चंडीगढ़: ऐलनाबाद उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने सभी प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह (Election Commission allotted election symbols) बांट दिया है. राजनीतिक पार्टियों की ओर से नामित किए गए प्रत्याशी, अभय सिंह चौटाला को ऐनक, गोविंद कांडा को कमल और पवन बैनिवाल को हाथ का चुनाव चिन्ह मिला है. वहीं आजाद उम्मीदवारों को चुनाव आयोग की ओर से चुनाव चिन्ह जारी किया गया है. आपको बता दें कि इस बार ऐलानाबाद से कुल 19 प्रत्याशी मैदान में हैं, वहीं नोटा को 20 वां प्रत्याशी बनाया गया है.
बता दें कि ऐलनाबाद की सीट पर 30 अक्टूबर को मतदान होगा वहीं दो नवंबर को नतीजा घोषित किया जाएगा. जिला निर्वाचन अधिकारी और सिरसा उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि उपचुनाव को लेकर उनकी तरफ से पूरी तैयारियां हैं. वहीं ऐलनाबाद विधानसभा उपचुनाव (Ellenabad by-election) को लेकर चुनाव आयोग ने कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं.
चुनाव आयोग ने बताया कि कोविड के चलते इस उपचुनाव में कोई भी राजनीति पार्टी रोड शो (Ellenabad by-election road show banned) नहीं निकाल पाएगी. इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा. सभी पार्टी के उम्मीदवार 5-5 मेंबर के साथ डोर टू डोर वोटों की अपील कर सकते हैं.
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ऐलनाबाद सीट का इतिहास- बता दें कि, 27 जनवरी 2021 को किसान आंदोलन के समर्थन में इनेलो के ऐलनाबाद से विधायक अभय सिंह चौटाला ने इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद ऐलनाबाद की सीट खाली हो गई थी. कोरोना के कारण इस चुनाव को टाला जा रहा था, लेकिन अब जब तारीखों का एलान हो गया है तो ऐसे में ऐलनाबाद का चुनावी इतिहास भी जान लेते हैं. साल 2000 से लेकर 2019 के विधानसभा चुनाव तक यहां पर इनेलो के उम्मीदवारों का दबदबा रहा है. ऐलनाबाद सीट इंडियन नेशनल लोकदल की पारंपरिक सीट है. इससे पहले भी यहां दो बार उपचुनाव हो चुके हैं, और दोनों बार इनेलो ही जीती. सबसे पहले साल 1970 में ऐलनाबाद में उपचुनाव हुआ था जिसमें चौ. ओमप्रकाश चौटाला ने जीत का परचम लहराया.
दूसरी बार साल 2010 में उपचुनाव हुआ. जिसमें अभय सिंह चौटाला ने जीत दर्ज की. ऐलनाबाद की सीट साल 2009 में आरक्षित से हटकर सामान्य हो गई थी. अभय सिंह चौटाला पिछले तीन चुनाव से यहां से जीतते आ रहे हैं. पिछले चुनाव यानी 2019 के विधानसभा चुनाव में जरूर अभय चौटाला को बीजेपी के पवन बेनिवाल ने टक्कर दी थी. तब हार जीत का मार्जिन केवल 11 हजार 922 वोट था. अब देखना ये होगा कि ऐलनाबाद में जीत की हैट्रिक लगा चुके इनेलो नेता अभय चौटाला क्या एक बार फिर यहां से चुनाव लड़ेंगे और अगर लड़े तो क्या जीत दर्ज कर पाएंगे.
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