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बिजली विभाग का अद्भुत कारनामा! मृत शख्स के नाम दर्ज करवाई FIR

हरियाणा विद्युत प्रसारण से एक हैरतंगेज खबर सामने आई है, जहां विभाग ने एक मरे व्यक्ति के नाम पर एफआईआर करवा दी. कोर्ट ने भी इस मामले पर विभाग के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जवाब मांगा है.

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Published : Mar 21, 2019, 11:37 PM IST

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (फाइल फोटो)

चंडीगढ़: हरियाणा विद्युत प्रसारण ने एक अद्भुत कारनामा करके दिखाया है, जहां विभाग ने एक मृतक व्यक्ति के नाम एफआईआर करवा दी. निगम के इस कारनामे से मृतक के परिवार के साथ-साथ हाईकोर्ट ने भी हैरानगी जताई है.

क्या है मामला
मामला है कि समालखा तहसील की विद्युत प्रसारण निगम ने पवन कुमार नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ बिजली चोरी का मामला दर्ज करवाया था. जबकि इस व्यक्ति की मृत्यु 25 मई 2007 को हो चुकी है. अब विभाग के इस कारनामे के बाद मृतक की पत्नी ने हरियाणा बिजली वितरण के खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

मृतक की पत्नी मनीषा शर्मा ने हाई कोर्ट को बताया कि उसके पति की 2007 में मृत्यु हो गई थी और उसके पति का सरकारी रिकॉर्ड में स्वर्गीय पवन कुमार नाम दर्ज है. मनीषा ने कोर्ट को ये भी बताया कि बिजली का मीटर खराब था, जिसके लिए उसने एसडीओ समालखा को एक लेटर भी लिखा. आगे उसने बताया कि कुछ ही दिन बाद विभाग से कर्मचारी आए और बोले आपको मीटर खराब है आप पर लाखों का जुर्माना हो सकता है, लेकिन आप हमें 7000 दे दो हम नया मीटर लगवा देंगे.

बिजली विभाग ने जारी किया नोटिस
बिजली निगम ने कुछ दिनों बाद मनीषा को नोटिस भेजा और उसे 90 हजार का जुर्माना भरने को कहा. नोटिस में लिखा गया कि उसके घर पर 26 जून 2015 को बिजली चेकिंग की गई और उसको चोरी करते पकड़ा गया. जबकि मनीषा ने बताया कि सीएम विंडो पर शिकायत देने के बाद 26 जून 2015 को बिजली विभाग के कर्मचारी उसके घर आए और उसका पुराना मीटर उतार कर ले गए और नया मीटर लगा गए. जिसके बाद से उसने लगातार बिजली का बिल भरा है.

दफ्तर-दफ्तर की जा चुकी है शिकायत
याचिकाकर्ता के वकील प्रवीण रोहिला ने हाई कोर्ट को बताया कि बिजली विभाग के नियम के तहत अगर उपभोक्ता का मीटर जलता है और वह लगातार बिल पेमेंट करता है, तो उसे किसी तरह की कोई पेनेल्टी नहीं लगाई जा सकती. हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम के सेल क्लॉज 8.3.3 में यह स्पष्ट प्रावधान है.

साथ ही वकील प्रवीण रोहिला ने कहा कि इसके खिलाफ मनीषा ने एसडीओ राकेश दहिया को शिकायत दी थी. वहां मौजूद सीए सुनील अरोड़ा ने एसडीओ को बताया कि यह नोटिस एक्सईएन साहब ने तैयार करवाया था, क्योंकि यह महिला निगम के खिलाफ सीएम विंडो में शिकायत देने गई थी.

प्रवीण रोहिला, याचिकाकर्ता का वकील

हाईकोर्ट ने जताई आपत्ति
मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि यह क्या और कैसे किया जा रहा है. क्या सरकार की आंखें बिल्कुल बंद है. आखिर सरकार की तरफ से कोर्ट को क्यूं नहीं बताया गया कि पुलिस ने एफआईआर एसडीओ की शिकायत पर की है.

एसडीओ तो अभी जीवित है ना- कोर्ट
साथ ही कोर्ट ने निगम के अधिकारियों से कहा कि उन्होंने एसडीओ से पूछताछ क्यों नहीं की, एसडीओ तो अभी भी जीवित है ना. कोर्ट ने कहा की जब मृत्यु का नाम बिजली विभाग के रिकॉर्ड में स्वर्गीय के नाम से अंकित है, तो फिर ये कैसे हो सकता है. क्या निगम का काम को लोगों को मानसिक तौर पर तंग करना है. हाई कोर्ट में कड़ा रुख अपनाते हुए बिजली विभाग के एमडी, एक्सईएन, एसडीओ को इस मसले पर जवाब देने का आदेश दिया. इसी के साथ हाई कोर्ट ने इस मामले में दर्ज एफआईआर पर कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी है.

