चंडीगढ़: कृषि से जुड़े तीन बिल को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. किसान सड़क पर हैं और मोदी सरकार झुकने के लिए तैयार नहीं है. केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के इस्तीफे के बाद ये मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से बात करते हुए कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि तीनों अध्यादेश जारी रहेंगे. इसका किसानों को फायदा मिलेगा.
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि किसानों के लाभ के लिए एमएसपी (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) जारी रहेगा. मुझे लगता है कि कुछ लोगों ने बिल को ध्यान से नहीं पढ़ा. कृषि मंत्री ने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर किसानों को भ्रमित कर रहा है.
क्या मंडियों का अस्तित्व हो जाएगा खत्म?
किसानों के विरोध पर कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार जो विधेयक लेकर आई है वो किसानों के हित में है. इससे किसानों की आय बढ़ेगी और उन्हें फायदा होगा. विपक्ष और किसान सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि इन तीन विधेयकों के बाद मंडियों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा. इन आरोपों पर कृषि मंत्री ने कहा कि विपक्ष जो कह रहा है वो निराधार और झूठा है. इन विधेयकों से ना तो मंडियों के अस्तित्व पर कोई खतरा है और ना ही एमएसपी पर. फसलों के दाम बढ़ते रहेंगे.
कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को खतरा है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के लिए इसी तरह काम करते रहे, तो किसान वर्ग उनके साथ हो जाएगा और विपक्षी दलों का बचा कुचा वोट बैंक भी खत्म हो जाएगा. इसलिए विपक्ष किसानों के कंधे पर बंदुक रखकर चला रहा है. जिससे कोई फायदा होने वाला नहीं. किसानों को धीरे-धीरे इस बिल के बारे में समझ में आ रहा है.
क्या सरकार ने किसान संगठनों से की बात?
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन और भ्रांतियों को लेकर अधिकारियों की उनसे बातचीत जारी है. किसानों के सुधाव के लिए राज्य सरकार ने 3 सदस्य सांसद कमेटी बनाई. जिन्होंने किसानों से अध्यादेश को लेकर सुझाव लिए. कृषि मंत्री ने उम्मीद जताई कि जल्द ही किसानों को समझाकर इस मुद्दे का समाधान किया जाएगा.
किसानों के इस आंदोलन का पूरा श्रेय कृषि मंत्री ने कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों को दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने एजेंडे पर काम कर रही है. वो प्रदेश में अशांति फैलाना चाहती है. हरियाणा में आंदोलन करने वाली कांग्रेस पहले राजस्थान जाकर किसानों की दशा देखें. वहां के किसान हरियाणा में आकर अपनी फसलों को बेच रहे हैं. क्योंकि राजस्थान में किसानों को अपनी फसलों का पूरा दाम नहीं मिल रहा.
उन्होंने कांग्रेस के चुनौती देते हुए कहा कि कांग्रेस पहले राजस्थान और पंजाब जैसे राज्यों में किसानों के लिए कोई अच्छा काम करे. फिर उस काम को हमें बताएं. हम हरियाणा में किसानों के लिए उसे बेहतर काम करके दिखाएंगे. कांग्रेस का एक ही एजेंडा है कि ना तो मंडियां चलें और ना फसलों की खरीद हो. सिर्फ किसानों का नुकसान हो, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे.
दिल्ली में चर्चा का क्या हल निकाला?
कृषि मंत्री ने बताया कि किसान संगठनों से तीन विधेयक को लेकर बात की गई. बैठक में किसान नेता, डीलर्स और और मिलर्स शामिल थे. सभी ने इस विधेयक को सही बताया. उन्होंने कहा अध्यादेश को लेकर किसानों ने कहा कि हमें जो भी भ्रांतियां थी, वो दूर हो गई हैं. लेकिन बाद में हरियाणा भवन में उनका आपस में किसी बात को लेकर विवाद हो गया. किसान नेता गुरुनाम चढूनी पर आरोप लगाते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि वो किसानों के नहीं बल्कि आढ़तियों के नेता हैं. इसलिए उन्हें इन विधयकों से ज्यादा परेशानी हो रही है.
कब निकलेगा समाधान?
कृषि मंत्री ने कहा कि ज्यादातर संगठन इन तीन विधेयकों को लेकर सरकार के साथ है और जो संगठन साथ नहीं है सरकार उन्हें भी समझाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने उम्मीद जताई की जल्द ही इस समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा. इस दौरान कृषि मंत्री ने सराकर की खूबिया भी गिनवाई.
- सोनीपत के गन्नौर में बनेगी सबसे बड़ी मंडी
- पंचकूला के पिंजौर में बनेगी सेब की मंडी
- सोनीपत में मसालों की मंडी
- गुरुग्राम में फूलों की मंडी बनानेगी
अगर पहले किसानों से बातचीत होती तो?
संसद में अध्यादेश लाने से पहले अगर किसानों से बातचीत होती तो शायद ये नौबत ना आती. इस सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि हमने इसका ज्यादा प्रचार-प्रसार ज्यादा नहीं किया. क्योंकि कोरोना महामारी के इस वक्त में हम लोगों को इकट्ठा नहीं करना चाहते थे. हो सकता है ये हमारी कमी रहे हो, लेकिन कुछ नेताओं ने सारे प्रदेश में अव्यवस्था फैलाने की कोशिश की है.
क्या सरकार में सबकुछ ठीक है?
कुरुक्षेत्र में हुए लाठीचार्ज को एक तरफ गृहमंत्री अनिल विज नकार रहे हैं, तो दूसरी तरफ उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला निष्पक्ष जांच की बात कह रहे हैं. दोनों के इस अलग-अलग बयान पर जब कृषि मंत्री से ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता भूपेंद्र जिस्तू ने सवाल किया तो जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि किसान एक रैली करना चाहते थे, लेकिन हमने इसकी इजाजत नहीं दी. कुछ नेताओं ने सड़क पर इकट्ठे होकर रोड जाम किया और पुलिस पर पत्थरबाजी की. इस अफरातफरी में कुछ लोगों को चोटें भी आई, लेकिन जैसा कि अनिल विज ने कहा कि लाठीचार्ज की आदेश नहीं दिए गए. हमें उनकी बात पर विश्वास करके चलना चाहिए.
कृषि मंत्री की किसानों से अपील
ईटीवी भारत हरियाणा के जरिए कृषि मंत्री जेपी दलाल ने किसानों से किसी के बहकावे में ना आने की अपील की. उन्होंने कहा कि मैं किसानों को नमन करता हूं. क्योंकि कोरोना काल में किसानों ने देश का पेट भरने का काम किया. देश की अर्थव्यवस्था के संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि मैं नेता बाद में पहले किसान हूं. इसलिए किसानों के हितों की रक्षा करना उनका पहला धर्म है. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वो किसी के बहकावे में ना आए.
धान की खरीद की तैयारियों पर क्या बोले कृषि मंत्री?
कृषि मंत्री ने कहा कि हम 25 सितम्बर से ही धान की प्रीक्योरमेंट का काम शुरू कर देंगे. सरकार की इसको लेकर पूरी तैयारी है. फसलों की खरीद को लेकर सभी योजनाएं बना ली गई हैं. राजस्थान में बाजरा 1200 से 1300 प्रति क्विंटल बिक रहा है, जबकि हरियाणा में बाजरा 2100 प्रति क्विंटल के रेट से खरीदा जाएगा. जिसकी वजह से दूसरे राज्य में किसान हरियाणा के किसानों को सौभाग्यशाली मानते हैं. क्योंकि यहां पर फसलों का पूरा मूल्य दिया जा रहा है.