चंडीगढ़: कोरोना महामारी के इस दौर में केंद्र सरकार लगातार हर स्तर पर कार्य कर रही है. इस महामारी से लड़ने के लिए केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें हर संभव प्रयास कर रही है. इसके लिए आर्थिक पैकेज की बात हो या फिर अन्य जरूरी दिशानिर्देश लगातार दिए जा रहे हैं. कोरोना महामारी को लेकर ईटीवी भारत ने पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री और वित्त राज्य मंत्री पवन बंसल से खास बातचीत की.
पवन बंसल ने कहा कि कोरोना को लेकर सभी राजनीतिक दल सरकार के समर्थन में खड़े हैं. ये एक महामारी का दौर है, इसलिए सरकार का जहां तक इस महामारी से लड़ाई का अभियान है. उसको लेकर हम उसका समर्थन करते हैं, लेकिन हमारी ये हमेशा मांग रही है कि सरकार को इस वायरस की टेस्टिंग को लेकर ज्यादा काम करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि नांदेड़ साहिब से आए श्रद्धालुओं को जिस तरीके से वापस लाया गया वो सही नहीं था, क्योंकि उनमें से काफी लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए. अगर उनका समय रहते वहीं पर टेस्ट हुआ होता जो ये स्थिति नहीं बनती, इसलिए सरकार को बड़े स्तर पर टेस्टिंग करनी चाहिए. अगर बड़े स्तर टेस्टिंग होती तो ये हालात नहीं बनते.
इसके साथ ही पवन बंसल ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जो आर्थिक सहायता दी जा रही है वो कम है. उन्होंने कहा कि पहली बार जो आर्थिक पैकेज केंद्र सरकार ने दिया था वो एक लाख 70 हजार करोड़ का बताया गया था. वो जीडीपी का करीब .8 हिस्सा था. आज के दौर में आंकड़े बड़े दिखाने की जरूरत नहीं है. हमें सही मायने में लोगों के लिए करना होगा.
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वहीं जब पवन बंसल से पूछा गया कि उन्हें क्या लगता है कि देश के हालात कबतक सामान्य हो पाएंगे? इस पर उन्होंने कहा कि वो इस पर राय दे पाने में सक्षम नही हैं, लेकिन ये बात अपने आप में ही एक बहुत बड़ी लगती है कि कितना समय लगेगा? इसका जो प्रभाव है वो इस वित्तीय वर्ष में तो रहेगा ही रहेगा, लेकिन आने वाले समय में भी इसका प्रभाव देखने को मिलेगा. इन हालातों में हमें इस तरीके से सोचना होगा कि हम किन चीजों को व्यवस्थित कर सकते हैं और आने वाले समय में किन-किन उद्योगों को हम खोल सकते हैं.