीढ़ी से आने वाले और प्रदेश के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह भी इससे खासे नाराज दिख रहे है.

पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने तो मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग तक कर डाली है. साथ ही इस तरह की फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए प्रदेश स्तर पर स्क्रीनिंग कमेटी का गठन करने का सुझाव भी दिया है.

'पानीपत' विवाद पर महाराजा सूरजमल के वंशज

पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने साफ तौर पर कहा है कि यह फिल्म प्रतिबंधित नहीं की जाती है तो प्रदेश में इसके कारण बिगड़ने वाली कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी सरकार की होगी. साथ ही बताया कि हमारे भरतपुर राजपरिवार ने तो पेशवा और मराठा, जब पानीपत युद्ध हार कर और घायल होकर लौट रहे थे तो 6 माह तक संपूर्ण मराठा सेना और पेशवा को अपने यहां पनाह दी थी.

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उन्होंने कहा कि मराठा और पेशवा पानीपत का युद्ध लड़ने जा रहे थे, तब महाराजा सूरजमल ने उन्हें कहा था कि आप की सेना उनका मुकाबला नहीं कर पाएगी. उस वक्त मराठा और पेशवा ने नाराज होकर यह कहा था कि हम तो अभी जा रहे है, लेकिन वहां से लौटते समय तुम्हें भी नहीं छोड़ेंगे.

विश्वेंद्र सिंह के अनुसार युद्ध में मराठा और पैसों का क्या हुआ यह तो जगजाहिर है बावजूद इसके महाराजा सूरजमल ने 6 माह तक इनकी सेना और महिलाओं को अपने यहां शरण दी और ऐसे ही शरण देने वाले महाराज का चित्रण इस फिल्म में एक लालची महाराज के रूप में किया जा रहा है. मतलब इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है, जो हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

हटे विवादित अंश और निर्माता-निर्देशक मांगे माफी

पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि इस फिल्म में गलत तरीके से हुए चित्रण से कई समाज के लोग नाराज है, जिससे देश में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है. ऐसे में सरकार को सोचना होगा कि इस फिल्म पर बैन लगाया जाए. साथ ही फिल्म निर्देशक को इस फिल्म से उन अंशों को हटाना चाहिए और साथ ही इसके लिए सार्वजनिक रूप से फिल्म निर्माता और निर्देशक को माफी भी मांगना चाहिए.

Intro:Exclusive interview
फिल्म पानीपत विवाद: महाराजा सूरजमल के वंशज व पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह का etv भारत पर exclusive interview

फिल्म विवाद पर बोले मंत्री विश्वेंद्र सिंह सरकार प्रतिबंधित करें यह फिल्म, मुख्यमंत्री को भी लिखा पत्र

मुख्यमंत्री को दिया इस तरह की फिल्मों के लिए प्रदेश में स्क्रीनिंग कमेटी के गठन का सुझाव

फिल्म पानीपत विवाद पर पर्यटन मंत्री ने कहा बैन हो फिल्म वरना बिगड़ी कानून व्यवस्था तो होगी सरकार की जिम्मेदार

जयपुर (इंट्रो)
देशभर में आशुतोष गोवरिकर की फिल्म पानीपत विवादों में है। भरतपुर के महाराजा सूरजमल का चित्रण गलत तरीके से किए गए चित्रण के कारण जाट समाज तो उद्वेलित है ही साथ ही महाराजा सूरजमल की 14 वीं पीढ़ी से आने वाले और प्रदेश के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह भी इससे खासे नाराज है। पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने तो मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग तक कर डाली है। साथ ही इस तरह की फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए प्रदेश स्तर पर स्क्रीनिंग कमेटी का गठन करने का सुझाव भी दिया है। महाराजा सूरजमल जाट के वंशज और प्रदेश के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह से ईटीवी भारत से खास बातचीत में साफ तौर पर कहा कि यह फिल्म प्रतिबंधित नहीं की जाती है तो प्रदेश में इसके कारण बिगड़ने वाली कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी सरकार की होगी।

हमारे परिवार ने तो दी थी मराठा और पेशवाओं को शरण- विश्वेंद्र सिंह

ईटीवी भारत से बातचीत में मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि हमारे भरतपुर राजपरिवार ने तो पेशवा और मराठा जब पानीपत युद्ध हार कर और घायल होकर लौट रहे थे तो 6 माह तक संपूर्ण मराठा सेना और पेशवा को अपने यहां पनाह दी थी। विश्वेंद्र सिंह मराठा और पेशवा पानीपत का युद्ध लड़ने जा रहे थे तब महाराजा सूरजमल ने उन्हें कहा था कि आप की सेना उनका मुकाबला नहीं कर पाएगी तब मराठा और पेशवा ने नाराज होकर यह कहा था कि हम तो अभी जा रहे हैं जाट लेकिन वहां से लौटते समय तुम्हें भी नहीं छोड़ेंगे विश्वेंद्र सिंह के अनुसार युद्ध में मराठा और पैसों का क्या हुआ यह तो जगजाहिर है बावजूद इसके महाराजा सूरजमल ने 6 माह तक इनकी सेना और महिलाओं को अपने यहां शरण दी और ऐसे ही शरण देने वाले महाराज का चित्रण इस फिल्म में एक लालची महाराज के रूप में किया जा रहा है मतलब इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है जो हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

हटे विवादित अंश और निर्माता-निर्देशक मांगी माफी-
ईटीवी भारत से खास बातचीत में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा की इस फिल्म में गलत तरीके से हुए चित्रण से कई समाजों लोग नाराज है और प्रदेश में और देश में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है ऐसे में सरकार को सोचना होगा कि इस फिल्म पर बैन लगाया जाए साथ ही फिल्म निर्देशकों को इस फिल्म से उन अंशों को हटाना चाहिए और साथ ही इसके लिए सार्वजनिक रूप से फिल्म निर्माता और निर्देशक को माफी भी मांगना चाहिए।

एक्सक्लूसिव इंटरव्यू -विश्वेंद्र सिंह पर्यटन मंत्री व वंशज महाराजा सूरजमल

विसुअल्स- फिल्म के पोस्टर व विश्वेंद्र सिंह व महाराजा सूरजमल के

पीयूष शर्मा सीनियर रिपोर्टर







Body:एक्सक्लूसिव इंटरव्यू -विश्वेंद्र सिंह पर्यटन मंत्री व वंशज महाराजा सूरजमल

विसुअल्स- फिल्म के पोस्टर व विश्वेंद्र सिंह व महाराजा सूरजमल के

(पीयूष शर्मा सीनियर रिपोर्टर)







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