चंडीगढ़: हरियाणा विद्युत प्रसारण ने एक अद्भुत कारनामा करके दिखाया है, जहां विभाग ने एक मृतक व्यक्ति के नाम एफआईआर करवा दी. निगम के इस कारनामे से मृतक के परिवार के साथ-साथ हाईकोर्ट ने भी हैरानगी जताई है.

क्या है मामला
मामला है कि समालखा तहसील की विद्युत प्रसारण निगम ने पवन कुमार नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ बिजली चोरी का मामला दर्ज करवाया था. जबकि इस व्यक्ति की मृत्यु 25 मई 2007 को हो चुकी है. अब विभाग के इस कारनामे के बाद मृतक की पत्नी ने हरियाणा बिजली वितरण के खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

मृतक की पत्नी मनीषा शर्मा ने हाई कोर्ट को बताया कि उसके पति की 2007 में मृत्यु हो गई थी और उसके पति का सरकारी रिकॉर्ड में स्वर्गीय पवन कुमार नाम दर्ज है. मनीषा ने कोर्ट को ये भी बताया कि बिजली का मीटर खराब था, जिसके लिए उसने एसडीओ समालखा को एक लेटर भी लिखा. आगे उसने बताया कि कुछ ही दिन बाद विभाग से कर्मचारी आए और बोले आपको मीटर खराब है आप पर लाखों का जुर्माना हो सकता है, लेकिन आप हमें 7000 दे दो हम नया मीटर लगवा देंगे.

बिजली विभाग ने जारी किया नोटिस
बिजली निगम ने कुछ दिनों बाद मनीषा को नोटिस भेजा और उसे 90 हजार का जुर्माना भरने को कहा. नोटिस में लिखा गया कि उसके घर पर 26 जून 2015 को बिजली चेकिंग की गई और उसको चोरी करते पकड़ा गया. जबकि मनीषा ने बताया कि सीएम विंडो पर शिकायत देने के बाद 26 जून 2015 को बिजली विभाग के कर्मचारी उसके घर आए और उसका पुराना मीटर उतार कर ले गए और नया मीटर लगा गए. जिसके बाद से उसने लगातार बिजली का बिल भरा है.

दफ्तर-दफ्तर की जा चुकी है शिकायत
याचिकाकर्ता के वकील प्रवीण रोहिला ने हाई कोर्ट को बताया कि बिजली विभाग के नियम के तहत अगर उपभोक्ता का मीटर जलता है और वह लगातार बिल पेमेंट करता है, तो उसे किसी तरह की कोई पेनेल्टी नहीं लगाई जा सकती. हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम के सेल क्लॉज 8.3.3 में यह स्पष्ट प्रावधान है.

साथ ही वकील प्रवीण रोहिला ने कहा कि इसके खिलाफ मनीषा ने एसडीओ राकेश दहिया को शिकायत दी थी. वहां मौजूद सीए सुनील अरोड़ा ने एसडीओ को बताया कि यह नोटिस एक्सईएन साहब ने तैयार करवाया था, क्योंकि यह महिला निगम के खिलाफ सीएम विंडो में शिकायत देने गई थी.

प्रवीण रोहिला, याचिकाकर्ता का वकील

हाईकोर्ट ने जताई आपत्ति
मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि यह क्या और कैसे किया जा रहा है. क्या सरकार की आंखें बिल्कुल बंद है. आखिर सरकार की तरफ से कोर्ट को क्यूं नहीं बताया गया कि पुलिस ने एफआईआर एसडीओ की शिकायत पर की है.

एसडीओ तो अभी जीवित है ना- कोर्ट
साथ ही कोर्ट ने निगम के अधिकारियों से कहा कि उन्होंने एसडीओ से पूछताछ क्यों नहीं की, एसडीओ तो अभी भी जीवित है ना. कोर्ट ने कहा की जब मृत्यु का नाम बिजली विभाग के रिकॉर्ड में स्वर्गीय के नाम से अंकित है, तो फिर ये कैसे हो सकता है. क्या निगम का काम को लोगों को मानसिक तौर पर तंग करना है. हाई कोर्ट में कड़ा रुख अपनाते हुए बिजली विभाग के एमडी, एक्सईएन, एसडीओ को इस मसले पर जवाब देने का आदेश दिया. इसी के साथ हाई कोर्ट ने इस मामले में दर्ज एफआईआर पर कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी है.

