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लॉकडाउन: मोक्ष के द्वार पर लगा ताला! विसर्जन के इंतजार में पेड़ों पर टंगी अस्थियां

लॉकडाउन के बाद चंडीगढ़ के सभी श्मशान घाट के लॉकर फुल हो चुके हैं. ऐसे में अब अंतिम संस्कार के बाद अस्थि कलश श्मशान घाट में लगे पेड़ पर टांगी जा रही है. जो क‌र्फ्यू खुलने का इंतजार कर रही है. पढ़िए पूरी खबर...

Effect of lockdown on bone immersion in chandigarh
लॉकडाउन: मोक्ष के द्वार पर लगा ताला, विसर्जन के इंतजार में पेड़ों से टंगी अस्थियां
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Published : Apr 8, 2020, 3:44 PM IST

Updated : May 12, 2020, 3:24 PM IST

चंडीगढ़: कोरोना वायरस जहां दुनिया भर में इंसानों की जान लेने में तुला है. वहीं इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने मृतकों के लिए मोक्ष के द्वार भी बंद कर दिए हैं. लॉकडाउन की वजह से चंडीगढ़ के श्मशान घाटों में भी कई तरह की समस्याएं सामने आने लगी हैं. लोग अपने मृतक परिजनों की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने नहीं जा पा रहे हैं. वहीं अस्थियां ज्यादा होने की वजह से श्मशान घाट के लॉकर भी भर चुके हैं. आलम ये हो चला है कि लोग अब परिजनों की अस्थियां श्मशान घाट के पेड़ों पर टांग रहे हैं और इंतजार कर रहे हैं लॉकडाउन के खुलने का.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

मोक्ष के द्वार पर कोरोना वायरस का ताला !

चंडीगढ़ के श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार तो हो रहे हैं, लेकिन यहां से अस्थियां हरिद्वार गंगा तक प्रवाहित होने के लिए नहीं पहुंच रही हैं. लॉकडाउन के बाद चंडीगढ़ के सभी श्मशान घाट के लॉकर फुल हो चुके हैं. ऐसे में अब अंतिम संस्कार के बाद अस्थि कलश श्मशान घाट में लगे पेड़ पर टांगी जा रही है. जो क‌र्फ्यू खुलने का इंतजार कर रही हैं. इसके अलावा कई लोगों ने अपने परिजनों की अस्थियां लॉकर नहीं मिलने की वजह से कार की डिक्की में रख ली हैं, जबकि कुछ लोगों ने मंदिर के पास लगे पेड़ों पर अस्थिी कलश लटकाए हैं.

लॉकर फुल, पेड़ों पर टांगी जा रही अस्थियां

ट्राईसिटी में सबसे बड़ा श्मशान घाट सेक्टर-25 में है. इस घाट के प्रमुख पंडित गुलशन कुमार ने बताया कि उनके यहां पर 100 से ज्यादा अस्थियां रखने के लिए लॉकर हैं, जो कि पूरी तरह से भर चुके हैं. इस समय किसी को भी उत्तराखंड के हरिद्वार जाने की मंजूरी नहीं मिल रही है. इसलिए सभी लोग अपने परजिनों की अस्थियां लॉकर में रखकर जा चुके हैं.

ये भी पढ़िए: ईटीवी ने बताया, खानपुर मेडिकल कॉलेज में हुई ब्लड की कमी, रक्तदान के लिए पहुंचने लगे लोग

वहीं चंडीगढ़ के मनीमाजरा स्थित श्मशान घाट के प्रबंधक मदन आचार्य ने बताया कि चंडीगढ़ में तीन मुख्य श्मशान घाट हैं. सेक्टर 25 , इंडस्ट्री एरिया फेस वन और मनीमाजरा. तीनों श्मशान घाटों में अस्थियां रखने के लिए लॉकर फुल हो चुके हैं और यहां पर ऐसा कोई स्थान नहीं बचा है जहां अस्थियों को रखा जा सके.

खत्म हो रही श्मशान घाट में लकड़ियां

साथ ही उन्होंने बताया कि लॉक डाउन की वजह से चंडीगढ़ के श्मशान घाटों में लकड़ियां भी खत्म हो रही है. जिससे आने वाले दिनों में मृतकों के अंतिम संस्कार में समस्या खड़ी हो सकती है. उन्होंने बताया कि पहले एक महीने में 10 से 15 बार लकड़ी की ट्रॉलियां श्मशान घाट आ रही थी, लेकिन अब 2 से 3 बार ही लकड़ियां यहां पहुंच रही है.

