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खत्म हुई हड़ताल, चंडीगढ़ में बिजली कर्मचारियों की डीसी के साथ बैठक में बनी सहमति

चंडीगढ़ में बुधवार को बिजली कर्मचारियों की डीसी विनय प्रताप सिंह के साथ बैठक हुई. जिके बाद बिजली कर्मचारियों और प्रशासन के बीच सहमति बन गई है. बिजली कर्मचारियों ने धरना खत्म करने का फैसला (electricity workers ends strike in Chandigarh) किया है.

electricity workers ends strike in Chandigarh
electricity workers ends strike in Chandigarh
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Published : Feb 23, 2022, 4:54 PM IST

Updated : Feb 23, 2022, 9:50 PM IST

चंडीगढ़: चंडीगढ़ में चल रही बिजली कर्मचारियों की हड़ताल अब खत्म होने वाली है. बुधवार को बिजली कर्मचारियों और डीसी विनय प्रताप सिंह के बीच हुई बैठक के बाद बिजली कर्मचारियों ने धरना खत्म करने का फैसला कर (electricity workers ends strike in Chandigarh) लिया है. बैठक के बाद बिजली कर्मियों के नेता सुभाष लांबा ने कहा कि प्रशासन के साथ सहमति बन गई है. प्रशासन की तरफ से आधिकारिक निर्देश आने के बाद धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया जाएगा.

गौरतलब है कि 22 फरवरी को शुरू हुई हड़ताल करीब 36 घंटे बाद खत्म कर दी गई और लगभग पूरे चंडीगढ़ में बिजली को भी बहाल कर दिया गया, लेकिन हड़ताल खत्म करने की घोषणा के बाद भी सैकड़ों बिजली कर्मी धरना स्थल से उठने के लिए तैयार नहीं थे. जिसको लेकर चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से एक बैठक बुलाई गई जिसमें डीसी विनय प्रताप सिंह समेत कई अधिकारियों और बिजली यूनियन के नेताओं ने हिस्सा लिया.

बिजली कर्मचारियों की डीसी के साथ बैठक में बनी सहमति, धरना खत्म करने का लिया फैसला

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़: बिजली कर्मचारियों के नेता का वीडियो आया सामने, हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने की कर रहे अपील

बैठक के बाद चंडीगढ़ पावरमैन यूनियन के नेता सुभाष लांबा ने कहा कि बैठक के बाद बिजली यूनियन और प्रशासन के बीच सहमति बन गई है. प्रशासन और बिजली कर्मचारियों के बीच इस बात को लेकर सहमति बनी है कि यह मामला जब तक हाईकोर्ट में है, तब तक बिजली विभाग का निजीकरण नहीं किया जाएगा और निजीकरण की प्रक्रिया पूरी तरह से रोक दी जाएगी. हाई कोर्ट से फैसला आने के बाद ही इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. सुभाष लांबा ने कहा कि प्रशासन की ओर से इस मामले से जुड़े जरूरी कागजात हम तक पहुंचाने के बाद धरना प्रदर्शन समाप्त कर दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- 24 अप्रैल को होंगे हरियाणा में 51 नगर पालिका और नगर परिषदों के चुनाव: राज्य चुनाव आयुक्त

बता दें की बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ 22 फरवरी को शहर के सभी बिजली कर्मी हड़ताल पर चले गए थे. जिससे शहर की बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी. पूरे 36 घंटे शहर में बिजली नहीं थी. जिससे न सिर्फ आम लोगों को परेशानी हुई बल्कि उद्योग धंधों को भी काफी नुकसान पहुंचा और ट्रैफिक व्यवस्था भी चरमरा गई. हालांकि 23 फरवरी को दोपहर तक शहर में फिर से बिजली बहाल कर दी गई और हड़ताल को भी खत्म कर दिया गया. डीसी के साथ बैठक में सहमति बनने पर अब धरना भी खत्म किया जा रहा है.

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चंडीगढ़: चंडीगढ़ में चल रही बिजली कर्मचारियों की हड़ताल अब खत्म होने वाली है. बुधवार को बिजली कर्मचारियों और डीसी विनय प्रताप सिंह के बीच हुई बैठक के बाद बिजली कर्मचारियों ने धरना खत्म करने का फैसला कर (electricity workers ends strike in Chandigarh) लिया है. बैठक के बाद बिजली कर्मियों के नेता सुभाष लांबा ने कहा कि प्रशासन के साथ सहमति बन गई है. प्रशासन की तरफ से आधिकारिक निर्देश आने के बाद धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया जाएगा.

गौरतलब है कि 22 फरवरी को शुरू हुई हड़ताल करीब 36 घंटे बाद खत्म कर दी गई और लगभग पूरे चंडीगढ़ में बिजली को भी बहाल कर दिया गया, लेकिन हड़ताल खत्म करने की घोषणा के बाद भी सैकड़ों बिजली कर्मी धरना स्थल से उठने के लिए तैयार नहीं थे. जिसको लेकर चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से एक बैठक बुलाई गई जिसमें डीसी विनय प्रताप सिंह समेत कई अधिकारियों और बिजली यूनियन के नेताओं ने हिस्सा लिया.

बिजली कर्मचारियों की डीसी के साथ बैठक में बनी सहमति, धरना खत्म करने का लिया फैसला

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बैठक के बाद चंडीगढ़ पावरमैन यूनियन के नेता सुभाष लांबा ने कहा कि बैठक के बाद बिजली यूनियन और प्रशासन के बीच सहमति बन गई है. प्रशासन और बिजली कर्मचारियों के बीच इस बात को लेकर सहमति बनी है कि यह मामला जब तक हाईकोर्ट में है, तब तक बिजली विभाग का निजीकरण नहीं किया जाएगा और निजीकरण की प्रक्रिया पूरी तरह से रोक दी जाएगी. हाई कोर्ट से फैसला आने के बाद ही इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. सुभाष लांबा ने कहा कि प्रशासन की ओर से इस मामले से जुड़े जरूरी कागजात हम तक पहुंचाने के बाद धरना प्रदर्शन समाप्त कर दिया जाएगा.

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बता दें की बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ 22 फरवरी को शहर के सभी बिजली कर्मी हड़ताल पर चले गए थे. जिससे शहर की बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी. पूरे 36 घंटे शहर में बिजली नहीं थी. जिससे न सिर्फ आम लोगों को परेशानी हुई बल्कि उद्योग धंधों को भी काफी नुकसान पहुंचा और ट्रैफिक व्यवस्था भी चरमरा गई. हालांकि 23 फरवरी को दोपहर तक शहर में फिर से बिजली बहाल कर दी गई और हड़ताल को भी खत्म कर दिया गया. डीसी के साथ बैठक में सहमति बनने पर अब धरना भी खत्म किया जा रहा है.

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Last Updated : Feb 23, 2022, 9:50 PM IST
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