Intro:क्या एक मरे हुए व्यक्ति के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो सकती है, जी हो सकती है, यह हैरतंगेज कारनामा हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम ने कर दिखाया है। निगम के इस कारनामे से मृतक के परिवार वालों के साथ साथ हाई कोर्ट ने भी हैरानी जताई है। हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है यह कैसे हो सकता है जो व्यक्ति 2007 में मर चुका है उस के खिलाफ कैसे एफआईआर हो सकती है।


Body:
जी हां यह मामला है हरियाणा के पानीपत के समालखा तहसील का जहां पर हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम ने पवन कुमार एक व्यक्ति के खिलाफ बिजली चोरी का मामला दर्ज करवा दिया। जबकि इस व्यक्ति की मृत्यु 25 मई 2007 को हो चुकी है। उतरी हरियाणाबिजली वितरण निगम के इस हैरतअंगेज कारनामे के खिलाफ मृतिका की पत्नी ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गुहार लगाई है। मृतिका की पत्नी मनीषा शर्मा ने हाई कोर्ट को बताया कि उसके पति की 2007 में मृत्यु हो गई थी और उसके पति सरकारी रिकॉर्ड में स्वर्गीय पवन कुमार नाम दर्ज है । मनीषा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि उसका बिजली का मीटर खराब था इस बाबत उसने एसडीओ समालखा को एक लेटर लिखा जिसमें कहा कि उसका मीटर बदला जाए उस दिन बाद कुछ बिजली कर्मचारी उसके घर आए और उसको बोला कि आपका मीटर खराब है और आप पर लाखों रुपए जुर्माना हो सकता है आप हमें केवल ₹7000 दे दो और हम आपका मीटर नया लगा देंगे ।
मनीषा ने कहा कि उसका मीटर खराब नहीं है जला हुआ है इसलिए वह रिश्वत क्यों दें।
इसके खिलाफ मनीषा ने सीएम विंडो में शिकायत की ।सीएम विंडो शिकायत देने के बाद कुछ बिजली कर्मचारी उसके घर आया और उसको बोला कि सीएम विंडो की शिकायत का एक महीने का निवारण करना होता है और आगे से कोई आपसे रिश्वत नहीं मांगेगा और उसके घर एक नया मीटर लगा कर चले गए । इस मौके पर उसके कहीं पड़ोसी भी मौजूद थे ।

इसके बाद कुछ दिनों बाद उसको बिजली निगम का नोटिस आया कि जिसमे उस पर बिजली चोरी का आरोप लगाया गया और उसे नब्बे हजार रुपये जुर्माना भरने को कहा गया।नोटिस में लिखा गया कि उसके घर 26 जून 2015 को बिजली की चेकिंग की गई और उसको चोरी करते पकड़े गया। जबकि सच्चाई है ठीक है सीएम विंडो में शिकायत देने के 26 जून 2015 को बिजली विभाग के कर्मचारी उसके घर आए और उसका पुराना मीटर उतार कर ले गए और नया मीटर लगा कर चले गए जब तक उस मीटरजला रहा उसका बिल आता रहा और वह बिल की पेमेंट भी करते रही। याचिकाकर्ता के वकील ने प्रवीण रोहिला ने हाई कोर्ट को बताया कि बिजली निगम के नियम के तहत। अगर उपभोक्ता का मीटर जलता है ओर वह लगातार बिल पेमेंट करता है तो उसे किसी तरह की कोई पेनेल्टी नहीं लगाई जा सकती। हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम के सेल क्लाजव 8.3. 3 में यह स्पष्ट प्रावधान है।



Conclusion:इसके खिलाफ मनीषा ने एसडीओ राकेश दहिया से मिलकर अपनी शिकायत रखी तभी वहां मौजूद CA सुनील अरोड़ा ने एसडीओ को बताया कि यह नोटिस ऐक्स ऐन साहब ने तैयार करवाया था क्योंकि यह महिला निगम के खिलाफ सीएम विंडो में शिकायतदेने गई थी। इसके तुरंत बाद एसडीओ ने उसके साथ बदतमीजी की और कहा कि वह जुर्माने की राशि तुरंत भर दे अन्यथा तुम सोच भी नही सकती तुमारे साथ क्या हो सकता है।
मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार वन हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि यह क्या और कैसे किया जा रहा है क्या सरकार की आंखें बिल्कुल बंद है इस पर सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि पुलिस ने एफआईआर SDO की शिकायत पर की है । इस पर कोर्ट ने निगम के अधिकारियों से कहा कि उन्हें सSDOपूछताछ क्यों नहीं की SDO तो भी अभी जीवित है ना। कोर्ट ने कहा की जब मृत्यु का नाम बिजली विभाग के रिकॉर्ड में ही स्वर्गीय के नाम से अंकित है तो फिर कैसे हो सकती है क्या निगम का काम को लोगों को मानसिक तौर पर तंग करना है। हाई कोर्ट में कड़ा रुख अपनाते हुए बिजली विभाग के एमडी, एक्स एन ,एस डी ओ से जवाब तलब करते हुए इस बारे में जवाब देने का आदेश दिया। इसी के साथ हाई कोर्ट ने इस मामले में दर्ज एफआईआर पर कार्रवाई पर रोक लगा दी।


बाइट

प्रवीण रोहिला, एड्वोकेट

शॉट: रिकॉर्ड





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