इसके इलावा उन्होंने ये भी बताया कि आने वाले दिनों में गेंहू की कटाई शुरू हो जाएगी, जिसकी वजह से लकड़ी की कटाई और ढुलाई के लिए मजदूर नहीं मिल पाएंगे, क्योंकि ज्यादातर मजदूर गेंहू की कटाई में लग जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रशासन को गेहूं की कटाई से पहले लकड़ी का इंतजाम कर लेना चाहिए, ताकि आने वाले दिनों में लकड़ियों की किल्लत से बचा जा सके.

चंडीगढ़: कोरोना वायरस जहां दुनिया भर में इंसानों की जान लेने में तुला है. वहीं इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने मृतकों के लिए मोक्ष के द्वार भी बंद कर दिए हैं. लॉकडाउन की वजह से चंडीगढ़ के श्मशान घाटों में भी कई तरह की समस्याएं सामने आने लगी हैं. लोग अपने मृतक परिजनों की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने नहीं जा पा रहे हैं. वहीं अस्थियां ज्यादा होने की वजह से श्मशान घाट के लॉकर भी भर चुके हैं. आलम ये हो चला है कि लोग अब परिजनों की अस्थियां श्मशान घाट के पेड़ों पर टांग रहे हैं और इंतजार कर रहे हैं लॉकडाउन के खुलने का.

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मोक्ष के द्वार पर कोरोना वायरस का ताला !

चंडीगढ़ के श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार तो हो रहे हैं, लेकिन यहां से अस्थियां हरिद्वार गंगा तक प्रवाहित होने के लिए नहीं पहुंच रही हैं. लॉकडाउन के बाद चंडीगढ़ के सभी श्मशान घाट के लॉकर फुल हो चुके हैं. ऐसे में अब अंतिम संस्कार के बाद अस्थि कलश श्मशान घाट में लगे पेड़ पर टांगी जा रही है. जो क‌र्फ्यू खुलने का इंतजार कर रही हैं. इसके अलावा कई लोगों ने अपने परिजनों की अस्थियां लॉकर नहीं मिलने की वजह से कार की डिक्की में रख ली हैं, जबकि कुछ लोगों ने मंदिर के पास लगे पेड़ों पर अस्थिी कलश लटकाए हैं.

लॉकर फुल, पेड़ों पर टांगी जा रही अस्थियां

ट्राईसिटी में सबसे बड़ा श्मशान घाट सेक्टर-25 में है. इस घाट के प्रमुख पंडित गुलशन कुमार ने बताया कि उनके यहां पर 100 से ज्यादा अस्थियां रखने के लिए लॉकर हैं, जो कि पूरी तरह से भर चुके हैं. इस समय किसी को भी उत्तराखंड के हरिद्वार जाने की मंजूरी नहीं मिल रही है. इसलिए सभी लोग अपने परजिनों की अस्थियां लॉकर में रखकर जा चुके हैं.

ये भी पढ़िए: ईटीवी ने बताया, खानपुर मेडिकल कॉलेज में हुई ब्लड की कमी, रक्तदान के लिए पहुंचने लगे लोग

वहीं चंडीगढ़ के मनीमाजरा स्थित श्मशान घाट के प्रबंधक मदन आचार्य ने बताया कि चंडीगढ़ में तीन मुख्य श्मशान घाट हैं. सेक्टर 25 , इंडस्ट्री एरिया फेस वन और मनीमाजरा. तीनों श्मशान घाटों में अस्थियां रखने के लिए लॉकर फुल हो चुके हैं और यहां पर ऐसा कोई स्थान नहीं बचा है जहां अस्थियों को रखा जा सके.

खत्म हो रही श्मशान घाट में लकड़ियां

साथ ही उन्होंने बताया कि लॉक डाउन की वजह से चंडीगढ़ के श्मशान घाटों में लकड़ियां भी खत्म हो रही है. जिससे आने वाले दिनों में मृतकों के अंतिम संस्कार में समस्या खड़ी हो सकती है. उन्होंने बताया कि पहले एक महीने में 10 से 15 बार लकड़ी की ट्रॉलियां श्मशान घाट आ रही थी, लेकिन अब 2 से 3 बार ही लकड़ियां यहां पहुंच रही है.

इसके इलावा उन्होंने ये भी बताया कि आने वाले दिनों में गेंहू की कटाई शुरू हो जाएगी, जिसकी वजह से लकड़ी की कटाई और ढुलाई के लिए मजदूर नहीं मिल पाएंगे, क्योंकि ज्यादातर मजदूर गेंहू की कटाई में लग जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रशासन को गेहूं की कटाई से पहले लकड़ी का इंतजाम कर लेना चाहिए, ताकि आने वाले दिनों में लकड़ियों की किल्लत से बचा जा सके.

Last Updated : May 12, 2020, 3:24 PM IST
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